scorecardresearch
 

Chanakya Niti: बच्चों के लिए शत्रु के समान होते हैं ऐसे माता-पिता! जानें क्या कहती है चाणक्य नीति

'चाणक्य नीति' में मनुष्य के जीवन से जुड़ी अनेकों बातों का जिक्र किया गया है. उनकी नीतियां व्यक्ति के जीवन में खुशहाली लाने में काफी मदद करती हैं.

Advertisement
X
Chanakya Niti In Hindi
Chanakya Niti In Hindi

बेहतर पालन-पोषण और उतकृष्ट शिक्षा मनुष्य को सुखी जीवन जीने में मदद करती है. चाणक्य ने अपने नीति ग्रंथ यानि 'चाणक्य नीति' में मनुष्य के जीवन से जुड़ी अनेकों बातों का जिक्र किया है. उनकी नीतियां व्यक्ति के जीवन में खुशहाली लाने में काफी मदद करती हैं. उन्होंने इसी नीति ग्रंथ में माता-पिता को लेकर भी काफी कुछ कहा है. आइए जानते हैं उनके बारे में...

माता शत्रु: पिता वैरी येन बालो न पाठित:। 
न शोभते सभामध्ये हंसमध्ये बको यथा।।

वे माता-पिता बच्चों के शत्रु हैं, जिन्होंने बच्चों को पढ़ाया-लिखाया नहीं, क्योंकि अनपढ़ बालक विद्वानों के समूह में शोभा नहीं पाता. उसका सदैव तिरस्कार होता है. विद्वानों के समूह में उसका अपमान उसी प्रकार होता है जैसे हंसों के झुंड में बगुले की स्थिति होती है.

केवल मनुष्य जन्म लेने से ही कोई बुद्धिमान नहीं हो जाता. उसके लिए शिक्षित होना अत्यंत आवश्यक है. शक्ल-सूरत, आकार-प्रकार तो सभी मनुष्यों का एक जैसा होता है, अंतर केवल उनकी विद्वता से ही प्रकट होता है.

जिस प्रकार सफेद बगुला सफेद हंसों में बैठकर हंस नहीं बन सकता, उसी प्रकार अशिक्षित व्यक्ति शिक्षित व्यक्तियों के बीच में बैठकर शोभा नहीं पा सकता. इसलिए माता-पिता का कर्तव्य है कि वे बच्चों को ऐसी शिक्षा दें, जिससे वे समाज की शोभा बन सकें.

Advertisement

 

Advertisement
Advertisement