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कितना सेफ है Incognito Mode? क्या कोई चेक कर सकता है आपकी ब्राउजिंग हिस्ट्री?

Can Incognito Mode Be Hacked: क्या आप भी इनकॉग्निटो मोड को सेफ समझते हैं? अक्सर लोग कुछ चीजों को सर्च करने के लिए इस मोड का इस्तेमाल करते हैं. मगर क्या हो कि कोई आपके इनकॉग्निटो मोड की हिस्ट्री निकालकर रख दे. ऐसा हो सकता है और हैकर्स बड़ी ही आसानी से ऐसा कर सकते हैं. आइए जानते हैं इनकॉग्निटो मोड और उससे जुड़ी कुछ जरूरी बातों के बारे में.

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क्या Incognito Mode में हैकर लगा सकते हैं सेंधमारी?
क्या Incognito Mode में हैकर लगा सकते हैं सेंधमारी?

आजकल प्राइवेसी और सिक्योरिटी की चिंता हर किसी को लगी रहती है. बहुत से लोग इटरनेट यूज़ करते समय ब्राउज़र में इनकॉग्निटो मोड ऑन करते हैं. लोगों को लगता है कि इस तरह से उनकी ब्राउजि़ंग हिस्ट्री पूरी तरह सुरक्षित रहेगी. क्या सच में ऐसा है? दरअसल, अगर आपके डिवाइस में हैकर्स सेंधमारी कर लेते हैं, तो उन्हें आपके बारे में सब कुछ पता चल जाएगा.  

हैकर्स बड़ी ही आसानी से पता लगा सकते हैं कि आपने इंकॉग्निटो मोड में क्या सर्च किया है. मगर ये सब कैसे हो सकता है? इसके लिए हमें कुछ पॉइंट्स को समझना होगा.

कैसे काम करता है Incognito Mode?

जब हम ब्राउज़र में इनकॉग्निटो मोड ऑन करते हैं तो ये यूज़र की ब्राउजि़ंग एक्टिविटी को अलग करके एक सेपरेट ब्राउजिंग सेशन स्टार्ट कर देता है. इनकॉग्निटो मोड इंटरनेट यूज़ करने के दौरान ब्राउज़र हमारी ब्राउजि़ंग हिस्ट्री, कुकिज़, फॉर्म डेटा, पासवर्ड और टेम्परेरी डेटा स्टोर नहीं करता है.

इसे यूज़ करने के कई फायदे हैं जैसे कि कुकिज़ स्टोर ना करने की वजह से, वेबसाइट्स यूज़र्स का इंटरनेट बिहेवियर ट्रैक नहीं कर पाती. कई ब्राउज़र मे Incognito Mode एक्टिव होने के दौरान डाउनलोड कि गई फाइल्स भी हाइड हो जाती हैं. 

Incognito Mode यानी ज्यादा प्राइवेसी?  

इनकॉग्निटो मोड की सबसे बड़ी खासियत हैं कि ये आपकी ब्राउजिंग हिस्ट्री और कूकिज़ डिवाइस में सेव नहीं करता. यानी कि कोई और आपकी ब्राउजिंग एक्टिविटी देख नहीं पाता है. ये फीचर तब बहुत काम आता है जब एक ही डिवीइस के मल्टीपल यूज़र हों, जैसे कि साइबर कैफे या ऑफिस कंप्यूटर. 

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क्या हैक हो सकता है Incognito Mode?

भले ही इनकॉग्निटो मोड आपकी वेब ब्राउजिंग को सेफ रखता हो, लेकिन इसका मतलब ये बिल्कुल भी नहीं है कि ये हैक नहीं हो सकता है. दरअसल, इनकॉग्निटो मोड को इस तरह से नहीं डिज़ाइन किया गया है कि वो आपको हैकिंग या मालवेयर से बचा सके. 

अगर आपका डिवाइस किसी हैकर के हाथ लग जाता है तो हो सकता है कि आपकी ब्राउजिंग का सारा कच्चा-चिट्ठा खुल जाए. ये काम स्क्रीनशॉट ले के, की-स्ट्रोक लॉग-इन करके या फिर मालवेयर के मदद से हो सकता है. इसके आलावा आपके डिवाइस का DNS Cache चेक करके भी ब्राउजिंग हिस्ट्री देखी जा सकती है. 

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