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PAK के विमानों की मौत... भारत की नई मिसाइल गांडीव लाइव फायर के लिए रेडी, परीक्षण जल्द

भारत बहुत जल्द अपनी नई मिसाइल का परीक्षण करने वाला है. इसका नाम गांडीव है. इसके वायुसेना में शामिल होने पाकिस्तान और चीन की हालत खराब होगी. उनके रडार, विमान या अवॉक्स खतरे में पड़ जाएंगे. इसकी रेंज 300 से 350 किलोमीटर हैं. ये 5370 km/hr की रफ्तार से दुश्मन की ओर बढ़ेगी.

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Su-30 MKI फाइटर जेट में तैनात गांडीव मिसाइल की फाइल फोटो डीआरडीओ से मिली है.
Su-30 MKI फाइटर जेट में तैनात गांडीव मिसाइल की फाइल फोटो डीआरडीओ से मिली है.

इंडियन एयरफोर्स और DRDO मिलकर जल्द ही भारत की नई मिसाइल का परीक्षण करने वाले हैं. इस मिसाइल का नाम गांडीव हैं. असल में यह Astra Mk-III मिसाइल है. ये एक बियोंड-विजुअल-रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल (BVRAAM) है, जो सॉलिड फ्यूल डक्टेड रैमजेट (SFDR) इंजन से चलती हैं. इसकी रेंज 300-350 KM है. गांडीव भारतीय वायु सेना (IAF) के लिए हवाई युद्ध को सुपीरियर करने वाला है. 

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गांडीव का विकास और महत्व

गांडीव का नाम महाभारत के अर्जुन के प्रसिद्ध धनुष ‘गांडीव’ के नाम पर रखा गया है. यह मिसाइल उच्च गति और अत्यधिक मैन्युअवरेबल दुश्मन विमानों, जैसे स्टील्थ फाइटर, बमवर्षक और एयरबोर्न वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम (AWACS) जैसे महत्वपूर्ण लक्ष्यों को निशाना बनाने के लिए डिजाइन की गई है.

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Gandiv Missile DRDO
ये है Astra Mk-2 मिसाइल जो गांडीव के पहले बनाई गई थी. (फाइल फोटोः DRDO)

इसके पुराने वर्जन अस्त्र Mk-1 (80-110 किलोमीटर रेंज) और Mk-2 (140-160 किलोमीटर रेंज) पारंपरिक रॉकेट मोटर पर निर्भर करते हैं, जबकि गांडीव SFDR प्रणाली है. यह तकनीक वायुमंडलीय ऑक्सीजन का उपयोग करती है, जिससे मिसाइल हल्की और अधिक कुशल हो जाती है. यह मच 5370 km/hr की रफ्तार से दुश्मन की ओर बढ़ेगी. 

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गांडीव की खासियतें

  • रेंज: 340 किलोमीटर (20 किलोमीटर की ऊंचाई पर) और 190 किलोमीटर (8 किलोमीटर की ऊंचाई पर).
  • थ्रस्ट एडजस्टमेंट: इसका थ्रॉटलेबल रैमजेट इंजन mid-flight में थ्रस्ट को बदल सकता है, जिससे no-escape zone (NEZ) बढ़ जाता है.
  • लक्ष्य पर निशाना: ±10 किलोमीटर की snap-up/snap-down क्षमता और 20 डिग्री का एंगल ऑफ अटैक, जो इसे अत्यधिक मैन्युअवरेबल विमानों को निशाना बनाने में सक्षम बनाता है.
  • दुश्मन की तुलना में बेहतर: चीन के PL-15 (200-300 किलोमीटर) और पाकिस्तान के AIM-120C AMRAAM (105-120 किलोमीटर) की तुलना में ज्यादा रेंज.

Gandiv Missile DRDO

विकास की स्थिति

डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) गांडीव के लिए लाइव-फायर और एक्सट्रीम एनवेलप ट्रायल की तैयारी कर रहा है. ये ट्रायल मिसाइल की प्रोप्लशन, गाइडेंस, एयरोडायनामिक्स और अधिकतम रेंज और गति पर लक्ष्य को इंटरसेप्ट करने की क्षमता को परखेंगे.

दिसंबर 2024 में ओडिशा के इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज से सफल ग्राउंड-बेस्ड लॉन्च हुआ, जिसमें SFDR की कार्यक्षमता, इंडिजिनस एक्टिव रडार सीकर (संभवतः AESA डिजाइन) और AWACS या लॉन्च प्लेटफॉर्म से mid-course गाइडेंस अपडेट्स के लिए दो-तरफा डेटा लिंक की पुष्टि हुई थी. 

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Gandiv Missile DRDO

Su-30MKI पर तैनात होगी मिसाइल

Su-30MKI, जो पहले से ही अस्त्र Mk-1 के साथ एकीकृत है, पर कैप्टिव कैरिज ट्रायल चल रहे हैं. ये ट्रायल मिसाइल को लॉन्च किए बिना विमान के साथ उसकी कंपेटिबिलिटी को सुनिश्चित करते हैं. यह ट्रायल Su-30MKI की IAF में महत्व को दर्शाता है. भविष्य में गांडीव को अन्य प्लेटफॉर्म्स जैसे HAL तेजस, मिग-29, राफेल और एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) पर भी तैनात करने की योजना है. 

‘आत्मनिर्भर भारत’ का हिस्सा

गांडीव मिशन ‘आत्मनिर्भर भारत’ का एक हिस्सा है, जो भारत की रक्षा प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देता है. यह मिसाइल न केवल क्षेत्रीय खतरे का मुकाबला करेगी, बल्कि भारत को वैश्विक स्तर पर एक मजबूत रक्षा शक्ति के रूप में स्थापित करेगी.

अस्त्र Mk-III ‘गांडीव’ भारतीय वायु सेना के लिए एक गेम चेंजर साबित हो सकता है. इसकी लंबी रेंज, स्टील्थ क्षमता और अत्यधिक मैन्युअवरेबल लक्ष्यों को निशाना बनाने की क्षमता इसे दुश्मन की मिसाइलों से बेहतर बनाती है. लाइव-फायर और एक्सट्रीम एनवेलप ट्रायल्स के साथ, गांडीव जल्द ही भारतीय वायु सेना की ताकत बन सकता है. 

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