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तेज प्रताप यादव को माफी क्यों नहीं दे सकते लालू यादव?

तेज प्रताप यादव के खिलफा सोशल मीडिया से शुरू एक्शन अब औपचारिक रूप ले चुका है. तेज प्रताप ने कुछ भावुक पोस्ट शेयर कर लालू यादव और राबड़ी देवी के प्रति निष्ठा और लगाव, तो तेजस्वी यादव को भी भरोसा दिलाने की कोशिश की है, लेकिन साजिश का भी संकेत दिया है - क्या तेज को लालू यादव माफ करेंगे?

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तेज प्रताप यादव अपने पिता लालू यादव से आशीर्वाद लेते हुए (फाइल फोटो, पीटीआई)
तेज प्रताप यादव अपने पिता लालू यादव से आशीर्वाद लेते हुए (फाइल फोटो, पीटीआई)

तेज प्रताप यादव को राष्ट्रीय जनता दल से अब आधिकारिक तौर पर निकाल दिया गया है. आरजेडी की तरफ से एक लाइन का आदेश जारी हुआ है.

ध्यान देने वाली बात ये है कि ये तेज प्रताप के निष्कासन का ये पत्र सोशल साइट X पर लालू यादव की पोस्ट के हफ्ता भर बाद सामने आया है - क्योंकि बिहार की राजनीति में सवाल उठाया जाने लगा था कि क्या तेज प्रताप यादव के खिलाफ एक्शन सिर्फ सोशल मीडिया पर हुआ है - और, क्या सोशल मीडिया पर जारी बयान भी आरजेडी के संविधान के हिसाब से मान्य होगा?

नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के नेता तो शुरू से ही तेज प्रताप के खिलाफ एक्शन को दिखावा करार दे रहे हैं, बीजेपी कोटे से बिहार सरकार में मंत्री नीरज सिंह बबलू ने भी तेज प्रताप के निष्कासन पर स्टेटस अपडेट पूछ लिया था. 

आरजेडी के लेटर हेड पर पत्रांक 03/25 में लिखा है, ‘माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष जी के निर्देश के आलोक में तेज प्रताप यादव को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से छह वर्षों के लिए निष्कासित किया जाता है.’

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तेज प्रताप के निष्कासन से जुड़ा जो पत्र सामने आया है, वो आरजेडी के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव अब्दुल बारी सिद्धीकी की तरफ से जारी हुआ है - लेकिन, लेटर पर तारीख 25 मई, 2025 ही दर्ज है.  

लाल यादव के एक्शन पर तेज प्रताप का रिएक्शन

तेज प्रताप यादव ने अपने 12 साल पुराने रिलेशनशिप की जानकारी ‘लिखता हूं, मिटाता हूं’ वाले अंदाज में तस्वीरों के साथ सोशल मीडिया पर शेयर की थी, और जब लोग रिएक्ट करने लगे, तो बोल दिया कि अकाउंट हैक हो गया था. जो भी अच्छी बात ये रही कि उनका अकाउंट जल्दी ही रिस्टोर भी हो गया. 

ये सब 24 मई को हुआ था, और अगले ही दिन लालू यादव ने तेज प्रताप के खिलाफ एक्शन की सोशल मीडिया पर ही घोषणा कर दी - हफ्ते भर बाद तेज प्रताप यादव का भी रिएक्शन आया है. हो सकता है, तेज प्रताप यादव पहले पक्का करना चाहते हों कि अकाउंट पर पूरा कंट्रोल उनका ही हो चुका हो. क्योंकि, फिर से हैक होता तो ज्यादा दिक्कत हो सकती थी. 

1 जून को सुबह 5.27 पर तेज प्रताप सोशल साइट एक्स पर लिखते हैं, ‘मेरे प्यारे मम्मी पापा... मेरी सारी दुनिया बस आप दोनों में ही समाई है… भगवान से बढ़कर है, आप और आपका दिया कोई भी आदेश… आप हैं तो सब कुछ है मेरे पास… मुझे सिर्फ आपका विश्वास और प्यार चाहिए ना कि कुछ और… पापा आप नहीं होते तो ना ये पार्टी होती और ना मेरे साथ राजनीति करने वाले कुछ जयचंद जैसे लालची लोग… बस मम्मी-पापा आप दोनों स्वस्थ और खुश रहें हमेशा.’

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तेज प्रताप ने न तो माता पिता के अलावा अपने किसी भी भाई-बहन का कोई जिक्र नहीं किया. करीब आठ घंटे बाद दोपहर 1.30 बजे तेज प्रताप ने एक और पोस्ट लिखी है, जो छोटे भाई तेजस्वी यादव पर फोकस है - दोनों पोस्ट में एक बात कॉमन है, जयचंद का जिक्र. 

