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जबलपुर के बरगी बांध से अचानक छोड़ा गया पानी, डूब गईं नर्मदा नदी किनारे बसी दर्जनों दुकानें

मध्य प्रदेश के जबलपुर में नर्मदा नदी पर बने बरगी बांध से अचानक पानी छोड़ा गया. इस कारण निचले इलाके में बनी दर्जनों से ज्यादा दुकानें और महिला वस्त्राघर पानी में डूब गए. इस तरह की घटना हर महीने तीन-चार बार होती है. बताया जा रहा है कि इसकी वजह से हजारों रुपये का नुकसान हो गया है.

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पानी में डूबी दुकानें.
पानी में डूबी दुकानें.

मध्य प्रदेश के जबलपुर में नर्मदा नदी पर बने बरगी बांध से अचानक पानी छोड़ा गया. इस कारण निचले इलाके में बनी दर्जनों से ज्यादा दुकानें और महिला वस्त्र घर पानी में डूब गए. वहीं, इस कारण दुकानदारों को काफी नुकसान हुआ है.

जानकारी के मुताबिक, नर्मदा नदी पर बने बरगी बांध से प्रशासन ने बिना कोई सूचना दिए बांध से पानी छोड़ दिया गया. इस कारण रायसेन जिले के बोरास, चोरास, अनघोरा केलकछ, केतोघान, अलीगंज सहित दर्जनों गांवों में पानी का जलस्तर अचानक से बढ़ गया.

करीब एक दर्जन से अधिक दुकानें और महिला वस्त्रघर पानी में डूब गया. इस वजह से दुकानदारों को हजारों रुपये का नुकसान हुआ और उनके दुकान का सामान भी पानी में बह गया. वहीं, नर्मदा घाट के पुजारी और दुकानदार दीनदयाल शुक्ल ने बताया कि रायसेन जिले के उदयपुरा ,बरेली तहसील के कई दर्जनों गांव मां नर्मदा नदी के किनारे बसे हैं. 

महिला श्रद्धालुओं को परेशानी

श्रद्धालुओं के स्नान के लिए शुभ फल देने वाले नर्मदा तट के घाट हैं. जबलपुर, नरसिंहपुर, रायसेन, होशंगाबाद सहित और कई जिलों के भी गांव नर्मदा किनारे बसे हैं. नर्मदा नदी में अचानक पानी छोड़ने से कई दुकानदारों की दुकान और महिला वस्त्र घर पानी में डूब गए. इस कारण दुकानदार के सामने रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया है. इस वजह से महिला श्रद्धालुओं को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. 

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प्रशासन पूरी तरह से बेपरवाह

स्थानीय दुकानदार नर्मदा सिंह धाकड़ ने बताया कि हर महीने करीब तीन-चार बार बिना सूचना दिए बांध से पानी छोड़ा जाता है. इसकी सूचना न तो थानेदारों को होती है और न ही तहसीलदारों को होती है. इस कारण दुकानदारों को काफी नुकसान होता है.

उनका कई सामान पानी में बह जाता है. यहां तक कि कई दुकानदार ऐसे हैं, जो कर्ज लेकर दुकान चलाते हैं. मगर, प्रशासन की तरफ से कभी इस बात के लेकर सर्वे नहीं कराया जाता है. इस कारण कई लोग के जीवन पर संकट के बादल छा गए हैं.

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