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R Sridhar: 'किसी प्लेयर में अहंकार नहीं..', टीम इंडिया के माहौल पर क्या बोले पूर्व फील्डिंग कोच

हालिया सालों में टीम इंडिया के फील्डिंग स्टैंडर्ड में काफी सुधार देखने को मिला है. इसके पीछे आर श्रीधर का भी अहम रोल रहा है, जो लगभग सात सालों तक भारतीय टीम के फील्डिंग कोच रहे. अब श्रीधर के स्थान पर टी. दिलीप क्षेत्ररक्षण कोच का दायित्व संभाल रहे हैं.

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R Sridhar (Getty)
R Sridhar (Getty)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • श्रीधर ने रवि शास्त्री की जमकर तारीफ की
  • सात सालों तक फील्डिंग कोच रहे श्रीधर

R Sridhar: हालिया सालों में टीम इंडिया के फील्डिंग स्टैंडर्ड में काफी सुधार देखने को मिला है. इसके पीछे आर श्रीधर का भी अहम रोल रहा है, जो लगभग सात सालों तक भारतीय टीम के फील्डिंग कोच रहे. अब श्रीधर के स्थान पर टी. दिलीप क्षेत्ररक्षण कोच का दायित्व संभाल रहे हैं.

आर श्रीधर ने भारतीय ड्रेसिंग रूम में बिताए सात वर्षों को 'अपने जीवन के सर्वश्रेष्ठ पल' करार देते हुए कहा कि कोचिंग के दौरान टीम का ‘बुरा प्रदर्शन’ वास्तव में ‘कोचिंग के लिए अद्भुत अवसर’ होता है. श्रीधर रवि शास्त्री की अगुवाई वाली टीम इंडिया के कोचिंग प्रणाली का एक अभिन्न हिस्सा थे.

श्रीधर ने पीटीआई को दिए इंटरव्यू में कहा, 'कोचिंग के अवसर से मेरा मतलब खिलाड़ियों को समझने, उनके साथ अच्छे संबंध बनाने एवं आवश्यकता पड़ने पर उन्हें तकनीकी और मानसिक रूप से प्रशिक्षित करने का अवसर देने के बारे में है. इससे आपको खिलाड़ी और टीम के बारे में पता चलता है. मूल रूप से बुरे वक्त में आपका बर्ताव आपके व्यक्तित्व को बताता है.' 

टीम के बड़े खिलाड़ियों से सामंजस्य बैठाने को लेकर श्रीधर ने कहा, 'मेरे लिए सभी खिलाड़ी एक जैसे हैं. हमारे किसी भी खिलाड़ी में अहंकार नहीं है और वे सरल एवं जमीन से जुड़े इंसान हैं. अगर आप उनसे संवाद करते हैं तो कोई समस्या नहीं होगी. वे सुझावों का स्वागत करते है और खेल की रणनीति के बारे में बातचीत करना चाहते हैं.'

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रवि शास्त्री को लेकर क्या बोले श्रीधर?

श्रीधर ने एडिलेड एवं लीड्स में खराब प्रदर्शन के बारे में कहा, 'यह सीखने का शानदार मौका था. कोच के रूप में मेरे लिए खराब दिन कोचिंग का शानदार अवसर होता है.' गौरतलब है कि पिछले साल कंगारू टीम के खिलाफ एडिलेड टेस्ट में भारतीय टीम 36 रनों पर ढेर हो गई थी. वहीं इस साल लीड्स में मेजबान इंग्लैंड ने भारत को 78 रनों पर समेट दिया था.

श्रीधर ने आगे कहा, 'मेरा मानना है कि सर्वश्रेष्ठ निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए सभी कोचों के बीच मतभेद होना जरूरी है. हमारे बीच हमेशा मतभेद होते थे चाहे वह मैं, रवि शास्त्री, भरत सर हों या संजय बांगड़ और विक्रम राठौड़. लेकिन हम सभी एक ही लक्ष्य को हासिल करने के लिए काम कर रहे थे.'

'इसमें कई बार दो लोग सहमत होते है, कई बार ऐसा नहीं होता है. हम मुद्दे के अलग-अलग दृष्टिकोण पर बातचीत के बाद वही निर्णय लेते हैं जो भारतीय क्रिकेट के लिए सबसे उपयुक्त है. हमें ऐसा कभी नहीं लगा कि हमारे विचारों को खारिज कर दिया गया है.'

श्रीधर ने रवि शास्त्री की तारीफ करते हुए कहा, 'रवि भाई को आप कभी भी खेल से जुड़े सुझाव दे सकते हैैं और वह उसे खारिज नहीं करेंगे. उनमें नेतृत्व गुण और मानव प्रबंधन का शानदार कौशल है. उनमें टीम के हित में बोर्ड से कोई भी फैसला करवा लेने की क्षमता है. उनका कद बहुत बड़ा था और वह खिलाड़ियों की मानसिकता अच्छे से समझते थे.'

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