ऑपरेशन सिंदूर के पहले और बाद में हुई दोनो सर्वदलीय बैठकों में विपक्ष पूरी तरह केंद्र की बीजेपी सरकार के समर्थन में खड़ा देखा गया. पहली सर्वदलीय बैठक के बाद कुछ बयानबाजी जरूर हो रही थी, लेकिन धीरे धीरे वो भी शांत हो गई.
राहुल गांधी तो शुरू से सरकार के सपोर्ट में नजर आये, लेकिन कुछ कांग्रेस नेताओं के बयान से ऐसा भी लगा जैसे वे पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई के पक्ष में नहीं हैं. ऐसे नेताओं को जाति जनगणना कराने की घोषणा के चलते भी सरकार के खिलाफ बोलने का मौका मिल गया था.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को डरपोक तक बताने लगे थे, लेकिन जैसे ही ऑपरेशन सिंदूर के रुझान आने लगे, पूरे विपक्षी खेमे में सेना और सरकार के सपोर्ट करने की होड़ मच गई. मुश्किल ये भी है कि और कोई चारा भी तो नहीं बचा है.
अभी तो सब साथ साथ हैं
कांग्रेस ने पहली सर्वदलीय बैठक में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गैरमौजूदगी का मुद्दा उठाया था, और एक बार फिर ऑपरेशन सिंदूर के बाद भी उठाया है. बाद वाली बैठक में कांग्रेस के साथ साथ समाजवादी पार्टी ने भी प्रधानमंत्री मोदी के मौजूद न होने पर सवाल उठाया. दोनो बैठकों की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की.
ऑपरेशन सिंदूर के बाद की सर्वदलीय बैठक में सभी दलों के नेताओं ने एयर स्ट्राइक की तारीफ की, और सरकार के हर फैसले, सेना के हर एक्शन और ऑपरेशन में साथ देने की बात दोहराई.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने तो सरकार से साफ साफ बोला, जो काम कर रहे हैं, करते रहिये… हम आपके साथ हैं.
मल्लिकार्जुन खड़गे ने बैठक में पाकिस्तान के राफेल विमान मार गिराने के पाकिस्तान के दावे का भी जिक्र किया, लेकिन किसी ने भी इस मसले पर सरकार से जवाब नहीं मांगा.
बैठक के बाद बाहर कांग्रेस अध्यक्ष का कहना था, हमें जो बताया गया, हमने वो सुन लिया… हमने सरकार को समर्थन दिया है… हम इस घड़ी में सरकार के साथ खड़े हैं.
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भी कहा, हम एकजुट हैं और शुरुआत से ही सरकार के साथ हैं. राहुल गांधी ने कहा, कुछ चिंताएं हैं, लेकिन ठीक है… ये समय एकजुट रहने का है.
राहुल गांधी जिस बात का इशारा कर रहे थे, मल्लिकार्जुन खड़गे ने बोल दिया, प्रधानमंत्री को लगता है कि वो संसद से ऊपर हैं… जब वक्त आएगा, तब बात करेंगे… लेकिन, अभी, इस घड़ी में… हम किसी की आलोचना नहीं करेंगे.
सुर और तेवर तो पूरे विपक्ष के बदल गये हैं
बीजेपी के कट्टर विरोधी आरजेडी नेता लालू यादव के छोटे बेटे तेज प्रताप यादव तो अब सरहद पर जाने को तैयार हैं. पायलट वाली ड्रेस में सोशल मीडिया पर तस्वीर शेयर कर तेज प्रताप यादव X पर लिख रहे हैं, पायलट की ट्रेनिंग अगर देश के काम आ सकती है तो मैं तेज प्रताप यादव… हर समय देश की सेवा के लिए तत्पर हूं… आपको बता दूं कि मैंने भी पायलट की ट्रेनिंग ले रखी है, और देश के लिए मेरी जान भी चली जाए तो अपने आपको भाग्यशाली समझूंगा. जय हिंद..!
1. AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी की राजनीतिक लाइन तो हमेशा ही विवादित रही है, भले ही वो बीजेपी विरोध की राजनीति करते हैं, लेकिन विपक्ष के साथ भी कभी नजर नहीं आते - लेकिन, आज की तारीख में वो देश सबसे बड़े राष्ट्रवादी नेता बन कर उभरे हैं.
2. राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल जैसे नेता भी आगे बढ़कर सेना के बहाने बीजेपी की केंद्र सरकार को ही सपोर्ट कर रहे हैं.
3. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तो शायद ही कभी केंद्र सरकार से सीधे मुंह बात करना पसंद करती हों, लेकिन फिलहाल तो वो भी देशभक्ति की होड़ में रफ्तार भर रही हैं.
4. सोशल मीडिया पर नजर डालें तो राजनीतिक दलों के समर्थक भी अलग लाइन ले चुके हैं.
5. सरकार के कट्टर विरोधियों में से कुछ को छोड़कर ज्यादातर ‘जय हिंद… जय हिंद की सेना’ के साथ साथ सरकार के समर्थन में पोस्ट लिखते नहीं थक रहे हैं.