चंद्रयान-4 (Chandrayaan 4) भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का एक नियोजित चंद्र सैंपल-वापसी मिशन (Lunar Sample-Return Mission) है. इसमें चार मॉड्यूल शामिल हैं जैसे ट्रांसफर मॉड्यूल (टीएम), लैंडर मॉड्यूल (एलएम), एसेंडर मॉड्यूल (एएम) और रीएंट्री मॉड्यूल (आरएम). 17 नवंबर 2023 को, पुणे में आईआईटीएम के 62वें स्थापना दिवस समारोह के दौरान अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र (एसएसी) के निदेशक नीलेश एम देसाई ने 'चंद्र सैंपल वापसी मिशन' की योजना का खुलासा किया गया था.
राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस 2025 ने भारत की अंतरिक्ष यात्रा को गर्व के साथ प्रदर्शित किया. PSLV की शुरुआत से लेकर गगनयान और भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन तक, इसरो ने दुनिया को दिखाया कि भारत अंतरिक्ष में कितना सक्षम है. चंद्रयान-3 की सफलता ने नई पीढ़ी को प्रेरित किया. BAS जैसे प्रोजेक्ट भारत को अंतरिक्ष महाशक्ति बनाएंगे.
इसरो ने राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस 2025 पर भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (BAS) का मॉडल पेश किया. 2028 में पहला मॉड्यूल और 2035 तक पूरा स्टेशन बनेगा. BAS-01 का वजन 10 टन होगा. यह 450 किमी ऊपर होगा. यह स्वदेशी तकनीक, वैज्ञानिक अनुसंधान और अंतरिक्ष पर्यटन को बढ़ावा देगा. भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल होगा, जो अंतरिक्ष स्टेशन चलाते हैं.
प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री डॉक्टर जितेंद्र सिंह ने बुधवार को लोकसभा में ये जानकारी दी है कि सरकार की योजना में भारत नाम से अपना अंतरिक्ष स्टेशन बनाने की है. उन्होंने ये भी कहा है कि 2040 में चांद पर भारतीय मूल का व्यक्ति कदम रखेगा.
अंतरिक्ष स्टेशन में फंसी सुनीता विलियम्स की वापसी की तारीफ आ गई है. वो भारतीय समयानुसा 19 मार्च को सुबह 3 बजकर 27 मिनट पर अन्य तीन अंतरिक्ष यात्रियों के साथ धरती पर वापस लौटेंगी. वही केंद्र सरकार ने चंद्रयान 5 को मंजूरी दे दी है. देखें वीडियो.
Chandrayaan-4: भारत 2027 में चंद्रयान-4 मिशन लॉन्च करेगा. यह चंद्रमा की सतह से नमूने इकट्ठा करेगा और उन्हें पृथ्वी पर वापस लाएगा. इस मिशन में कई कमाल की चीजें होंगी. अंतरिक्ष में डॉकिंग और अनडॉकिंग होगी.
ISRO बड़े मिशन की तैयारी कर चुका है. लॉन्च पैड पर रॉकेट पहुंच चुका है. उसकी ऊपरी नाक में SpaDeX सैटेलाइट लगा दिए गए हैं. इस बार रॉकेट की नाक नुकीली नहीं थोड़ी चपटी है. लॉन्चिंग संभवतः 30 दिसंबर या उससे पहले हो सकती है. इसरो ने फिलहाल तारीख नहीं बताई है. आप यहां देखिए इसरो की बेहतरीन तस्वीरें...
सोमनाथ ने कहा, 'भारत का विजन 2047 हमारे स्पेस प्रोग्राम को बदलने और हमारी स्पेस इकोनॉमी का विस्तार करने के लिए एक ऐतिहासिक और दीर्घकालिक प्रतिबद्धता को दिखाता है. यह एक ऐसे भविष्य के बारे में बात करता है जहां आर्थिक विकास, राष्ट्रीय सुरक्षा और तकनीकी नवाचार अंतरिक्ष से संचालित होता है.' उन्होंने बताया कि भारत में 450 निजी कंपनियां स्पेस सेक्टर, लॉन्चिंग और सैटेलाइट बिल्डिंग में शामिल हैं.
ISRO तैयार है. Chandrayaan-4 अगले चार साल में लॉन्च करने की प्लानिंग है. इस बार ये मिशन कई जटिल तकनीकी घटनाओं का मिश्रण होगा. इस मिशन में कई कमाल की चीजें होंगी. चांद से मिट्टी-पत्थर का सैंपल धरती पर लाया जाएगा. अंतरिक्ष में डॉकिंग-अनडॉकिंग होगी.
ISRO तैयार है. Chandrayaan-4 अगले चार साल में लॉन्च करने की प्लानिंग है. इस बार ये मिशन कई जटिल तकनीकी घटनाओं का मिश्रण होगा. इस मिशन में कई कमाल की चीजें होंगी. चांद से मिट्टी-पत्थर का सैंपल धरती पर लाया जाएगा. अंतरिक्ष में डॉकिंग-अनडॉकिंग होगी.
Chandrayaan 4 Mission: बड़ी खुशखबरी आई है... भारत सरकार ने ISRO के चंद्रयान-4 मिशन को मंजूरी दे दी है. इस मिशन में कई कमाल की चीजें होंगी. चांद से सैंपल धरती पर आएगा. अंतरिक्ष में डॉकिंग और अनडॉकिंग होगी. आइए जानते हैं कि इस मिशन में क्या चीजें खास हैं?
ISRO प्रमुख डॉ. एस. सोमनाथ ने कहा कि Chandrayaan-4 और 5 की डिजाइन तैयार है. साथ ही अगले पांच साल में 70 सैटेलाइट लॉन्च करने की प्लानिंग है. अगले चंद्रयान मिशन का अप्रूवल सरकार के पास पेंडिंग है. जैसे ही अप्रूवल मिलेगा, चंद्रयान का अगला मिशन तैयार कर दिया जाएगा.
ISRO चीफ डॉ. एस. सोमनाथ ने कहा है कि Chandrayaan-4 को एक बार में लॉन्च नहीं किया जाएगा. इसे दो हिस्सों लॉन्च किया जाएगा. इसके बाद अंतरिक्ष में इसके मॉड्यूल्स को जोड़ा जाएगा. यही तकनीक भविष्य में भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन बनाने में मदद करेगी.
Japan का SLIM मून मिशन सफलतापूर्वक चांद की सतह पर उतर चुका है. इसके साथ ही जापान ये सफलता हासिल करने वाला दुनिया पांचवां देश बन गया है. जापान के अंतरिक्षयान ने धरती से चांद तक पहुंचने के लिए 5 महीने की यात्रा की.
भारत का चंद्रयान-3 मिशन चल रहा है. उधर, Chandrayaan-4 की सुगबुगाहट शुरू हो चुकी है. इस मिशन में भारत के साथ जापानी स्पेस एजेंसी भी काम करेगी. फिलहाल बेहद शुरुआती स्तर पर बातचीत चल रही है. जापानी वैज्ञानिक इस साल इसरो दौरे पर भी आए थे. आइए जानते हैं इस मिशन के बारे में...