सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गठित विशेष जांच दल ने मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह की विवादास्पद टिप्पणी की जांच शुरू कर दी है. पुलिस सूत्रों ने बताया कि तीन सदस्यीय एसआईटी ने इंदौर जिले के महू के पास रायकुंडा गांव में लोगों से मिलना शुरू कर दिया है. यहीं पर शाह ने 12 मई को कर्नल सोफिया कुरैशी पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी.
सागर जोन के पुलिस महानिरीक्षक प्रमोद वर्मा एसआईटी के प्रमुख हैं, जबकि विशेष सशस्त्र बल के डीआईजी कल्याण चक्रवर्ती और डिंडोरी पुलिस अधीक्षक वाहिनी सिंह इसके अन्य सदस्य हैं. एसआईटी के एक सदस्य ने बताया, "हमने गुरुवार को अपनी जांच शुरू की."
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय एसआईटी का गठन किया जाए. मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश के बाद मानपुर पुलिस ने 14 मई को शाह के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. हाईकोर्ट ने मंत्री की अभद्र टिप्पणी का स्वत: संज्ञान लिया था.
एक न्यूज एजेंसी ने इंदौर के एक पुलिस अधिकारी के हवाले से बताया कि एफआईआर पहले ही एसआईटी को सौंप दी गई है. जब उनसे पूछा गया कि वे आदिवासी मामलों के मंत्री विजय शाह से कब पूछताछ करेंगे, तो एसआईटी सदस्य ने विस्तार से बताने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा, "हम काम पर हैं. बस इतना ही. हम इंदौर में ही रहेंगे.'' शीर्ष अदालत ने एसआईटी को 28 मई तक अपनी पहली स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया है.
विजय शाह के खिलाफ मामला भारतीय न्याय संहिता की धारा 152 (भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाला कृत्य), 196 (1) (बी) (समुदायों के बीच आपसी सद्भाव पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाला कृत्य, जिससे सार्वजनिक शांति भंग होती है या होने की संभावना है) और 197 (1) (C) (किसी समुदाय के सदस्य के बारे में बोलना, जिससे विभिन्न समुदायों के बीच आपसी सद्भाव पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है) के तहत दर्ज किया गया है.
मंत्री की माफी को खारिज करते हुए जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने कहा कि उन्होंने उनकी टिप्पणियों और उसके बाद की माफी के वीडियो देखे हैं और आश्चर्य जताया कि क्या वह मगरमच्छ के आंसू बहा रहे हैं या यह कानूनी कार्यवाही से बचने की कोशिश है.
बता दें कि रायकुंडा गांव में सामूहिक श्रम और सामुदायिक भागीदारी की आदिवासी परंपरा 'हलमा' को बढ़ावा देने वाले एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान शाह ने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए कहा था, ''जिन लोगों ने हमारी बेटियों के माथे से सिंदूर पोंछा... हमने उन्हें सबक सिखाने के लिए उनकी बहन को भेजा.''