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Mayank Yadav Story: सिरफोड़ू गेंदबाजी, 6 फीट 1 इंच का बॉलर, बल्लेबाजों में खौफ... मयंक यादव की एंट्री की कहानी है रोचक

Mayank Yadav Life Story: मयंक यादव को शुरुआती दिनों में नहीं लगता था कि वो तेज गेंदबाजी करते हैं, लेकिन उनके कोच ने सबसे पहले उन्हें नोटिस किया और फिर उसके बाद उनकी कहानी बदल गई. मयंक ने आईपीएल से पहले दिल्ली के लिए घरेलू क्रिकेट के जिस फॉर्मेट में भी खेले, उसमें अपनी छाप छोड़ दी. दिल्ली के सर्किट में उनकी तेज गेंदबाजी का आतंक था. आईपीएल में मयंक कैसे पहुंचे, आइए आपको बताते हैं.

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Mayank Yadav
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Mayank Yadav Full Story, Biography IPL 2024: 'मैं जब 14 साल का था, तो उस समय सोनेट क्लब में प्रैक्ट‍िस करता था. वहां मुझे कोच (तारक स‍िन्हा) सर ने बॉल दी, उस समय मेरे एज ग्रुप वाले प्रैक्ट‍िस कर रहे थे, जब मैंने अपने एज ग्रुप वालों को बॉल डाली तो उन्हें काफी ड‍िफ‍िकल्ट हो रहा था, फ‍िर मुझे कोच ने कहा कि सीन‍ियर लोगों के साथ प्रैक्ट‍िस करो. उस समय मुझे कोच सर ने कहा कि तू अपने एज ग्रुप के हिसाब से बहुत तेज गेंद डालता है.' ये वो पल था जब आईपीएल 2024 की सबसे बड़ी खोज बन चुके मयंक यादव को इस बात का अहसास हुआ कि वो तेज गेंदबाजी कर सकते हैं. 

मयंक यादव ने आईपीएल खेलने से पहले घरेलू क्रिकेट द‍िल्ली के लिए खेला है, वहीं वह मूलत: बिहार के सुपौल ज‍िले से ताल्लुक रखते हैं. उनको आईपीएल में लखनऊ सुपर जायंट्स टीम में पहुंचाने का सबसे बड़ा हाथ विजय दह‍िया का है. दो साल पहले विजय हजारे ट्रॉफी के दौरान नेट्स पर मयंक को एक्शन करते देख दहिया दंग रह गए थे. तब लखनऊ फ्रेंचाइजी के साथ काम कर रहे दहिया ने मयंक में इन्वेस्ट करने के लिए कहा था. एक स्काउट के रूप में जाने जाने वाले दहिया ने उन्हें इतने करीब से तेज गेंदबाजी करते देखा और तुरंत समझ गए कि उन्हें एक 'सुपर टैलेंट' मिल गया है. मयंक दिल्ली में 'सिरफोड़ू गेंदबाजी' यानी मारक बाउंसर के ल‍िए व‍िख्यात रहे हैं. 

मयंक से कोचिंग में नहीं ली गई फीस 

21 साल के मयंक यादव जब दिल्ली के मशहूर क्रिकेट क्लब सोनेट क्लब में क्रिकेट की ABCD सीखने आए थे तो उनके कोच तारक सिन्हा को उनके अंदर की क्षमता का अहसास हो गया था. यहां तक की स‍िन्हा उनके टैलेंट से इस कदर प्रभाव‍ित हो गए थे. उन्होंने सोनेट क्लब के अध‍िकारियों से उनसे फीस लेने से मना कर दिया. उस समय तारक स‍िन्हा के अस‍िस्टेंट रहे दवेंद्र शर्मा ने मयंक से जुड़े पुराने दिनों को याद किया. 

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एक इंटरव्यू में दवेंद्र शर्मा ने कहा कि मयंक यादव तब इनवेस्टमेंट करने लायक एक ड‍िस्कवरी की तरह लग रहा था, दवेंद्र ने कहा- वह अपने पिता (प्रभु) के साथ आया था. दिल्ली के लिए खेलने का मयंक का संकल्प उसमें क्ल‍ियर था. सीन‍ियर ग्रुप ने उस पर ध्यान दिया और जल्द ही उसने अपनी तेज गति से उन्हें चौंका दिया. हमें एक शानदार टैलेंट मिला,  मुझे खुशी है कि उन्होंने उस्ताद जी (सिन्हा) के मार्गदर्शन पर काम किया. 

इस इंटरव्यू में मयंक के पिता प्रभु यादव ने कहा, 'मैं हमेशा चाहता था कि मेरा बेटा क्रिकेट खेले, और वह भी एक तेज गेंदबाज के रूप में. प्रभु का खुद का रोजगार है, वो  पुलिस वाहनों के लिए सायरन और लाइटें बनाते थे. प्रभु ने इस दौरान अपने बेटे मयंक की शुरुआती कोचिंग के बारे में बताया.

उन्होंने कहा, 'मैं पश्चिमी दिल्ली के एक क्लब में गया, जहां उनके बेटे को ख‍िलाने के लिए बिल्कुल उत्साह नहीं दिखाया. फिर मैंने सोनेट क्लब के बारे में सुना, जहां तारक सिन्हा एक निष्पक्ष कोच होने के लिए प्रसिद्ध थे.  वह मेरे जीवन का सबसे अच्छा निर्णय था, और मैंने मयंक को उनके पास ले जाने का फैसला किया. वह एकमात्र मौका था जब मैं उनके साथ क्लब गया था क्योंकि मुझे यकीन था कि सिन्हा और दवेंद्र मेरे बेटे की देखभाल के लिए सबसे अच्छे लोग थे.'  

