ऐपल अपने फोन्स में से इनोवेशन के नाम पर कई फीचर्स हटा चुका है. पहले 3.5mm ऑडियो जैक होल और फिर टच आईडी को रिमूव करने वाले ऐपल को अब एक फीचर iPhone से मजबूरी में हटाना होगा. इस वजह यूरोपीय यूनियन का एक फैसला है.
दरअसल, EU यानी यूरोपीय यूनियन ने साल 2024 तक सभी कंपनियों को अपने मोबाइल फोन, टैबलेट और कैमरा में एक जैसे चार्जिंग पोर्ट देने के लिए कहा है. एक जैसे क्या अब हर फोन, टैबलेट और कैमरे में USB टाइप-सी चार्जिंग पोर्ट देना होगा.
EU ने पिछले साल USB टाइप-सी पोर्ट को सभी डिवाइसेस के लिए स्टैंडर्ड पोर्ट करार दिया था. हाल में आए फैसले से ऐपल को सबसे ज्यादा झटका लगा है. दरअसल, ज्यादातर एंड्रॉयड स्मार्टफोन में USB Type-C पोर्ट मिलता है, जबकि ऐपल iPhone में लाइटनिंग पोर्ट देता है.
फोन्स के बॉक्स से चार्जर तक को हटा देने वाले ऐपल के लिए इस फैसले को मानना भारी पड़ रहा है. कंपनी दलील दे रही है कि इससे इनोवेशन खत्म हो जाएगा. इनोवेशन कितना खत्म होगा इसकी तो जानकारी नहीं है, लेकिन ऐपल की कमाई पर अंकुश जरूर लगेगा.
चूंकि, ऐपल iPhone के साथ बॉक्स में चार्जर नहीं देता है. इसलिए यूजर्स को इसके लिए अलग से चार्जर खरीदना पड़ता है. कंपनी लाइटनिंग केबल जरूर देती है, लेकिन एडॉप्टर के लिए यूजर्स को पैसे खर्च करने होते हैं. ऐसे में जब सभी डिवाइसेस के लिए एक जैसे चार्जर होंगे, तो निश्चित तौर पर ऐपल के बिजनेस पर इसका प्रभाव पड़ेगा.
इस साल लॉन्च होने वाले फोन्स यानी iPhone 14 सीरीज का प्रोडक्शन अपने अंतिम चरण में है. ऐसे में कंपनी कोई बदलाव करे यह संभव नहीं है. वैसे भी यूरोपीय यूनियन ने स्मार्टफोन कंपनियों को साल 2024 तक की मोहलत दी है. उम्मीद है कि अगले साल या फिर साल 2024 में लॉन्च होने वाले iPhone सीरीज में ऐपल टाइप-सी चार्जिंग पोर्ट दे सकता है.
ऐपल अपने फोन्स के साथ बॉक्स में चार्जर नहीं देता है. यह सभी को पता है. हालांकि, कुछ देशों में ऐपल को फोन के साथ बॉक्स में चार्जर देना होता है. ब्राजील ऐसा ही एक देश है. भारत में भी कंपनी बिना चार्जर के ही फोन बेचती है.
इस बात की संभावना है कि ऐपल सिर्फ EU रीजन में ही टाइप-सी पोर्ट वाले स्मार्टफोन स्प्लाई करे. दुनिया के दूसरे देशों में कंपनी लाइटनिंग पोर्ट वाला ही iPhone बेच सकती है. हालांकि, इस बारे में अभी तक कोई आधिकारिक जानकारी नहीं आई है.