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MP: चुनाव हारने के बाद भी कांग्रेस ने जीतू पटवारी को क्यों बनाया प्रदेश अध्यक्ष? ये हैं वजहें

MP News: मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस आलाकमान ने कमल नाथ से प्रदेश अध्यक्ष का पद लेकर जीतू पटवारी को सौंप दिया है. मध्यप्रदेश में कांग्रेस के इस फेरबदल को लेकर जातीय संतुलन साधने की बात कही जा रही है.

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कमल नाथ और जीतू पटवारी.
कमल नाथ और जीतू पटवारी.

कांग्रेस आलाकमान ने मध्य प्रदेश में कमल नाथ (Kamal nath) की जगह जीतू पटवारी (Jitu Patwari) को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है. विधानसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस ने ये फैसला तब लिया है, जब भाजपा के सीएम के साथ ही डिप्टी सीएम शपथ ले चुके हैं. माना जा रहा है कि भाजपा की तरह कांग्रेस ने जातीय संतुलन साधने की कोशिश की है. कमल नाथ की जगह जीतू पटवारी को प्रदेश अध्यक्ष बनाने के साथ ही सिंघार को नेता प्रतिपक्ष बनाया गया है.

बता दें कि कांग्रेस ने शनिवार को 50 वर्षीय जीतू पटवारी को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया. जीतू पटवारी ने राजनीति के अनुभवी कमल नाथ की जगह ली है. इसी के साथ पूर्व राज्य मंत्री 48 वर्षीय उमंग सिंघार (Umang Singhar) को कांग्रेस विधायक दल का नेता चुना है. वहीं 38 वर्षीय हेमंत कटारे (Hemant Katare) को उपाध्यक्ष नियुक्त किया है. उमंग सिंघार आदिवासी समाज से जुड़े हैं, वहीं हेमंत ब्राह्मण समाज से हैं.

राज्य की आबादी में ओबीसी की हिस्सेदारी 51 फीसदी है. साल 2003 के बाद से सत्तारूढ़ भाजपा (BJP) के इस क्षेत्र से चार मुख्यमंत्री हुए हैं. इनमें उमा भारती, बाबूलाल गौर, शिवराज सिंह चौहान और वर्तमान सीएम मोहन यादव शामिल हैं. मोहन यादव ने 13 दिसंबर को सीएम पद की शपथ ली है.

प्रदेश में कांग्रेस को महज 66 सीटों पर करना पड़ा संतोष

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भारतीय जनता पार्टी ने 17 नवंबर को हुए चुनाव में 230 सीटों में में 163 सीटें जीतकर राज्य में सत्ता बरकरार रखी. वहीं कांग्रेस को 66 सीटों पर संतोष करना पड़ा. वरिष्ठ नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के करीबी माने जाने वाले जीतू पटवारी इंदौर के राऊ से हाल ही में चुनाव हार गए थे. वह दिसंबर 2018 से मार्च 2020 के बीच कमल नाथ सरकार में मंत्री रहे हैं. वहीं हेमंत कटारे के पिता सत्यदेव कटारे विधानसभा में एलओपी रहे हैं और राज्य के गृह मंत्री भी रह चुके हैं.

बीजेपी सरकार की ताजपोशी के बाद कांग्रेस ने प्रदेश कार्यकारिणी में किया है फेरबदल

बता दें कि बीजेपी ने ओबीसी समाज से आने वाले मोहन यादव को सीएम बनाया. इसी के साथ ब्राह्मण समाज से नेता राजेंद्र शुक्ला और दलित समाज से जगदीश देवड़ा को डिप्टी सीएम बनाया है. इन नेताओं के शपथ लेने के कुछ ही दिनों बाद कांग्रेस ने प्रदेश में ये फेरबदल किया है.

भाजपा ने मध्य प्रदेश में अपनाई ये रणनीति

मध्य प्रदेश में ओबीसी की आबादी करीब 51 फीसदी है, जिसमें करीब तीन फीसदी यादव हैं. बीजेपी ने सरकार की कमान ओबीसी चेहरे मोहन यादव को सौंपी है. वहीं ब्राह्मण चेहरे राजेंद्र उपाध्याय को आगे कर करीब छह फीसदी ब्राह्मण, जगदीश देवड़ा के सहारे करीब 18 फीसदी दलित आबादी को भी प्रतिनिधित्व दिया है. मोहन यादव को सीएम बनाकर बीजेपी ने यूपी की सियासत में मजबूत प्रभाव रखने वाली यादव जाति को भी ओबीसी पॉलिटिक्स का मैसेज दिया है.

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कांग्रेस ने कहा- पार्टी कमल नाथ के योगदान की सराहना करती है

मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद कांग्रेस ने भी बदलाव की शुरुआत कर दी है. इसी को लेकर पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने इसको लेकर प्रेस विज्ञप्ति जारी है, जिसमें पटवारी, कटारे और सिंघार की नियुक्तियों की घोषणा करते हुए यह भी कहा गया है कि पार्टी 77 वर्षीय कमल नाथ के योगदान की सराहना करती है.

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