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UP: मुलायम सिंह यादव की पत्नी साधना गुप्ता की अंत्येष्टि आज, जानें कैसे करीब आए थे दोनों

मुलायम सिंह यादव की दूसरी पत्नी साधना गुप्ता का गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया था. साधना गुप्ता का पार्थिव शरीर लखनऊ लाया गया है जहां उनकी अंत्येष्टि की जानी है.

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साधना गुप्ता और मुलायम सिंह यादव (फाइल फोटो)
साधना गुप्ता और मुलायम सिंह यादव (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • साधना गुप्ता का गुरुग्राम में हुआ था निधन
  • लखनऊ लाया गया साधना का पार्थिव शरीर

समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव की पत्नी साधना गुप्ता का शनिवार को गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया. साधना गुप्ता का अंतिम संस्कार आज लखनऊ में होगा. मुलायम सिंह यादव की पत्नी साधना यादव की दूसरी पत्नी साधना गुप्ता का अंतिम संस्कार दोपहर एक बजे लखनऊ के पिपरा घाट पर होगा.

पोस्ट कोविड समस्याओं से पीड़ित साधना गुप्ता के निधन के बाद उनका पार्थिव शरीर गुरुग्राम से लखनऊ लाया गया है. मुलायम सिंह यादव की पहली पत्नी और अखिलेश यादव की मां मालती देवी का साल 2003 में ही निधन हो गया था. मालती देवी के निधन के बाद मुलायम सिंह यादव ने साधना गुप्ता को पत्नी का दर्जा दिया था.

साधना गुप्ता इटावा जिले के बिधूना की रहने वाली थीं. 4 जुलाई 1986 को साधना गुप्ता की शादी फर्रुखाबाद के चंद्र प्रकाश गुप्ता के साथ हुई थी. 7 जुलाई 1987 को साधना गुप्ता ने बेटे प्रतीक यादव को जन्म दिया था. शादी के दो साल बाद ही साधना गुप्ता और उनके पति चंद्र प्रकाश गुप्ता अलग हो गए थे. अपनी पहली पत्नी के निधन के कुछ साल बाद मुलायम ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर किया था जिसमें उन्होंने साधना गुप्ता को अपनी पत्नी और प्रतीक को बेटा बताया था.

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कैसे करीब आए साधना और मुलायम

साधना गुप्ता और मुलायम सिंह यादव को लेकर कहा जाता है कि दोनों तब करीब आए जब सपा संरक्षक की मां अस्पताल में भर्ती थीं. उसी अस्पताल में साधना गुप्ता नर्स के रूप में तैनात थीं. साधना गुप्ता ने मुलायम सिंह यादव की मां मूर्ति देवी की काफी सेवा की. मूर्ति देवी को एक गलत इंजेक्शन लगाया जा रहा था जिसे नर्स साधना ने रोक दिया था. कहा जाता है कि तभी मुलायम सिंह यादव को साधना से प्यार हो गया था.

साधना गुप्ता साल 1988 में अपने पति से अलग हो गई थीं और उसके अगले ही साल मुलायम सिंह यादव यूपी के मुख्यमंत्री बन गए थे. मुलायम सिंह यादव तब से साधना गुप्ता को अपने लिए लकी मानने लगे थे. कहा जाता है कि मुलायम सिंह यादव और साधना गुप्ता तब से ही एक साथ हो गए थे लेकिन इसकी भनक किसी को नहीं लगी. साधना गुप्ता और मुलायम सिंह यादव के रिश्ते का खुलासा साल 2007 में तब हुआ जब आय से अधिक संपत्ति के मामले में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया.

इस हलफनामे में मुलायम सिंह यादव ने लिखा कि मैं स्वीकार करता हूं कि साधना गुप्ता मेरी पत्नी और प्रतीक मेरा बेटा है. मुलायम सिंह यादव और साधना गुप्ता का रिश्ता कई साल बाद सामने आया था. अखिलेश यादव तब छात्र जीवन में थे, जब साल 2003 में मुलायम सिंह यादव की पहली पत्नी मालती देवी का निधन हो गया था. पहली पत्नी के निधन के बाद मुलायम सिंह यादव ने साधना गुप्ता को अपनी पत्नी का दर्जा दे दिया था.

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अमर सिंह जानते थे रिश्ते का राज

साल 1982 से लेकर 1988 तक मुलायम सिंह यादव और साधना गुप्ता के बीच रिश्ते का राज केवल एक शख्स जानता था. वह इकलौते राजदार थे अमर सिंह. अमर सिंह सब जानते थे लेकिन चुप रहे. अमर सिंह आखिर कहते भी कैसे, मुलायम के घर पर उनकी पत्नी मालती यादव थीं और बेटा अखिलेश भी. 1988 में कई चीजें बदल गईं. मुलायम सिंह यादव मुख्यमंत्री बनने की रेस में आ गए थे तो साधना भी अपने पति से अलग रहने लगी थीं.

कहा जाता है कि तभी मुलायम ने अखिलेश यादव को भी साधना गुप्ता से मिलवा दिया था. मुलायम ने भले ही साल 2007 में साधना गुप्ता को अपनी पत्नी और प्रतीक को अपना पुत्र स्वीकार किया, लेकिन इससे पहले भी ये चर्चा थी. प्रतीक ने साल 1994 में ही स्कूल के फॉर्म में स्थायी पता के कॉलम में मुलायम सिंह यादव के ऑफिस का पता भरा था. प्रतीक के स्कूल फॉर्म में मां के नाम की जगह साधना गुप्ता और पिता के नाम की जगह एमएस यादव लिखा था.

सुप्रीम कोर्ट में जो मुलायम सिंह ने हलफनामा दिया था उसके मुताबिक साधना गुप्ता के पास गांव की चल अचल संपत्ति के साथ ही लखनऊ में दो घर भी थे. 2016 में मुलायम सिंह का घर में कलह की वजह जगजाहिर हुई तो अखिलेश यादव ने साधना गुप्ता पर कई आरोप लगाए. अखिलेश यादव ने तो यहां तक कह दिया था कि वो राजनीतिक महत्वाकांक्षा के कारण मुलायम के परिवार को तोड़ना चाहती हैं.

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साधना ने की थी शिवपाल की वकालत

2017 के विधानसभा चुनाव से पहले जब सपा में उठा-पटक शुरू हुई तब साधना गुप्ता ने अखिलेश के आरोप पर सफाई दी थी. साधना ने अपने खिलाफ लगाए गए आरोप को नीच मानसिकता की उपज बताया था और शिवपाल सिंह यादव की वकालत भी की थी. साधना ने तब कहा था कि शिवपाल यादव के लिए मुलायम सिंह यादव और उनके दिल में बहुत इज्जत है. शिवपाल को उनका हक मिलना चाहिए. शिवपाल ने गरीबी का दौर देखा है. साधना गुप्ता, मुलायम सिंह यादव के चचेरे भाई रामगोपाल यादव पर हमलावर रही थीं और ये तक कह दिया था कि उन्हें नहीं पता कि रामगोपाल परिवार में दरार बढ़ाने का काम क्यों कर रहे हैं.

 

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