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राहुल, सोनिया गांधी और रॉबर्ट वाड्रा के भ्रष्‍टाचार की फाइलों पर जमी धूल अचानक क्‍यों झाड़ने लगी भाजपा?

प्रवर्तन निदेशालय के निशाने पर गांधी परिवार ऐसे वक्त आया है, जब कांग्रेस बिहार से लेकर गुजरात तक चुनावों के लिए एक्टिव है. ऐसे में ये समझने की जरूरत है कि बीजेपी को क्या फायदा होगा, और कांग्रेस पर असर क्या होगा?

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ईडी का एक्शन पूरे गांधी परिवार के खिलाफ एक साथ हुआ है - और इसमें बीजेपी का फायदा तो है ही, कांग्रेस पर भी असर होगा.
ईडी का एक्शन पूरे गांधी परिवार के खिलाफ एक साथ हुआ है - और इसमें बीजेपी का फायदा तो है ही, कांग्रेस पर भी असर होगा.

ED यानी प्रवर्तन निदेशालय नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग केस में लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और कांग्रेस की राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी के खिलाफ अदालत में चार्जशीट दाखिल की है.

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और इसी बीच राहुल गांधी के बहनोई रॉबर्ट वाड्रा से भी ईडी की पूछताछ चल रही है. AJL यानी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड की संपत्तियों को जब्त करने की प्रक्रिया तो पहले ही शुरू हो चुकी है.  

जून, 2022 में नेशनल हेराल्ड केस में राहुल गांधी और सोनिया गांधी से ईडी ने दफ्तर बुलाकर कई दिनों तक पूछताछ की थी. उससे पहले, जून, 2014 में सोनिया गांधी, राहुल गांधी के खिलाफ समन जारी किया गया था. अगस्त, 2014 में प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था - और, दिसंबर, 2015 में दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी सहित सभी आरोपियों को जमानत दे दी थी. 

राहुल गांधी, सोनिया गांधी और रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय के ताजा एक्शन को कांग्रेस ने बदले की राजनीति बताया है. और, पहली प्रतिक्रिया में कांग्रेस की तरफ से कहा गया है कि ये प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री की गांधी परिवार को धमकी के सिवा कुछ नहीं है.

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गांधी परिवार के खिलाफ ईडी का एक्शन

एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड की संपत्तियों को सीज करने की कार्रवाई तो पहले ही शुरू हो चुकी थी, अब ईडी ने राहुल गांधी और सोनिया गांधी के खिलाफ चार्जशीट भी फाइल कर दी है. 

रिपोर्ट के मुताबिक, ईडी ने जांच के बाद राहुल गांधी और सोनिया गांधी के खिलाफ ये कदम उठाया है. कोर्ट ने 9 अप्रैल को ईडी की चार्जशीट का संज्ञान लिया, और केस की सुनवाई के लिए 25 अप्रैल की तारीख तय की गई है.

राहुल गांधी और सोनिया गांधी के साथ ही, चार्जशीट में ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा और राजीव गांधी फाउंडेशन के ट्रस्टी सुमन दुबे को भी आरोपी बनाया गया है. असल में, एजेएल का मालिकाना हक यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड के पास है. कंपनी में सोनिया गांधी और राहुल गांधी दोनों की हिस्सेदारी 76 फीसदी है, जबकि 24 फीसदी शेयर बाकी निदेशकों के पास हैं.

इसी दौरान वायनाड सांसद प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा से भी ईडी की पूछताछ चल रही है. ये पूछताछ हरियाणा के शिकोहपुर से जुड़े एक जमीन सौदे में मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में हो रही है. हैरान करने वाली बात ये है कि एफआईआर में रॉबर्ट वाड्रा और प्रियंका गांधी में से किसी का नाम नहीं है - क्या ये भी किसी तरह की पॉलिटिक्स हो सकती है?

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भ्रष्टाचार पर बीजेपी के जीरो-टॉलरेंस पर उठते सवाल, और जवाबी एक्शन

कांग्रेस का तो सीधा आरोप है कि ईडी केंद्र में सत्ताधारी बीजेपी के इशारे पर काम कर रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी एक बार कहा था कि जो काम जनता नहीं कर पाई, भ्रष्टाचारियों के खिलाफ वो काम ईडी और सीबीआई जैसी एजेंसियों ने कर डाला है.

