ममता बनर्जी के खिलाफ शुभेंदु अधिकारी तो मुर्शिदाबाद हिंसा को लेकर पहले से ही हमलावर थे, पहलगाम हमले के बाद उनकी मुहिम अपनेआप तेज हो गई है. लेकिन, ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने पाकिस्तान को लेकर केंद्र सरकार से जो डिमांड की है, उससे शुभेंदु अधिकारी के हमले की धार कम हो सकती है.
पहलगाम हमले के बाद के माहौल को देखें तो अखिलेश यादव के मुकाबले ममता बनर्जी राजनीतिक रूप से ज्यादा दुरुस्त लग रही हैं. बीजेपी के निशाने पर तो समाजवादी पार्टी नेता अखिलेश यादव और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी दोनो बराबर बनी हुई हैं, लेकिन पाकिस्तान को लेकर टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी की एक मांग ही टीएमसी नेता के लिए कवर फायरिंग जैसा है. अखिलेश यादव के लिए पहलगाम हमले के पीड़ित परिवार से दूरी बनाना जहां महंगा पड़ रहा है, ममता बनर्जी ने अपनी तरफ से कोई कसर बाकी नहीं रखी है.
पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ अपनी मुहिम और भी तेज करने वाले हैं, ऐसा बताया जा रहा है. ये स्वाभाविक भी है, आने वाले बंगाल विधानसभा चुनाव बमुश्किल साल भर का ही वक्त बचा भी है.
पहलगाम पर शुभेंदु अधिकारी का ममता पर हमला
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकवादी हमले में पश्चिम बंगाल के भी तीन लोग मारे गये हैं. ममता बनर्जी ने पीड़ितों के परिवारवालों को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है.
पश्चिम बंगाल सरकार पहलगाम के पीड़ितों में से एक बितान अधिकारी के पिता को बतौर पेंशन 10 हजार रुपये महीने भी देने जा रही है. बताते हैं कि परिवार को दी जाने वाली 10 लाख रुपये की मदद की रकम भी बितान की पत्नी और उनके माता-पिता में बराबर बांटी जाएगी. पत्नी की ही तरह बितान के माता-पिता को भी 5-5 लाख रुपये दिये जाएंगे.
पीड़ितों को शिकायत हो न हो, शुभेंदु अधिकारी अपनी मुहिम जोर शोर से चला रहे हैं. ऐसे में जबकि केंद्र सरकार भी पहलगाम के सुरक्षा इंतजामों में चूक की बात स्वीकार कर चुकी है, बीजेपी नेता जैसे तैसे ममता बनर्जी को घेरने में जुटे हैं.
पहलगाम हमले के विरोध में शुभेंदु अधिकारी पाकिस्तान के खिलाफ जोरदार बयानबाजी तो कर ही रहे हैं, पश्चिम बंगाल विधानसभा के सामने पाकिस्तान का झंडा भी जला चुके हैं. साथ ही, शुभेंदु अधिकारी ने पहलगाम आतंकवादी हमले में मारे गये लोगों के परिवार वालों से भी मुलाकात की है.
बंगाल बीजेपी के नेता शुभेंदु अधिकारी का दावा है, ‘ममता बनर्जी ने पहलगाम के हमले को लेकर कभी भी पाकिस्तान को दोषी नहीं ठहराया.’
हमले के बाद शुभेंदु अधिकारी ने सोशल साइट X पर लिखा है, भाषा… क्षेत्रीय पहचान… जाति… नहीं बल्कि, एक ही सवाल पूछा गया… तुम्हारा धर्म क्या है? ये पक्का होने पर कि आप हिंदू हैं, पहलगाम में सैलानियों पर अंधाधुंध फायरिंग की गई.
अभिषेक बनर्जी बोले, पीओके वापस लेने का वक्त आ गया
जम्मू-कश्मीर में तैनात सेना के एक पैरा कमांडो के घर धमकी भरा पोस्टर मिला है, जिस पर लिखा है, 'गौरव एर मुंडू चाए' यानी गौरव का सिर चाहिये. साथ में पाकिस्तान समर्थित नारा भी लिखा है.
गौरव मुखर्जी के परिवार के लोग पश्चिम बंगाल के धनियाखाली में रहते हैं. धमकी देने वाले ने लिखा है, अगर तुमने हिंदुओं को बचाया तो हम तुम्हारे परिवार को खत्म कर देंगे… और, बंगाल को बांग्लादेश में बदल देंगे.
परिवार की तरफ से पुलिस में शिकायत दर्ज करा दी गई है, और तफ्तीश जारी है.
तृणमूल कांग्रेस नेता अभिषेक मुखर्जी ने पहलगाम हमले के लिए कठघरे में तो बीजेपी को ही खड़ा किया है, लेकिन पाकिस्तान के खिलाफ उनके बयान को काउंटर कर पाना शुभेंदु अधिकारी के लिए भी मुश्किल होगा.
बीजेपी की केंद्र सरकार को घेरते हुए अभिषेक बनर्जी ने कहा है, पहलगाम में आतंकवादी हमले के लिए जिम्मेदार सुरक्षा में चूक की गहराई से जांच करने के बजाय सिर्फ ऐसे विमर्श को आगे बढ़ाने पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है, जिससे एक खास राजनीतिक पार्टी को फायदा मिल सके.
और फिर आखिर में, पाकिस्तान को लेकर सोशल साइट X पर अभिषेक बनर्जी लिखते हैं, ' ...अब वो वक्त आ गया है कि उन्हें उनकी ही भाषा में सबक सिखाया जाये… समय आ गया है कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर, PoK को वापस लिया जाये. बस, अब और नहीं.'