अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट करके यह जानकारी दी है कि भारत और पाकिस्तान दोनों ही सीजफायर करने को तैयार हो गए हैं. भारत सरकार ने भी अपने बयान में इस जानकारी पर मुहर लगा दी है. दरअसल भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को देखते हुए दुनिया भर में परमाणु युद्ध का खतरा पैदा हो गया था. जाहिर है कि पूरा विश्व चाहता था कि यह युद्ध किसी तरह से रोक दिया जाए. सऊदी अरब और अमेरिका दोनों इस दिशा में बहुत सक्रिय थे कि किसी तरह दोनों देशों के बीच युद्ध को रोका जा सके. हो सकता है कि भारत में बहुत से राष्ट्रवादी लोग इस फैसले से खुश न हों क्यों कि देश में जनभावना इस समय पूर्ण रूप से पाकिस्तान को सबक सिखाने की थी. पर भारत अगर पाकिस्तान को औकात दिखाकर सीजफायर के लिए सहमत होता है तो यह उसकी दोहरी जीत ही मानी जाएगी. भारत की यह सामरिक और कूटनीतिक दोनों स्तरों पर जीत है. आइये देखते हैं कि क्यों कहा जा रहा है कि भारत के लिए यह दोहरी जीत है?
1-भारत ने पहलगाम का अपना बदला ले लिया है
भारत का मूल उद्दैश्य पहलगाम हमले का बदला लेना था. जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोग जिसमें ज्यादातर पर्यटक मारे गए.. भारत ने इस हमले के लिए पाकिस्तान समर्थित लश्कर-ए-तैयबा (LeT) को जिम्मेदार ठहराया और 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया. भारत ने इस ऑपरेशन के माध्यम से अपनी सेना की ताकत का प्रदर्शन दुनिया के सामने किया. 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत भारत ने पाकिस्तान और PoK में 9 आतंकी ठिकानों पर हमले किए, जिसमें करीब 100 आतंकवादी मारे गए. भारत ने स्वदेशी एयर डिफेंस सिस्टम का भी प्रदर्शन किया. कंधार विमान अपहरण के दोषियों के साथ कई अन्य आतंकी वारदात को अंजाम देने वाले 5 खूंखार आतंकवादियों को मारना इस ऑपरेशन की सबसे बड़ी सफलता थी. आतंकवादियों के कई ट्रेनिंग सेंटर भारत ने तबाह कर दिए.पाकिस्तान के कई शहरों में स्थित उनके एयर डिफेंस सिस्टम को तबाह किया गया. भारत के इस हमले का असर पाकिस्तान पर कई सालों तक बना रहेगा.
2-भारत के लिए बहुत बड़ी कूटनीतिक जीत
ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम देकर भारत ने जिस तरह अपनी ताकत का प्रदर्शन किया है.वह पूरे विश्व के लिए एक मेसेज है. भारत के इस ऑपरेशन का पूरी दुनिया ने समर्थन किया . पाकिस्तान का साथ देने के लिए टर्की को छोड़कर कोई महत्वपूर्ण देश सामने नहीं आया. चीन भी पाकिस्तान के साथ खड़ा होने से मना कर दिया.
UNSC की 5 मई 2025 की बैठक में पाकिस्तान ने दावा किया कि पहलगाम हमला भारत का फॉल्स फ्लैग था बुरी तरह खारिज कर दिया गया. यहां तक कि चीन ने भी पाकिस्तान के प्रेस बयान का समर्थन नहीं किया. रूस, अमेरिका, और अन्य देशों ने दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील की, लेकिन भारत की कार्रवाइयों को आतंकवाद के खिलाफ जवाबी कार्रवाई के रूप में देखा गया. पाकिस्तान ने भारत पर ननकाना साहिब गुरुद्वारे पर हमले का आरोप लगाया, जिसे भारत ने झूठा प्रचार बताया. भारत ने इसके जवाब में 16 पाकिस्तानी यूट्यूब चैनलों पर प्रतिबंध लगाया, जिसे कूटनीतिक जीत माना गया.
भारत के सिंधु जल संधि निलंबन ने पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर दबाव बढ़ाया, क्योंकि वह सिंधु नदी के पानी पर निर्भर है. पाकिस्तान ने इसे युद्ध की घोषणा बताया, लेकिन विश्व बैंक की मध्यस्थता में कोई ठोस जवाब नहीं दे सका.
3. पाकिस्तानी नेता जिस तरह से शांति की बात करने लगे थे ये पाकिस्तान को औकात बताने जैसा ही है
पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने आज शनिवार सुबह ही भारत से युद्ध विराम करने की मिन्नते करने जैसा बयान दिया. पाकिस्तान लगातार विश्व के बड़े नेताओं से युद्ध विराम कराने की बात कर रहा था. यह पाकिस्तान को औकात दिखाने जैसा ही है. यह दर्शाता है कि भारत ने अपनी सैन्य और कूटनीतिक ताकत का प्रदर्शन कर पाकिस्तान को उसकी सीमाएं याद दिलाईं. दरअसल ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने न केवल PoK, बल्कि पाकिस्तान के प्रमुख शहरों (जैसे लाहौर, कराची, और बहावलपुर) में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया. यह 1971 के युद्ध के बाद पहली बार था जब भारत ने मुख्यभूमि पाकिस्तान के अंदर जाकर हमले किए. भारत ने स्वदेशी ड्रोन और एयर डिफेंस सिस्टम का सफल प्रदर्शन किया, जिसे वैश्विक मंच पर उसकी सैन्य क्षमता का प्रमाण माना गया. दूसरी ओर पाकिस्तान के मिसाइयों को जिस तरह भारत ने असफल किया उससे पाकिस्तान के सैन्य क्षमताएं भी उजागर हुईं.
4. भारत के लिए सीजफायर के लाभ
भारत ने आतंकी ठिकानों को नष्ट कर यह स्पष्ट किया कि वह आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा. यह भविष्य में पाकिस्तान को हतोत्साहित कर सकता है. सीजफायर से LoC पर गोलीबारी और ड्रोन हमले रुकेंगे जिससे नागरिक नुकसान कम हुआ. भारत ने सैन्य कार्रवाई के बाद संयम दिखाकर एक जिम्मेदार देश की छवि बनाए रखी. यह G20 और अन्य मंचों पर उसकी स्थिति को मजबूत करता है. इसके साथ ही सिंधु जल संधि निलंबन और कूटनीतिक अलगाव ने पाकिस्तान पर दीर्घकालिक दबाव बनाया, जो भारत के लिए रणनीतिक जीत है.
5-भारत को आर्थिक महाशक्ति बनना है
पाकिस्तान के पास इस युद्ध में खोने के लिए कुछ नहीं था. वो गाजा की तरह सदियों तक भारत से लड़ सकता है. जिस तरह गाजा में लोगों के पास खाने के लिए भोजन और रहने के लिए घर नहीं है पर हमास के लिए वो लगातार युद्ध कर रहे हैं, उसी तरह पाकिस्तान अफगानिस्तान, सीरिया और गाजा की तरह अंतहीन लड़ाई के लिए तैयार है. क्योंकि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पूरी तरह खत्म हो चुकी है. जबकि भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है. 2027 तक भारत को दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनना है. दुनिया में आज जो माहौल बना है उससे ऐसा लगता है कि भारत जल्द ही चीन की दुनिया की फैक्ट्री बन सकता है. ऐसी दशा में अगर भारत पाकिस्तान के साथ युद्ध बढ़ाता तो जाहिर है आर्थिक मोर्चे पर उसे पीछे होना पड़ता.