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महाराष्ट्र में राजस्थान के 53 मजदूरों से करवाई जा रही थी बंधुआ मजदूरी, प्रतापगढ़ पुलिस ने किया रेस्क्यू

राजस्थान की प्रतापगढ़ पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए महाराष्ट्र से 53 लोगों का रेस्क्यू किया है. ये सभी लोग 2 महीने से बंधक थे. सभी से खेतों में बंधुआ मजदूरी करवाई जा रही थी और पैसे भी नहीं दिए जा रहे थे.

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रेस्क्यू किए गए मजूदरों के साथ पुलिस टीम. (File Photo: Sanjay Jain/ITG)
रेस्क्यू किए गए मजूदरों के साथ पुलिस टीम. (File Photo: Sanjay Jain/ITG)

राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले में मध्यप्रदेश के इंदौर में बेहतर मजदूरी का सपना लेकर निकले आदिवासी मजदूर कब महाराष्ट्र में बंधुआ बना दिए गए, उन्हें खुद भी अंदाजा नहीं था. देर रात 11:30 बजे एसपी बी. आदित्य की प्रेस कॉन्फ्रेंस ने इस साजिश का पर्दाफाश किया. पुलिस ने ‘ऑपरेशन विश्वास’ में 53 मजदूर आज़ाद कराए.  

प्रतापगढ़ जिला पुलिस अधीक्षक बी. आदित्य ने देर रात करीब 11:30 बजे आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि महाराष्ट्र के शोलापुर जिले में बंधक बनाए गए जिले के 53 आदिवासी मजदूरों जिसमें 13 महिलाएं और 40 पुरुष हैं. सभी का सुरक्षित रेस्क्यू कर प्रतापगढ़ लाया गया है. एसपी बी. आदित्य ने जानकारी दी कि जिले के घण्टाली, पीपलखूंट और पारसोला थाना क्षेत्रों के वरदा , जामली, मालिया , गोठड़ा , उमरिया पाड़ा, बड़ा काली घाटी , ठेसला, कुमारी सहित अन्य गांवों के आदिवासी महिला -पुरुषों को दलालों ने इंदौर में अच्छी मजदूरी, मुफ्त भोजन और रहने की सुविधा का झांसा दिया.

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करीब दो माह पहले इन्हें महाराष्ट्र के शोलापुर जिले के अकलूज थाना क्षेत्र स्थित जाबुड़ गांव ले जाया गया. जहां इन्हें अलग- अलग जमींदारों के पास गन्ने के खेतों में जबरन काम पर लगा दिया गया. प्रेस कॉन्फ्रेंस में एसपी ने बताया कि इस पूरे षड्यंत्र में महाराष्ट्र का सीताराम पाटिल और राजस्थान के अलवर निवासी खान नामक दलाल शामिल थे. इन दलालों ने जमींदारों से मजदूरी के नाम पर लाखों रुपये एडवांस में ले लिए , लेकिन मजदूरों को एक रुपया भी नहीं दिया गया.

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मजदूरी मांगने पर मजदूरों के साथ मारपीट की गई, महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार किया गया और फार्म हाउसों व बाड़ों में उन्हें बंधक बनाकर रखा गया. मामले की सूचना मिलते ही जिला पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गजेन्द्रसिंह जोधा के मार्गदर्शन में थाना घण्टाली के उप निरीक्षक सोहनलाल के नेतृत्व में एक विशेष पुलिस टीम को तुरंत महाराष्ट्र रवाना किया गया. पुलिस टीम ने कठिन परिस्थितियों में सूझबूझ और साहस का परिचय देते हुए अलग- अलग स्थानों से सभी 53 बंधक मजदूरों को रेस्क्यू किया.

एसपी बी. आदित्य ने बताया कि रेस्क्यू के समय मजदूरों के पास न तो खाने की व्यवस्था थी और न ही वापस लौटने के लिए किराया. ऐसे में पुलिस टीम ने जनप्रतिनिधियों और स्थानीय नागरिकों के सहयोग से संसाधन जुटाए और सभी मजदूरों को सुरक्षित प्रतापगढ़ लाया गया. फिलहाल सभी रेस्क्यू किए गए मजदूरों को उनके गांवों तक सुरक्षित भेजने की प्रक्रिया जारी हैं.

इस मामले में थाना घण्टाली पर प्रकरण संख्या 128/2025 दर्ज कर लिया गया है और मानव तस्करी व बंधुआ मजदूरी से जुड़े इस षड्यंत्र में शामिल आरोपियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जा रही है. एसपी ने स्पष्ट किया कि प्रतापगढ़ पुलिस का ध्येय है आमजन में विश्वास और अपराधियों में भय. भविष्य में भी ऐसे मामलों में कठोर कार्रवाई जारी रहेगी.
 

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