तेजस्वी यादव को लेकर तेज प्रताप ने लिखा है, 'मेरे अर्जुन से मुझे अलग करने का सपना देखने वालों, तुम कभी अपनी साजिशों में सफल नही हो सकोगे… कृष्ण की सेना तो तुम ले सकते हो, लेकिन खुद कृष्ण को नहीं… हर साजिश को जल्द बेनकाब करूंगा… बस मेरे भाई भरोसा रखना, मैं हर परिस्थिति में तुम्हारे साथ हूं, फिलहाल दूर हूं, लेकिन मेरा आशीर्वाद हमेशा तुम्हारे साथ था और रहेगा… मेरे भाई, मम्मी-पापा का ख्याल रखना, जयचंद हर जगह है अंदर भी और बाहर भी.'

अब ये जयचंद का किरदार कौन निभा रहा है? ये अभी नहीं मालूम. तेज प्रताप ने अपनी पोस्ट में बेनकाब करने की भी बात लिखी है, जिसके लिए अभी इंतजार करना होगा.

इससे पहले तेज प्रताप ने दो राजनीतिक पोस्ट लिखी है, लेकिन उसके पहले तेजस्वी यादव के दूसरी बार पिता बनने पर ये कह कर खुशी जताई थी कि वो बड़े पापा बन गये हैं. 

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तेज प्रताप का रिएक्शन आ जाने के बाद कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. लालू यादव के राजनीतिक विरोधी तेज प्रताप को निकम्मा और नकारा कहने के साथ ही अलग अलग आरोप भी लगा रहे हैं. लेकिन, लालू परिवार या आरजेडी की तरफ से कोई बचाव में नहीं आया है. 

सवाल ये है कि क्या तेज प्रताप माता-पिता से कुछ कहना चाहते हैं? क्या तेज प्रताप के बयान में कोई रिक्वेस्ट है?

क्या तेज प्रताप की पोस्ट में माफी का कोई भाव भी है? जैसे वो घर परिवार को छोड़ कर कहीं नहीं जाने वाले हैं, क्योंकि उनकी जिंदगी में दूसरा कोई उतना मायने नहीं रखता.

क्या तेज प्रताप परिवार के किसी सदस्य की तरफ इशारा कर रहे हैं? जयचंद नाम लेकर वो किसकी तरफ इशारा कर रहे हैं?

क्या तेज प्रताप सीधे सीधे कुछ न बोलकर तेजस्वी यादव को भी जयचंद के बहाने टार्गेट कर रहे हैं?

तेज प्रताप पहले से ही खुद को कृष्ण और तेजस्वी यादव को अर्जुन बताते रहे हैं, लेकिन ये कह कर कि ‘कृष्ण की सेना तो तुम ले सकते हो, लेकिन खुद कृष्ण को नहीं’ - आखिर तेज प्रताप क्या कहना चाह रहे हैं, क्या आगे का अपना रास्ता वो खुद तय करने का इशारा कर रहे हैं?

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तेज प्रताप को माफी क्यों नहीं मिल सकती?

लालू यादव की अब तक की राजनीति में ऐसे लोगों की लंबी फेहरिस्त है, जिनको आरजेडी नेता ने माफ किया है. हालांकि, माफ किये जाने की अलग अलग वजहें हो सकती हैं, और राजनीतिक वजह पारिवारिक रिश्तों से अलग होती है. 

ये ठीक है कि लालू यादव ने पूर्णिया सांसद पप्पू यादव को माफ नहीं किया. ऐसी सूची में साधु यादव और कुछ रिश्तेदारों के भी नाम हो सकते हैं. 

नेताओं की तो अलग है लिस्ट है. और, सबसे ऊपर तो नीतीश कुमार का ही नाम आएगा. ऐसे नेताओं में शिवानंद तिवारी से लेकर जगदानंद सिंह जैसे नाम भी शामिल हैं. 

नीतीश कुमार को लेकर लालू यादव जहर पीने से लेकर उनके पेट में दांत तक होने जैसी बातें कर चुके हैं - और एक दौर ऐसा भी रहा है, जब पूरा लालू परिवार उनका नाम पलटू कुमार रख दिया था. 

लेकिन, 2022 में जब नीतीश कुमार फिर से महागठबंधन के मुख्यमंत्री बन गये थे, तो पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी से 2015 में एक साथ चुनाव लड़कर 2017 में एनडीए में नीतीश कुमार के लौट जाने को लेकर सवाल पूछा गया था. 

तब राबड़ी देवी ने कहा था, ‘सब माफ है...सब माफ है...’

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क्या राबड़ी देवी या लालू यादव को तेज प्रताप की गलती माफी लायक नहीं लगती?

ऐसा तो नहीं, बिहार चुनाव की तारीख आने का इंतजार हो रहा हो - और तब तक तेज प्रताप की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही हो?

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