रविचंद्रन अश्विन के संन्यास के बाद माना जा रहा था कि कुलदीप यादव को टीम में जगह मिलेगी. चौंकाने वाली बात यह है कि 'चाइनामैन' कुलदीप यादव का टेस्ट डेब्यू 2017 में हुआ, लेकिन वो तब से अब तक भारतीय टीम की ओर से 13 टेस्ट मैच ही खेल पाए हैं, जहां उनके नाम 56 विकेट हैं.
इंग्लैंड दौरे पर 18 सदस्यीय भारतीय टीम का ऐलान हुआ. इस पूरे स्क्वॉड में कुलदीप यादव एकमात्र स्पेशलिस्ट स्पिनर हैं. लेकिन उनको मौका नहीं मिला, ऐसे में सवाल है क्या उनको टीम में ना चुनकर भारतीय टीम गलती तो नहीं कर रही है. कुलदीप यादव को इंग्लैड में खेलने का मौका नहीं मिला है. कुलदीप को लेकर केविन पीटरसन ने कहा था कि टीम में वेरिएशन की बहुत कमी है, और वही फर्क डाल सकती है. ऐसे में कुलदीप को खिलाना चाहिए. लेकिन अब तक कुलदीप बेंच पर बैठे हुए दिखे हैं.
कुलदीप यादव को इंग्लैंड में क्यों नहीं मिला मौका?
कुलदीप यादव SENA देशों (साउथ अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया) के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में ज्यादा अनुभव नहीं रखते हैं. कुलदीप ने ऑस्ट्रेलिया (सिडनी- 2019) में एक टेस्ट मैच खेलकर 5 विकेट (31.5-6-99-5) निकाले, जबकि 2018 के इंग्लैंड दौरे में उन्हें लॉर्ड्स में खेलने के मौका मिला था, जिसमें उन्हें एक भी विकेट (9-1-44-0) नहीं मिला. वहीं साउथ अफ्रीका और न्यूजीलैंड में एक भी टेस्ट नहीं खेले हैं.
गंभीर-द्रविड़ की रणनीति रवि शास्त्री से अलग
विराट कोहली जब भारतीय टीम के कप्तान थे और रवि शास्त्री कोच थे, तब टीम इंडिया में 6 स्पेशलिस्ट और 5 स्पेशलिस्ट बॉलर वाला फॉर्मूला ज्यादातर टेस्ट में अपनाया गया. लेकिन राहुल द्रविड़ और रोहित शर्मा के दौर में ज्यादातर ऑलराउंडर्स को खिलाए गए, गंभीर जब कोच बने तब भी यही सोच बरकरार है.
यही वजह कि कुलदीप यादव अश्विन के संन्यास के बाद जगह नहीं बना पा रहे हैं. वैसे कुलदीप को ना खिलाने की एक वजह इंग्लैंड की सीम और बाउंस वाली पिच हो सकती हैं, जहां पेसर ज्यादा प्रभावी होते हैं. लेकिन कुलदीप ऐसे स्पिनर हैं, जो किसी भी पिच पर मारक साबित हो सकते हैं.
लीड्स में खेले टेस्ट में 'स्पिनर' जडेजा का प्रदर्शन कैसा रहा?
लीड्स टेस्ट में भारत ने एकमात्र स्पिनर के तौर रवींद्र जडेजा को मौका दिया, जो ऑलराउंडर हैं. जडेजा ने 47 ओवर करवाए और उनको एक विकेट मिला, वहीं बल्लेबाजी में उन्होंने कुल 36 रन बनाए.
सुंदर-जडेजा का बर्मिंघम में प्रदर्शन कैसा रहा?
बर्मिंघम में टीम इंडिया की स्पिन कमान वॉशिंगटन सुंदर और रवींद्र जडेजा के हाथों में थी. सुंदर ने इस दौरान 54 रन बनाए और दोनों पारियों में 18 ओवर कर उनको 1 विकेट मिला. वहीं जडेजा को 32 ओवर्स में 1 विकेट मिला, हालांकि जडेजा ने दोनों पारियों में मिलाकर 158 रन बनाए.
सुंदर-जडेजा का लॉर्ड्स में प्रदर्शन कैसा रहा?
लॉर्ड्स में वॉशिंगटन सुंदर ने बतौर बल्लेबाज 23 रन बनाए, वहीं 22.1 ओवर्स कर उनको 4 विकेट मिले, सुंदर लॉर्ड्स टेस्ट की पहली पारी में विकेटहीन रहे थे, दूसरी पारी में उनके नाम 4 विकेट मिले थे. जडेजा ने इस टेस्ट में 133 रन बनाए, लेकिन 20 ओवर्स में उनको 1 विकेट भी मिला. यानी एक बात स्पष्ट है जडेजा का प्रदर्शन भले ही बतौर बल्लेबाज तो हिट रहा हो लेकिन वह गेंदबाजी में कोई चमत्कारिक प्रदर्शन नहीं कर सके हैं.
इंग्लैंड दौरे के लिए 18 सदस्यीय भारतीय टीम: शुभमन गिल (कप्तान), यशस्वी जायसवाल, केएल राहुल, साई सुदर्शन, ऋषभ पंत (उप-कप्तान/विकेटकीपर), नीतीश कुमार रेड्डी, रवींद्र जडेजा, ध्रुव जुरेल (विकेटकीपर), अभिमन्यु ईश्वरन, शार्दुल ठाकुर, जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद सिराज, प्रसिद्ध कृष्णा, करुण नायर, वॉशिंगटन सुंदर, आकाश दीप, अर्शदीप सिंह, कुलदीप यादव.