विजय शाह (Vijay Shah) मध्य प्रदेश से भारतीय जनता पार्टी (BJP) नेता हैं. वे वर्तमान में राज्य सरकार में आदिवासी कल्याण मंत्री के रूप में कार्यरत हैं. वह हरसूद विधानसभा सीट से लगातार आठ बार विधायक चुने गए हैं, जो अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है, जो एक राष्ट्रीय रिकॉर्ड है.
मई 2025 में, विजय शाह ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम में कर्नल सोफिया कुरैशी के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी की, जिसके बाद उन्हें व्यापक रुप से आलोचना की गई. मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने स्वतः संज्ञान लेते हुए पुलिस को उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया.
विजय शाह ने अपने बयान के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगी.
विजय शाह का जन्म 1 नवंबर 1962 को मध्य प्रदेश के हरदा जिले के मकरई राज्य के शाही परिवार में हुआ था. उनके पिता राजा देवी शाह थे. उन्होंने 1986 में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर से इतिहास में स्नातकोत्तर (एम.ए.) की डिग्री प्राप्त की. उनकी पत्नी भावना कुशवाहा हैं, और उनका एक बेटा है.
विजय शाह 1990 से हरसूद विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं और 1993, 1998, 2003, 2008, 2013, 2018 और 2023 में लगातार चुनाव जीत चुके हैं. उन्होंने मध्य प्रदेश सरकार में विभिन्न मंत्रालयों का कार्यभार संभाला है, जिनमें स्कूल शिक्षा, वन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, पर्यटन, जनजातीय कार्य और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन शामिल हैं.
बताया जा रहा है कि जब विजय शाह खालवा में मृतका के परिजनों से मिलने पहुंचे, तब स्थानीय लोगों और कार्यकर्ताओं ने उस मुलाकात की तस्वीरें क्लिक कर सोशल मीडिया पर डाल दीं. इनमें पीड़िता के परिजनों के चेहरे साफ नजर आ रहे हैं, जिससे उनकी निजता भंग हुई है. इस पर अब मंत्री को चौतरफा आलोचना का सामना करना पड़ रहा है.
बीजेपी मंत्री विजय शाह ने कर्नल सोफिया कुरैशी को "आतंकियों की बहन" कह कर विवादित टिप्पणी की थी, जिसके कारण कोर्ट ने सख्त प्रतिक्रिया दी थी. मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा, जहां विजय शाह को अंतरिम सुरक्षा मिली. हाल ही में विजय शाह खालवा में पीड़ित परिवार से मिले, लेकिन मीडिया से बात नहीं की।
सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह को दी गई अंतरिम सुरक्षा को आगे बढ़ा दिया है. यह आदेश विशेष जांच टीम (SIT) द्वारा सौंपे गए स्टेटस रिपोर्ट का अवलोकन करने के बाद दिया. रिपोर्ट में SIT ने जांच पूरी करने के लिए और समय मांगा है. आजतक को SIT द्वारा अब तक की गई जांच की जानकारी मिली है, जो सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत की गई रिपोर्ट में दर्ज है.
मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री विजय शाह और प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद से जुड़े कथित राष्ट्र विरोधी बयानों के मामले सुप्रीम कोर्ट में हैं. दोनों प्रकरणों में एसआईटी जांच की रिपोर्ट गर्मी की छुट्टियों के बाद अपेक्षित है. इसी बीच, पुणे में एक छात्रा को समान आरोपों में गिरफ्तारी का सामना करना पड़ा, जिस पर हाईकोर्ट ने पूछा, 'क्या आपको उनकी जिंदगी तबाह करनी है?'
मध्य प्रदेश के मंत्री कुंवर विजय शाह को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत बरकरार रहेगी, लेकिन मामले की जांच कर रही एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में खुलासा किया है कि 'लैब में समुचित सुविधाएं न हो पाने की वजह से वो नमूने वापस आ गए हैं.'
मध्यप्रदेश के मंत्री विजय शाह से जुड़े मामले में एसआईटी ने सुप्रीम कोर्ट को जांच रिपोर्ट सौंपी है, जिसमें जांच को शुरुआती दौर में बताया गया है और अंतिम रिपोर्ट के लिए और समय मांगा गया है. सुप्रीम कोर्ट ने एसआईटी को अतिरिक्त समय दिया और विजय शाह की गिरफ्तारी पर रोक अगले आदेश तक बरकरार रखी, साथ ही हाई कोर्ट से समानांतर कार्यवाही रोकने का अनुरोध किया.
कर्नल सोफिया कुरैशी पर आपत्तिजनक टिप्पणी मामले में मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह के खिलाफ एसआईटी ने सुप्रीम कोर्ट को अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट सौंपी है. एसआईटी की रिपोर्ट के अनुसार, भोपाल एफएसएल में 'वैज्ञानिक और तकनीकी संसाधन नहीं होने की वजह से जो नमूने भेजे गए थे वो वापस आ गए हैं', इसलिए जांच के लिए और समय मांगा गया है.
