दिल्ली, जो आजकल अपनी आधुनिकता के लिए जानी जाती है, कभी एक सुकून और शांति से भरी हुई जगह हुआ करती थी। पुरानी दिल्ली के पारंपरिक व्यवसायों जैसे सिर चंपी, इतर-फुलेल, चाट-परांठे और आचार-मुरब्बे के कारोबार का समय अब धीरे-धीरे खत्म होता जा रहा है। इस लेख में हम दिल्ली की उस पुरानी सुकून वाली जिंदगी की यादों को ताजा करते हैं, जो आजकल की भागदौड़ वाली जिंदगी से बिलकुल अलग थी।