ये सवाल भी उठने लगे थे कि भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की बात करने वाला बीजेपी नेतृत्व खामोश बैठा है. और, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार कोई एक्शन नहीं ले रही है. 

भ्रष्टाचार के खिलाफ ये धारणा इसलिए भी बनने लगी थी क्योंकि लोकसभा की कम सीटें आने के कारण बीजेपी की सरकार कमजोर मानी जाने लगी थी, और ऐसा लग रहा था कि कार्रवाई ढीली पड़ रही है. 

समर्थकों की निराशा दूर करने के लिए ही बीजेपी सरकार ने वक्फ कानून में संशोधन की तरफ कदम बढ़ाया, ताकि मैसेज दिया जा सके कि बीजेपी के पास अपने बूते पूर्ण बहुमत न होने के बावजूद वो अपने एजेंडे से पीछे नहीं हटी है.

1. सवाल है कि कांग्रेस के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी किस हद तक जाने की सोच रही है? ये कदम अरविंद केजरीवाल की तरह ही सख्त होगा, या सिर्फ थोड़ा डिस्टर्ब करके छोड़ देने का इरादा है? 

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2. राहुल गांधी की गिरफ्तारी की आशंका तो तब भी जताई जाने लगी थी, जब तीन साल पहले ईडी दफ्तर बुलाकर पूछताछ हो रही थी. लेकिन, हाल तक ऐसा कोई संकेत तो नहीं नजर आया है. 

3. बीते कई चुनावों से पहले ऐसा माहौल महसूस हुआ कि रॉबर्ट वाड्रा को गिरफ्तार कर लिया जाएगा. प्रियंका गांधी वाड्रा के भी राजनीति में प्रत्यक्ष तौर पर कूदने में हुई देर के पीछे यही वजह मानी जा रही थी, लेकिन अब तो वो लोकसभा पहुंच गई हैं - और पीछे पीछे रॉबर्ट वाड्रा भी कतार में खड़े दिखाई पड़ रहे हैं. 

ईडी एक्शन का कांग्रेस पर क्या असर होगा?

1. करीब करीब वैसा ही असर हो सकता है, जैसा आम आदमी पार्टी पर हुआ है. जैसे आप नेताओं को भ्रष्ट साबित करने की कोशिश हुई, और लोगों ने भी मान लिया, वैसा ही कांग्रेस के मामले में भी हो सकता है. दिल्ली विधानसभा चुनाव और लोकसभा की सात सीटों के नतीजे तो यही संकेत दे रहे हैं. 

2. अरविंद केजरीवाल सहित कई नेताओं के जेल चले जाने से आप ठीक से तैयारी भी नहीं कर पाई. काउंटर करने की कोशिशें जरूर हुईं, लेकिन वक्त बहुत कम बचा था. सत्ता तो हाथ से गई ही, अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया जैसे बड़े नेता भी चुनाव हार गये. 

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3. अगर कांग्रेस नेतृत्व के सामने भी आप जैसी ही मुश्किलें आईं, तो मुकाबला मुश्किल हो जाएगा. लिहाजा, आप की गलतियों से सबक लेते हुए पहले से ही काउंटर मेकैनिज्म पर काम करना जरूरी होगा.

4. कांग्रेस को अब नेतृत्व की सेकंड लाइन भी तैयार करनी होगी, जो प्रतिकूल परिस्थितियों में भी पार्टी को संभाल सके, और रूटीन का कामकाज प्रभावित न होने पाये. 

5. ये भी जरूरी नहीं है कि कांग्रेस को भी AAP की ही तरह सारी मुसीबतें झेलनी पड़ें, लेकिन समय और ऊर्जा की बर्बादी तो होगी ही. जिस समय चुनावी रणनीति तय की जानी चाहिये, कानूनी रणनीति पर फोकस करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा.

ईडी के एक्शन से मुकाबले के लिए कांग्रेस ने प्रदेश समितियों राज्यों में ED दफ्तरों के बाहर प्रदर्शन करने का निर्देश दिया है. 
नेशनल हेराल्ड की संपत्ति जब्त करने को कानून के शासन के नाम पर राज्य-प्रायोजित अपराध बताते हुए, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोशल साइट X पर लिखा है, सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करना प्रधानमंत्री और गृह मंत्री की ओर से बदले की राजनीति और धमकी के अलावा कुछ भी नहीं है.

जयराम रमेश लिखते हैं, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और उसका नेतृत्व चुप नहीं बैठेगा… सत्यमेव जयते!

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