भारत रविवार को साउथ अफ्रीका के खिलाफ तीन मैचों की ODI सीरीज के पहले मुकाबले में उतरते हुए सेलेक्शन संबधी उलझनों को सुलझाने की कोशिश करेगा. इस सीरीज में रोहित शर्मा और विराट कोहली भी भाग लेने जा रहे हैं. उनके लिए यह सीरीज एक बार फिर 2027 वर्ल्ड कप से पहले का शॉर्ट वर्जन ‘ऑडिशन’ होगी. हालांकि रोहित और कोहली का हालिया रिकॉर्ड शानदार रहा है. वहीं कोहली का तो रांची में बल्ला खूब चला है.
रोहित और कोहली अब सिर्फ वनडे फॉर्मेट में खेलते हैं, और भारत अगले दो महीनों में सिर्फ छह ODI खेलेगा. तीन साउथ अफ्रीका के खिलाफ और तीन जनवरी में न्यूजीलैंड के खिलाफ. ऐसे में इन दोनों दिग्गजों को हर हाल में इन दो सीरीज में चलना होगा.
दोनों ही सीरीज में RO-KO का प्रदर्शन 2027 ODI वर्ल्ड कप की संभावनाओं पर सीधा असर डाल सकता है. क्योंकि इन दोनों सीरीज से या तो उनके करियर को आगे गति मिलेगी, या उन्हें करियर के The End की ओर थोड़ा और धकेल सकता है.
तो रोहित को याद आएगा 2013 का वो मैच, जहां से वो बने ओपनर....
दिलचस्प बात यह है कि 2013 में इसी JSCA स्टेडियम में रोहित शर्मा पहली बार फुल-टाइम ओपनर के रूप में उतरे थे. कैप्टन कूल महेंद्र सिंह धोनी के उस फैसले ने रोहित शर्मा के करियर को ही बदल दिया. इससे ना केवल रोहित का व्हाइट बॉल करियर बदल गया, बल्कि भारत की ODI सोच को भी नए सिरे से परिभाषित किया.
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एक दशक बाद, 38 वर्षीय रोहित फिर रांची लौट रहे हैं, इस बार एक अलग तरह के पुनर्निर्माण की तलाश में उतरेंगे. खासकर तब जब भारत को घरेलू टेस्ट सीरीज में हार का सामना करना पड़ा है. भारत के लिए यह ODI सीरीज अगले साल घर में होने वाले T20 वर्ल्ड कप की शैडो में खेली जा रही है.
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रोहित ने तब वो मैच बतौर ओपनर 23 अक्टूबर 2013 को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला था और वो 9 रन बनाकर दूसरे ओपनर शिखर धवन (14) के साथ नाबाद लौटे थे. उस मैच का नतीजा बारिश की वजह से नहीं निकल सका था. ऑस्ट्रेलिया ने तब पहले खेलते हुए वनडे में 295 रन बनाए थे.
गंभीर पर भी होगा वनडे सीरीज में प्रेशर
हेड कोच गौतम गंभीर भी इस सीरीज में दबाव में नजर आएंगे, भले ही उनका पद खतरे में नहीं है क्योंकि उनका कॉन्ट्रैक्ट 2027 वर्ल्ड कप तक है.
टेस्ट सीरीज हार के बाद उनके फैसले और चयन प्रक्रिया पर सवाल उठे हैं. यह ODI सीरीज गंभीर के लिए एक मौका है कि वे भारत की व्हाइट-बॉल क्रिकेट को क्लियरटी और स्टेबिलिटी दिखा सकें. चाहे ODIs अभी उनकी प्राथमिकता में न हों, लेकिन गंभीर निश्चित रूप से टीम में बैलेंस बनाने की कोशिश करेंगे.