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दिल्ली में मयंक की तेज गति ने बल्लेबाजों के लिए परेशानी पैदा कर दी, इसे सोनेट क्लब के कोचों ने स्वीकार किया. मयंक के बारे में कहा जाता था वह हमेशा अपने टारगेट पर ध्यान केंद्रित करते थे और तेज गति से गेंदबाजी करने में माहिर थे. यही बात उनके आईपीएल डेब्यू में भी द‍िखी. जब उन्होंने पंजाब किंग्स के खिलाफ लखनऊ सुपर जायंट्स के लिए उनके असाधारण प्रदर्शन से पता चला. 

सोनेट में मयंक के शुरुआती दिनों को याद करते हुए, शर्मा ने कहा, 'वह आश्चर्यजनक रूप से सटीक थे, एक तेज गेंदबाज के लिए लगातार लाइन पर गेंदबाजी करना मुश्किल होता है, लेकिन मयंक शानदार थे.' शर्मा ने मयंक को अपनी फिटनेस सुधारने को कहा. तेज गेंदबाजी करने की उनकी क्षमता जन्मजात थी. 


जब मयंक यादव का हुआ रिजेक्शन 

वीरेंद्र सहवाग, विराट कोहली और ऋषभ पंत ये वो नामी ख‍िलाड़ी रहे हैं, ज‍िन्हें दिल्ली के सेलेक्टर्स ने मौका नहीं दिया. ठीक ऐसा ही 2018 में मयंक के साथ हुआ, लेकिन इन सेलेक्टर्स को उनकी प्रभावशाली गेंदबाजी गति पर ध्यान देने के लिए मजबूर होना पड़ा, ऐसा कहा जाता है कि मयंक की गेंदबाजी की वजह से हेलमेट की वजह से काफी लोग बच गए. क्योंकि वो जानलेवा बाउंसर करते थे. 

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स्टेन, स्म‍िथ कर चुके हैं तारीफ 

वैसे तो मयंक की तारीफ सोशल मीडिया पर खूब हो रही है. दक्षिण अफ्रीका के महान डेल स्टेन ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में मयंक की प्रशंसा की, वहीं स्टीव स्मिथ ने कहा, 'मयंक यादव को ऑस्ट्रेलिया में बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी खेलनी चाहिए. मैं उनका सामना करने के लिए एक्साइटेड हूं.' 

क्या मयंक को बतौर नेट बॉलर म‍िलेगा टीम इंड‍िया में मौका? 

चीफ सेलेक्टर अजीत अगरकर का जिस तरह का एप्रोच है, उस हिसाब से यह तय है कि मयंक को टीम में मौका मिल सकता है. भारत जून में आईसीसी टी20 वर्ल्ड कप के लिए और ऑस्ट्रेलिया टेस्ट सीरीज के लिए यात्रा करेगा तो मयंक  नेट्स गेंदबाज के रूप में ट्रैवल कर सकते हैं. 

IPL 2024 में मयंक के कारनामे 

मयंक यादव ने लखनऊ सुपर जायंट्स की ओर से खेलते हुए रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के ख‍िलाफ 2 अप्रैल को 156.7 की स्पीड से गेंद फेंकी, इस तरह उन्होंने अपना ही रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिया. इससे पहले मयंक ने 30 मार्च को पंजाब की पारी के 12वें ओवर में 155.8 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से गेंद डाली थी. उन्होंने दोनों ही मैचों में 3-3 विकेट हास‍िल किए हैं. लखनऊ को अपनी गेंदबाजी से ज‍िताने वाले मयंक अब आईपीएल इतिहास में अपने पहले दो मैचों में दो प्लेयर ऑफ द मैच पुरस्कार जीतने वाले पहले खिलाड़ी बन गए हैं. 

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कौन थे तारक सिन्हा? 

तारक स‍िन्हा का 6 नवंबर 2021 को 70 साल की आयु में न‍िधन हो गया, लेकिन मयंक से पहले तारक ने भारत को आशीष नेहरा, आकाश चोपड़ा, ऋषभ पंत, शिखर धवन और अंजुम चोपड़ा जैसे नायाब क्रिकेटर दिए. ये सभी क्रिकेटर उनकी सरपरस्ती में ही आगे बढ़े, तारक ने 2001 और 2002 के बीच कुछ समय के लिए भारत की महिला क्रिकेट टीम के कोच के रूप में भी काम किया. 

मयंक का ताल्लुक भी वेस्ट द‍िल्ली से...

मयंक वेस्ट दिल्ली के उन क्रिकेटरों की लंबी सूची में शामिल हो गए हैं जो क्रिकेट में आगे बढ़े. वीरेंद्र सहवाग, व‍िराट कोहली, ईशांत शर्मा, शिखर धवन, अमित मिश्रा, गौतम गंभीर, आकाश चोपड़ा, अतुल वासन, रमन लांबा, केपी भास्कर और संजीव शर्मा भी वेस्ट द‍िल्ली से ताल्लुक रखते थे. 

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