मध्यप्रदेश के मंत्री विजय शाह को विवादित बयान के मामले में सुप्रीम कोर्ट से फिलहाल राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि विजय शाह मामले में उनकी गिरफ्तारी पर अंतरिम राहत बरकरार रहेगी, यह टिप्पणी कर्नल सोफिया पर की गई थी. इस मामले में एसआईटी ने जांच के लिए और समय मांगा था. देखें...
मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह के विरुद्ध आपत्तिजनक टिप्पणी मामले में एसआईटी ने सुप्रीम कोर्ट को प्रारंभिक जांच रिपोर्ट सौंपी, जिसमें जांच के लिए और समय मांगा गया और शाह की गिरफ्तारी से राहत बरकरार रखी गई. उन्होने कर्नल सोफिया पर विवादित बयान दिया था.
एमपी के मंत्री विजय शाह की कर्नल सोफिया पर टिप्पणी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई, जहां एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट पेश की. विजय शाह ने अपने बयान के लिए माफी मांगते हुए कहा, 'मेरा आशय किसी भी धर्म जाति या समुदाय को ठेस पहुंचाना नहीं था... मैं पूरी तरह क्षमा प्रार्थी हूं.'
सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी पर आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में विवादों में घिरे मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह के खिलाफ जांच रिपोर्ट SIT ने सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी है. रिपोर्ट में SIT ने कहा है कि इस मामले से जुड़े गवाहों के बयान के वीडियो भोपाल FSL को भेजे गए थे. लेकिन संसाधनों की कमी के चलते वीडीओ बिना जांच के वापस आ गए.
मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह द्वारा कर्नल सोफिया कुरैशी पर की गई टिप्पणी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई है, जहां एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. अब कोर्ट में सुनवाई जारी है.
मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह की कर्नल सोफिया पर विवादित टिप्पणी को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है. एसआईटी अपनी जांच रिपोर्ट अदालत में पेश कर चुकी है. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने मंत्री को कहा था, "आप एक जिम्मेदार पद पर हैं, आप इस तरह से कैसे बोल सकते हैं?"
मंत्री विजय शाह की गैर-मौजूदगी ने राजनीतिक हलकों में सवाल खड़े कर दिए हैं. इससे पहले 20 मई को इंदौर के राजवाड़ा पैलेस में आयोजित विशेष कैबिनेट बैठक में भी वह शामिल नहीं हुए थे, जो अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती के उपलक्ष्य में थी.
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय एसआईटी का गठन किया जाए. मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश के बाद मानपुर पुलिस ने 14 मई को शाह के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. हाईकोर्ट ने मंत्री की अभद्र टिप्पणी का स्वत: संज्ञान लिया था.
प्रधानमंत्री मोदी ने सभी नेताओं को सलाह दी कि वे अपने सार्वजनिक बयानों में संयम बरतें. उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि कहीं भी, कुछ भी बोलने से बचें. इसके साथ ही उन्होंने अनुशासित संचार की आवश्यकता पर बल दिया.
मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह ने कर्नल सोफिया कुरैशी पर दिए विवादित बयान को लेकर तीसरी बार माफी मांगी है. सोशल मीडिया पर अपलोड किए गए वीडियो में वो माफी मांगते नज़र आ रहे हैं
विवादित बयान वायरल होने के बाद मंत्री विजय शाह ने सबसे पहले aajtak से बातचीत में माफी मांगी थी. इसके बाद थाने में एफआईआर की कार्रवाई के दौरान दूसरा माफीनामा वीडियो अपलोड किया. अब तीसरी बार उन्होंने क्षमा मांगी.
सैन्य अधिकारियों पर अपनी अमर्यादित टिप्पणी करने वाले मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री विजय शाह की माफी तो सुप्रीम कोर्ट ने ठुकरा दी है, लेकिन गिरफ्तारी पर रोक लगाने के साथ ही बहुत बड़ी राहत दे दी है. लेकिन, एसआईटी जांच का आदेश को लेकर सोशल मीडिया पर सवाल उठाये जा रहे हैं. दूसरी तरफ अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान मेहमूदाबाद अपनी ऐसी ही एक टिप्पणी के चलते जेल भेज दिए गए हैं.
हरियाणा में एक यूनिवर्सिटी प्रोफेसर को उनके बयान के कारण 18 तारीख को गिरफ्तार कर लिया गया, जिस पर भारत की संप्रभुता और एकता को चोट पहुंचाने का आरोप है. दूसरी ओर, मध्य प्रदेश के एक मंत्री द्वारा दिए गए बयान के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एसआईटी का गठन किया है और उनकी गिरफ्तारी पर फिलहाल रोक लगाई है.
मंत्री विजय शाह, कर्नल सोफिया कुरैशी पर अभद्र टिप्पणी मामले में सुप्रीम कोर्ट से फटकार लगने और एसआईटी गठन के निर्देश के बाद, इंदौर में हो रही कैबिनेट बैठक में शामिल नहीं हुए. आजतक को सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सरकार ने फिलहाल मंत्री विजय शाह से दूरी बनाना ही सही समझा, यद्यपि यह भी संभव है कि उन्होंने मीडिया के सवालों से बचने के लिए स्वयं बैठक में न जाने का निर्णय लिया हो.