राजस्थान में सरकारी नौकरियों में फर्जीवाड़े का खेल थमने का नाम नहीं ले रहा है. एसआई भर्ती, पीटीआई भर्ती के बाद अब डाक विभाग में फर्जीवाड़े का बड़ा खुलासा हुआ है. अलवर शहर के अरावली विहार थाना पुलिस ने फर्जी मार्कशीट बनाकर डाक विभाग में नौकरी दिलाने के नाम पर गड़बड़ी करने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इसमें एक नौकरी के लिए आवेदन करने वाला युवक है. जबकि दूसरा उसको फर्जी मार्कशीट लाकर देने वाला युवक शामिल है.
अरावली विहार थाना प्रभारी रामेश्वर लाल ने बताया कि साल 2022 में डाक विभाग ने ग्रामीण डाक सेवा जिटीएस पद के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू की थी. इस नौकरी में 10 कक्षा में मेरिट के हिसाब से नौकरी पर युवाओं को भर्ती करना था.
अलवर के मुंडावर स्थित मुंडिया खेड़ा स्थित शैलेंद्र कुमार व संदीप यादव ने भी इस भर्ती में आवेदन किया था. दोनों युवाओं ने फर्जी मार्कशीट बनवाई और उस मार्कशीट के आधार पर नौकरी में आवेदन किया था.
डाक विभाग के अधिकारियों को जब शक हुआ. तो उन्होंने इस मामले की सूचना पुलिस को दी और मामले में एफआईआर दर्ज करवाई. इस पर पुलिस ने जब जांच पड़ताल शुरू की.
इस पर पुलिस ने शैलेंद्र कुमार को गिरफ्तार किया. पुलिस पूछताछ में शैलेंद्र कुमार ने बताया कि मुंडावर के नया गांव निवासी संदीप यादव ने उसको यह 10वीं कक्षा की मार्कशीट लाकर दी थी. इस पर पुलिस ने जब संदीप यादव को गिरफ्तार किया और उससे पूछताछ की.
उसने पुलिस पूछताछ में बताया कि उसने नारनौल के एक इंस्टीट्यूट से यह मार्कशीट बनवाई थी. ऐसे में पुलिस ने शैलेंद्र और संदीप को गिरफ्तार कर लिया है और दोनों से पूछताछ की जा रही है. साथ ही नारनौल सहित अन्य जगहों पर भी पुलिस टीम दबिश दे रही है.
पुलिस ने कहा कि इस गैंग में और लोग भी शामिल हो सकते हैं. दोनों से पूछताछ के आधार पर अन्य लोगों की भी गिरफ्तारी जल्द हो सकती है.
पहले भी मिल चुकी हैं कई तरह की गड़बड़ियां
डाक विभाग की भर्तियों में पहले भी कई तरह की गड़बड़ियां मिल चुकी हैं. कोरोना काल के दौरान बिना परीक्षा दिए युवा पास हुए थे. ऐसे में बिहार उत्तर प्रदेश शहीद देश के अलग-अलग राज्य से बड़ी संख्या में युवा नौकरी के लिए राजस्थान आ रहे हैं. उनकी मार्कशीट की जांच में कई तरह की अनियमित सामने आ चुकी है. सभी के शत प्रतिशत अंक मार्कशीट में देखने को मिले हैं.