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IAF Name Change: भारतीय वायुसेना नहीं, अब इंडियन एयर एंड स्पेस फोर्स कहिए... जानिए नाम बदलने की क्या हो रही तैयारी?

भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) का नाम बदलने वाला है. संभवतः इसका नाम होगा इंडियन एयर एंड स्पेस फोर्स (ISAF). मकसद है ताकतवर वायुसेना के साथ-साथ दुनिया में भरोसेमंद एयरोस्पेस पावर बनने का. वैसी ही पहचान बनाने का. क्या इससे इंडियन एयरफोर्स की ताकत अमेरिका की तरह और बढ़ जाएगी?

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जल्द बदल सकता है भारतीय वायुसेना का नाम, जानिए क्या है इंडियन एयरफोर्स की तैयारी.
जल्द बदल सकता है भारतीय वायुसेना का नाम, जानिए क्या है इंडियन एयरफोर्स की तैयारी.

भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) ने अपना नाम बदलने की पूरी तैयारी कर ली है. भविष्य में इसे भारतीय वायु एवं अंतरिक्ष सेना यानी इंडियन एयर एंड स्पेस फोर्स (Indian Air And Space Force - IASF) के नाम से बुलाया जा सकता है. या फिर इसी नाम को अंतिम स्वीकृति मिल सकती है. 

इंडियन एयरफोर्स चाहती है कि उसे सिर्फ दुनिया की एक ताकतवर वायुसेना ही नहीं बल्कि भरोसेमंद एयरोस्पेस पावर के रूप में भी जाना जाए. इसके लिए भारतीय वायुसेना ने एक डॉक्ट्रीन तैयार किया है. जिसका नाम है Space Vision 2047. इसके तहत एयरफोर्स ISRO, DRDO, IN-Space और अन्य निजी कंपनियों से मिलकर एक समझौता करेगी. एक पर्यावरण बनाएगी जहां पर स्पेस टेक्नोलॉजी को आगे बढ़ाया जा सके. एकसाथ मिलकर काम किया जा सके. 

Indian Air Force

इंडियन एयरफोर्स को उम्मीद है कि बहुत जल्द ही उनकी ये मांग सरकार मान लेगी. भारतीय वायुसेना इस समय पूरी क्षमता और स्वतंत्रता से निर्णय लेने वाला स्पेस कमांड बनाने की तैयारी भी कर रही है. जिसके पास उसके खुद के 100 सैटेलाइट्स अंतरिक्ष में तैनात होंगे. ताकि दुश्मन की हर हरकत पर नजर रखी जा सके.  

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फिलहाल वायुसेना के पास पूरी तरह से ऑटोमेटेड एड डिफेंस नेटवर्क है. जिसे इंटीग्रेटेड एयर कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम (IACCS) कहते हैं. इसे बाद में बदल कर इंटीग्रेटेड एयर स्पेस कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम (IASCCS) में बदलने का प्लान है. 

100 मिलिट्री सैटेलाइट्स के जरिए होगी सुरक्षा

जिन 100 सैटेलाइट्स की बात हो रही है, उनकी मदद से इंटेलिजेंस, सर्विलांस और रीकॉन्सेंस यानी ISR का काम लिया जाएगा. ये सभी सैटेलाइट्स मिलिट्री के इस्तेमाल के लिए ही होंगी. अगले सात से आठ साल में इन सैटेलाइट्स के जरिए तीनों सेनाओं को फायदा होगा. ये काम डिफेंस स्पेस एजेंसी (DSA) देखती है. जो स्पेस कमांड का ही हिस्सा है. 

मिशन शक्ति जैसी ताकतवर मिसाइलें होंगी 

Mission Shakti

एयरफोर्स ने अंतरिक्ष संबंधी ट्रेनिंग अपने ऑफिसर्स और एयरमैन को देना शुरू कर दिया है. इस पर काफी ज्यादा जोर दिया जा रहा है. मार्च 2019 में DRDO ने मिशन शक्ति (Mission Shakti) के जरिए अंतरिक्ष में पुराने सैटेलाइट को मार गिराया था. यह काम एक एंटी-सैटेलाइट (A-SAT) इंटरसेप्टर मिसाइल ने किया था. उसने 740 किलोग्राम वजनी माइक्रोसैट-आर को अंतरिक्ष में 238 किलोमीटर की ऊंचाई पर मार गिराया था. 

चीन और अमेरिका में भी हैं स्पेस फोर्स

पड़ोसी मुल्क चीन काफी तेजी से इस दिशा में काम कर रहा है. वह काइनेटिक A-SAT हथियार लगा रहा है. यानी सीधे अंतरिक्ष में दागी जाने वाली मिसाइल या फिर हाई-पावर्ड लेजर बीम. जैमर्स या साइबरवेपन. चीन की इस सेना का नाम है पीपुल्स लिबरेशन आर्मी स्ट्रैटेजिक सपोर्ट फोर्स (PLA-SSF). वहीं अमेरिका की स्पेस फोर्स का नाम है यूनाइटेड स्टेट्स स्पेस फोर्स (USSF). अमेरिका की सेनाओं से एकदम अलग है यह फोर्स. 

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Indian Air Force Fighter Jets

सिर्फ हमला ही नहीं, बचाव भी जरूरी है

भारतीय वायुसेना इसलिए चाहती है कि वह सिर्फ हमला करने वाली फोर्स की तरह न जानी जाए. यानी ऑफेंसिंव काउंटर एयर (OCA) से डिफेंसिव काउंट एयर (DCA). इसका मतलब ये नहीं है कि जरूरत पड़ने पर हमला नहीं कर सकते. पर पहला हमला करने की भारत की पॉलिसी नहीं है. पर ये उम्मीद जरूर है कि जल्द ही भारतीय वायुसेना को IAF के बजाय हमलोग इंडियन एयर एंड स्पेस फोर्स (IASF) बुलाएंगे. 

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