दलाई लामा (Dalai Lama) बौद्ध धर्म के सर्वोच्च आध्यात्मिक प्रमुख हैं. तिब्बती बौद्ध धर्म के अनुयायियों द्वारा उन्हें 14वें दलाई लामा के रूप में एक जीवित बोधिसत्व माना जाता है. संस्कृत में बोधिसत्व का मतलब अवलोकितेश्वर और तिब्बती में चेनरेजिग का अवतार माना गया है.
वे तिब्बती बौद्ध धर्म के गेलुग स्कूल के नेता और भिक्षु भी हैं. इसका औपचारिक नेतृत्व गंडेन त्रिपा करते हैं. उनके चयन के समय तिब्बत की केंद्रीय सरकार, गंडेन फोडरंग ने 1959 में दलाई लामा को लौकिक कर्तव्य सौंपे थे. दलाई लामा का जन्म 6 जुलाई 1935 को ताकत्सेर में हुआ था. वह एक किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं. उनका परिवार अमदो के पारंपरिक तिब्बती क्षेत्र में है. उन्हें 1937 में 13वें दलाई लामा के तुल्कु के रूप में चुना गया था और 1939 में बुमचेन शहर के पास एक सार्वजनिक घोषणा में औपचारिक रूप से 14वें दलाई लामा के रूप में मान्यता दी गई थी.)
तिब्बत पहुंचे चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कम्युनिस्ट पार्टी के लोकल कैडरों और अधिकारियों को कहा कि वे तिब्बती बौद्ध धर्म को चाइनीज मॉडल के समाजवाद के साथ जोड़ने के लिए काम करें. उन्होंने इस क्षेत्र को आधुनिक समाजवादी तिब्बत बनाने पर जोर दिया.
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने ल्हासा यात्रा में तिब्बत की भाषा, धर्म और संस्कृति को चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के एजेंडे में ढालने का संदेश दिया. उन्होंने मंदारिन भाषा, समाजवादी तिब्बत और जातीय एकता पर जोर दिया. जानिए तिब्बती पहचान पर चीन की रणनीति और भू-राजनीतिक संकेत.
भारत में तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा से चेक रिपब्लिक के राष्ट्रपति पेट्र पावेल की हालिया मुलाकात पर चीन ने कड़ा रुख अपनाया है. चीन ने इस मुलाकात के बाद चेक रिपब्लिक के राष्ट्रपति के साथ अपने सभी संबंध खत्म करने का फैसला किया है.
सोमवार को एंटरटेनमेंट की दुनिया में काफी चीजें हुईं. बॉलीवुड सुपरस्टार आमिर खान के घर से IPS ऑफिसर्स से भरी हुई बस पहुंची. जिसमें करीब 25 से ज्यादा आईपीएस ऑफिसर्स थे. फिल्म 'सैयारा' की ताबड़तोड़ कमाई के बीच इसका नाम विवाद से भी जुड़ रहा है.
बॉलीवुड स्टार सनी देओल ने तिब्बती आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा से मुलाकात की है. इस मुलाकात ने एक्टर के ऊपर गहरी छाप छोड़ी है.
भारत में चीनी दूतावास की प्रवक्ता ने दलाई लामा के उत्तराधिकारी के मुद्दे को भारत और चीन के संबंध के बीच कांटा बताया है. चीनी प्रवक्ता ने कहा है कि कुछ भारतीय रणनीतिक और शैक्षणिक लोगों ने दलाई लामा के पुनर्जन्म को लेकर गलत बयान दिए हैं.
आज बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा लद्दाख के दौरे पर पहुंचे. उनके हजारों अनुयायी लेह लद्दाख में उनके स्वागत के लिए मौजूद थे. लामा एक महीने तक लद्दाख में रहेंगे. इस दौरान उनकी हर एक गतिविधि पर चीन की नजर रहेगी. जब भी दलाई लामा लद्दाख आते हैं, चीन की चिंताएं बढ़ जाती हैं. वे एकमात्र ऐसे धार्मिक गुरु हैं जिनके पीछे पूरा लद्दाख और वहां की आबादी हमेशा खड़ी रही है.
असल में अवलोकितेश्वर में तिब्बती बौद्ध धर्म में सबसे बड़े देवता हैं. बल्कि ऐसा कहना चाहिए कि बौद्ध परंपरा में 'अवलोकितेश्वर' सबसे बड़े देवता के तौर पर जाने और पूजे जाते हैं. बौद्ध परंपरा उन्हें 'करुणा' के मू्र्त स्वरूप में देखती है और बोधिसत्व के सबसे लोकप्रिय स्वरूपों में से एक मानती है. ये माना जाता है कि अगर करुणा-दयालुता और निश्चल प्रेम का कोई चेहरा हो तो वह अवलोकितेश्वर का ही होगा.
अरुणाचल प्रदेश के सीएम पेमा खांडू ने इस बात को भी माना कि 1950 में चीन ने वहां आकर तिब्बत पर जबरदस्ती कब्जा किया, इससे इनकार नहीं किया जा सकता है, ये बात अलग है, आधिकारिक तौर पर तिब्बत अब चीन के अधीन है. इससे इनकार नहीं किया जा सकता. लेकिन हम मूल रूप से तिब्बत के साथ सीमा साझा करते हैं. चीन के साथ नहीं.
