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एक बार फिर कूनो के खुले जंगल से भाग निकला ओबान, चीते की दस्तक से दहशत में लोग

Kuno National Park: चीता ओबान एक बार फिर कूनो नेशनल पार्क के जंगल से बाहर निकल गया है. वो जोराई गांव के खेतों में जा पहुंच गया है. गांव वाले चीते की वजह से सहमे हुए हैं. वन विभाग की टीम गांव में डटी है और उसकी मॉनीटरिंग करने के साथ ही ग्रामीणों को सचेत भी कर रही है.

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बड़े बाड़े से जंगल में छोड़े गए चीते की फाइल फोटो.
बड़े बाड़े से जंगल में छोड़े गए चीते की फाइल फोटो.

मध्य प्रदेश के श्योपुर स्थित कूनो नेशनल पार्क के खुले जंगल में छोड़े गए नामीबियाई चार चीतों में से एक नर चीता ओबान एक बार फिर पार्क की सीमा लांघ कर रिहायशी क्षेत्र में घुस गया है. वन विभाग की टीमें उसकी मूवमेंट पर पल-पल की निगरानी कर वापस लाने में जुटी हैं. वहीं, गांव वाले चीते की वजह से सहमे हुए हैं.

दरअसल, कूनो नेशनल पार्क के बड़े बाड़े से 11 मार्च को खुले जंगल में चीते को रिलीज किया गया था. इसी महीने 2 अप्रैल को चीता ओबान विजयपुर क्षेत्र के झार बड़ौदा और पार्वती बड़ौदा गांव के खेतों के बाद शिवपुरी जिले के जंगल से होते हुए बैराड़ क्षेत्र तक पहुंच गया था. इसके बाद 6 अप्रैल को उसे वापस कूनो पार्क लाया गया था. एक बार फिर शनिवार रात ओबान उसी इलाके के जोराई गांव के खेतों में जा पहुंचा है. 

चीते की चहलकदमी को लोगों ने मोबाइल कैमरे में कैद किया

रविवार सुबह से ही वो एक खेत में है. गांव के कुछ लोगों ने अपने मोबाइल कैमरे में चीते की चहलकदमी को कैद किया है. उधर, रेडियो कॉलर की सहायता से चीते की मॉनिटरिंग कर रही वन विभाग की टीम गांव में डटी है. उसकी मॉनीटरिंग के साथ ही ग्रामीणों को सचेत भी कर रही है.

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उसे रेस्क्यू नहीं किया जाएगा, स्वयं लौट सकता है- डीएफओ

चीते ओबान की मूवमेंट पर नजर रख रही टीम के फॉरेस्ट गार्ड आलोक प्रजापति का कहना है कि हम यहां चीते को सुरक्षा प्रदान करने के लिए पहुंचे हैं. उसे वापस ले जाने की कोशिशें की जा रही हैं. कूनो नेशनल पार्क के डीएफओ प्रकाश कुमार वर्मा ने आजतक से बातचीत में कहा कि चीता ओबान बैराड़ क्षेत्र के जोराई गांव के एक खेत में है. फिलहाल, उसे रेस्क्यू नहीं किया जाएगा, वो स्वयं लौट सकता है.

4 चीतों को बाड़ों से निकालकर जंगल में रिलीज किया गया

बता दें कि पिछले साल सितंबर महीने में चीता प्रोजेक्ट के तहत नामीबिया से कूनो नेशनल पार्क लाए गए 8 चीतों में से 4 चीतों को बाड़ों से निकालकर खुले जंगल में रिलीज किया गया. नर चीता ओबान और मादा चीता आशा को 11 मार्च को जबकि एल्टन और फ्रेडी को 22 मार्च को जंगल में रिलीज किया गया था. 

मादा चीता सियाया ने 29 मार्च को 4 शावकों को जन्म दिया

वहीं, एक नामीबियाई मादा चीता साशा की बीती 27 मार्च को किडनी की बीमारी से मौत हो गई थी. दूसरी मादा चीता सियाया ने 29 मार्च को 4 शावकों को जन्म दिया था. इसके अलावा पिछले दिनों 18 फरवरी को साउथ अफ्रीका से 7 नर और 5 मादा सहित 12 चीतों को कूनो नेशनल पार्क में लाया. उन्हें क्वारन्टीन पीरियड खत्म होने के बाद बड़े बाडे में छोड़ने की तैयारियां की जा रही हैं.

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