13 अगस्त को नागपंचमी का त्योहार मनाया जाएगा. ये त्योहार हर साल सावन माह में पंचमी तिथि को मनाया जाता है. हिन्दू धर्म में पौराणिक काल से ही सांपों को देवता के रूप में पूजा जाता रहा है. नाग पंचमी के दिन नाग पूजन का खास महत्व माना जाता है. हालांकि, नागपंचमी के दिन उत्तर प्रदेश के दिन एक अनूठी परंपरा भी निभाई जाती है.
गुड़िया को पीटने की परंपरा- उत्तर प्रदेश में नागपंचमी के दिन एक अनोखी परंपरा निभाई जाती है. यहां पर इस दिन गुड़िया को पीटा जाता है. इसके पीछे कई तरह की कहानियां प्रचलित हैं. एक कथा के मुताबिक, तक्षक नाग के काटने से राजा परीक्षित की मौत हो गई थी. कुछ वर्षों के बाद तक्षक की चौथी पीढ़ी की कन्या का विवाह राजा परीक्षित की चौथी पीढ़ी में हुआ. विवाह के बाद उसने अतीत का यह राज एक सेविका को बता दिया. कन्या ने सेविका से कहा कि वो ये बात किसी और को ना बताए लेकिन सेविका से रहा नहीं गया और उसने यह बात एक दूसरी सेविका को बता दी. इस तरह बात फैलते-फैलते ये बात पूरे नगर में फैल गई.
ये बात जब तक्षक के राजा तक पहुंची तो उन्हें क्रोध आ गया. उन्होंने नगर की सभी स्त्रियों को चौराहे पर इकट्ठा होने का आदेश दिया. इसके बाद कोड़ों से पिटवाकर उन्हें मरवा दिया. राजा को इस बात का गुस्सा था कि औरतों के पेट में कोई बात नहीं पचती और इस वजह से उसकी पीढ़ी से जुड़ी अतीत की एक पुरानी बात पूरे साम्राज्य में फैल गई. मान्यताओं के अनुसार, तभी से यहां गुड़िया पीटने की परंपरा मनाई जा रही है.
परंपरा से जुड़ी एक अन्य कथा- गुड़िया पीटने की परंपरा से जुड़ी एक अन्य कथा भी प्रचलित है जो भोलनाथ के एक भक्त से जुड़ी है. इस कथा के मुताबिक, भोलेनाथ का एक परम भक्त हर दिन शिव मंदिर जाकर पूजा करता था और नाग देवता के दर्शन करता था. भक्त हर दिन नाग देवता को दूध पिलाता था. धीरे-धीरे दोनों में प्रेम हो गया. नाग देवता को भक्त से इतना लगाव हो गया कि वो उसे देखते ही अपनी मणि छोड़ उसके पैरों में लिपट जाता था.
एक दिन सावन के महीने में वो भक्त अपनी बहन के साथ उसी शिव मंदिर में आया. नाग हमेशा की तरह भक्त को देखते ही उसके पैरों से लिपट गया. ये दृश्य देखकर बहन भयभीत हो गई. उसे लगा कि नाग उसके भाई को काट रहा है. बहन ने भाई की जान बचाने के लिए उस नाग को पीट-पीटकर मार डाला. इसके बाद जब भाई ने अपनी और नाग की पूरी कहानी बहन को सुनाई तो वह रोने लगी. वहां उपस्थित लोगों ने कहा कि 'नाग' देवता का रूप होते हैं. तुमने उसे मार दिया इसीलिए तुम्हें दंड मिलेना चाहिए. हालांकि, यह पाप अनजाने में हुआ है इसलिए भविष्य में आज के दिन लड़की की जगह गुड़िया को पीटा जाएगा. इस तरह नाग पंचमी के दिन गुड़िया पीटने की परंपरा शुरू हुई.