SDM अधिकारी ज्योति मौर्य और उनके पति आलोक मौर्य के विवाद की चर्चा घर-घर में हो रही है. दोनों एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं. ज्योति मौर्य अपने पति आलोक मौर्य को तलाक देना चाहती हैं. आलोक तलाक के पक्ष में नहीं हैं. वह अपनी दो बेटियों का हवाला देते हुए ज्योति के साथ रहने की बात करता हैं. लेकिन ज्योति किसी भी हाल में आलोक के साथ नहीं रहना चाहती हैं.
वहीं, दूसरी तरफ होमगार्ड कमांडेंट मनीष दुबे का भी पत्नी के साथ विवाद है और उनकी पत्नी का कहना है कि हम पति-पत्नी हैं. आपस में बैठकर यह मामला सुलझा लेंगे. इन रिश्तों कि डोर ऐसी उलझी है कि सुलझने का नाम नहीं ले रही है.
आलोक एडल्टरी ग्राउंड पर याचिका डाल सकते हैं
विवाह का दीया बुझ चुका है, आलोक से ज्योति अलग हो चुकी है. ऐसे में कानून की रोशनी में इस विवाह की स्थिति क्या है? इस पर कानून विशेषज्ञ सीनियर एडवोकेट सुनील मित्तल का कहना है कि हिंदू विवाह को लेकर अधिनियम में पति को भी अधिकार है. अगर उसके पास साक्ष्य हैं कि उसकी पत्नी के पराए पति के साथ संबंध हैं, तो वह एडल्टरी के ग्राउंड पर याचिका डाल सकता है.
आलोक एडल्टरी ग्राउंड को साथ रहने के लिए बाध्य नहीं कर सकते हैं
आलोक एडल्टरी ग्राउंड पर पति अपनी पत्नी को आने के लिए बाध्य नहीं कर सकता है. न ही वैवाहिक संबंध का निर्वाह करने के लिए. सेक्शन 9 की Petition भी डालेगा तो उसमें भी पत्नी को बाध्य नहीं कर सकता है. अगर उसके पास साक्ष्य नहीं यह साबित करने के लिए उसके पराए शख्स के साथ संबंध हैं, तो उसको मानसिक क्रूरता हुई क्योंकि वह बाहर किसी से रात या देर सबेर बातचीत करती है. तो वह उसके बारे में लीगल ओपिनियन लेकर और अपने लीगल ऑप्शन को एक्सपलोर कर सकता है.
ज्योति मौर्य और आलोक मौर्य पेपर पति-पत्नी हैं
इसमें विवाद की स्थित यह रही इसमें दोनों का विवाह संबंध जब तक विच्छेद नहीं होता तो पति-पत्नी हैं. पति इसमें तलाक के लिए अवेदन कर सकता है. अगर पत्नी तलाक की अर्जी डालती है तो वह इसका लंबे समय तक विरोध कर सकता है. वह यह कह सकते हैं कि मैं तलाक नहीं देना चाहता हूं मैं तो मुकदमा लडूंगा. इस अदालत में कितनी समय लगे कितने वर्ष लगें बाद में अदालत ही फैसला करेगी. शादी खत्म होने के बाद ही दोनों दूसरा विवाह कर सकते हैं क्योंकि कागज पर दोनों पति-पत्नी हैं.