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नैनीताल के शेरवुड कॉलेज में पहुंचे उपराष्ट्रपति, 156वें स्थापना दिवस पर छात्रों को किया प्रेरित

शुक्रवार को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने नैनीताल के शेरवुड कॉलेज के 156वें स्थापना दिवस पर छात्रों को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा, लक्ष्य आत्मकेंद्रित न होकर समाज और राष्ट्र के लिए हों. विकसित भारत हमारा लक्ष्य है. उन्होंने मेजर सोमनाथ शर्मा, सैम मानेकशॉ और अमिताभ बच्चन जैसे पूर्व छात्रों का उल्लेख कर प्रेरणा दी.

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शेरवुड कॉलेज में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़.
शेरवुड कॉलेज में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़.

उत्तराखंड के नैनीताल स्थित देश के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों में से एक शेरवुड कॉलेज ने शुक्रवार को अपना 156वां स्थापना दिवस समारोह भव्य रूप से मनाया. इस विशेष अवसर पर भारत के उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे और उन्होंने छात्र-छात्राओं, शिक्षकों एवं अभिभावकों को प्रेरणादायी संबोधन दिया.

छात्रों से किया संवाद, दिया सेवा और राष्ट्र निर्माण का संदेश

उपराष्ट्रपति ने कहा कि केवल अपने लिए लक्ष्य बनाना पर्याप्त नहीं है. अपने लक्ष्य को संकीर्ण और आत्मकेंद्रित मत बनाइए. समाज, मानवता और राष्ट्र के लिए लक्ष्य तय कीजिए. उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ऐसे ही लोग इतिहास में याद किए जाते हैं, जिन्होंने समाज के लिए जिया और कार्य किया है.

'राष्ट्र सर्वोपरि की भावना आत्मसात करें'

उपराष्ट्रपति ने शेरवुड के छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, आप एक ऐसे संस्थान में हैं जिसकी विरासत गौरवशाली है. आपको राष्ट्र सर्वोपरि की भावना आत्मसात करनी चाहिए. भारत की 5000 वर्षों की सांस्कृतिक विरासत हमसे यह अपेक्षा करती है कि हम बिना शर्त राष्ट्रवाद को स्वीकार करें.

अभिभावकों को दी बच्चों को स्वतंत्रता देने की सलाह

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धनखड़ ने माताओं और पिताओं से अपील करते हुए कहा कि बच्चों पर अपने सपने न थोपें. उनका भविष्य तय करना बंद कीजिए. उन्हें अपनी राह खुद चुनने दीजिए. यदि आप तय करेंगे तो वे केवल पैसे या सत्ता के पीछे दौड़ेंगे. फिर वैज्ञानिक, शोधकर्ता, खगोलशास्त्री कौन बनेगा?

नैनीताल

अमिताभ बच्चन और अन्य दिग्गजों का किया उल्लेख

अपने संबोधन में उपराष्ट्रपति ने कहा कि शेरवुड कॉलेज मेजर सोमनाथ शर्मा (भारत के पहले परमवीर चक्र विजेता) और फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ (1971 के युद्ध के नायक) जैसे महापुरुषों की शिक्षा का केंद्र रहा है. उन्होंने कहा, आप उस विरासत में जी रहे हैं, इसे कभी न भूलें. उन्होंने विशेष रूप से सदी के महानायक अमिताभ बच्चन का भी उल्लेख किया और कहा, अमिताभ बच्चन हमें याद दिलाते हैं कि कर्म ही पूजा है. कार्य की कोई उम्र नहीं होती. आपको निरंतर योगदान करते रहना चाहिए.

गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बताया ईश्वर का वरदान

उपराष्ट्रपति ने कहा, शिक्षा ईश्वर का वरदान है. यदि आपको गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलती है, तो आप वास्तव में सौभाग्यशाली हैं. एक ऐसा देश जिसमें 1.4 अरब की आबादी है, उसमें श्रेष्ठ शिक्षा मिलना एक विशेषाधिकार है. अपने भाषण के अंत में उन्होंने कहा, विकसित भारत केवल सपना नहीं, हमारा लक्ष्य है. दुनिया तेजी से बदल रही है और हमें वह परिवर्तन लाना है जिसकी आवश्यकता है.

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समारोह में हुआ उत्साह और प्रेरणा का माहौल

शेरवुड कॉलेज का स्थापना दिवस समारोह विद्यार्थियों, अभिभावकों और अध्यापकों के लिए अत्यंत प्रेरणादायक बन गया. उपराष्ट्रपति के मार्गदर्शन और प्रेरणात्मक शब्दों ने सभी को राष्ट्र निर्माण, सेवा और उच्च आदर्शों की दिशा में सोचने को प्रेरित किया.

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