14वें दलाई लामा का असली नाम ल्हामो धोंडुप था. तिब्बत में जन्मे दलाई लामा को बचपन में ही 13वें दलाई लामा का पुनर्जन्म माना गया. आज उन्हें तेन्ज़िन ग्यात्सो के नाम से पूरी दुनिया जानती है.
रविवार को तिब्बत के आध्यात्मिक धर्मगुरु दलाई लामा का जन्मदिन था जिसे भारत में धूमधाम से मनाया गया. दलाई लामा को जन्मदिन पर पीएम मोदी ने भी बधाई दी जिसके बाद चीन ने आपत्ति जताई है.
PM Modi ने Dalai Lama को दी जन्मदिन की बधाई तो तिलमिलाया China
बौद्ध धर्म के सबसे बड़े धर्मगुरु दलाई लामा ने अपना 90वां जन्मदिन मनाया. धर्मशाला में भव्य समारोह आयोजित किया गया. इस अवसर पर भारत ने चीन को कई संदेश दिए. सभी ने दलाई लामा से सीखते रहने पर बल दिया. हालांकि, चीन ने दलाई लामा के उत्तराधिकारी से जुड़े बयानों की आलोचना की है. देखें विशेष.
दलाई लामा के शब्दों में पलायन बहुत भारी और बेहद कठिनता से भरा फैसला था. 17 मार्च की उस धुंधली रात को, मैंने एक सैनिक की वर्दी में छद्म वेश धारण किया. अपनी मां, भाई-बहनों, शिक्षकों और कुछ वफादार अधिकारियों के साथ, अंधेरे में ही नोरबुलिंगका के पिछले द्वार से हम सभी निकल गए.
तिब्बती बौद्धों के आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा ने धर्मशाला के त्सुगलाखांग मंदिर में अपना 90वां जन्मदिन धूमधाम से मनाया. चीन ने दलाई लामा के पुनर्जन्म पर तीखी प्रतिक्रिया दी. चीन का कहना है कि दलाई लामा के पास पुनर्जन्म प्रणाली पर फैसले लेने का कोई अधिकार नहीं है.
दलाई लामा के नब्बेवें जन्मदिन के अवसर पर उनके उत्तराधिकार का मुद्दा चर्चा में है. चीन ने उत्तराधिकारी की घोषणा के लिए स्वर्ण कलश प्रक्रिया का आग्रह किया है. इस पर किरण रिजिजू ने स्पष्ट कहा कि "दलाई लामा के अलावा किसी और को ये तय करने का अधिकार ही नहीं है."
तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा के 90वें जन्मदिन पर धर्मशाला में भव्य जश्न की तैयारियां चल रही हैं. मैकलोडगंज में मुख्य मंदिर को सजाया गया है और केक काटने की भी पूरी तैयारी कर ली गई है. इस समारोह में केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू और हॉलीवुड स्टार रिचर्ड गेरे सहित कई गणमान्य व्यक्ति शामिल हो रहे हैं.
तिब्बती बौद्धों के आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा 90 साल के हो गए हैं. इस खास अवसर पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें सोशल मीडिया के जरिए दीर्घायु और स्वस्थ जीवन की शुभकामनाएं दीं, साथ ही उनके प्रेम, करुणा और धैर्य के संदेश को सराहा. अमेरिका ने भी दलाई लामा को जन्मदिन की बधाई दी और तिब्बत के लोगों के धार्मिक स्वतंत्रता और मानवाधिकारों के समर्थन का दोहराया.
तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा का 90वां जन्मदिन मनाया जा रहा है. हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में विशेष आयोजन किए गए हैं. धर्मशाला में बने तिब्बती मठ में आयोजित इस समारोह में हजारों भक्त और अनुयायी एकत्रित हुए हैं. इस अवसर पर यह भी कहा जा रहा है कि दलाई लामा अपना उत्तराधिकारी घोषित कर सकते हैं.
आज से 66 साल पहले क्या हुआ, कैसे हुआ और परिस्थितियां कैसी थीं? दलाई लामा अपनी बॉयोग्राफी में उस दौरा का बड़ी निराशा भरे शब्दों में जिक्र करते हैं. My Land My People किताब में दलाई लामा लिखते हैं कि तिब्बत में स्थितियां खराब होने लगी थीं, क्योंकि चीनी हस्तक्षेप अब खुलकर बढ़ने लगा था.
मैक्लोडगंज में रेड या तलाशी अभियान से जुड़ी खबरों के बारे में जानकारी देते हुए NIA ने कहा कि मैक्लोडगंज में दलाई लामा की सुरक्षा या खालिस्तानी आतंकी फंडिंग से जुड़े किसी भी मामले में छापेमारी नहीं की गई है. ये कार्रवाई ‘अमेरिका डंकी रूट’ मानव तस्करी मामले से संबंधित थी, जिसके बारे में पहले जानकारी दी गई थी.