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21 KG के चांदी के झूले पर झूलेंगे रामलला, अयोध्या में एंट्री के लिए RT-PCR अनिवार्य

अयोध्या में हर साल श्रावण शुक्ल तृतीया को झूलन महोत्सव की शुरुआत होती है. अयोध्या के सभी प्रमुख मंदिरों से विग्रह मणि पर्वत तक पालकियों में गाजे बाजे के साथ जाते हैं और वहीं पर झूला झूलते हैं. मणि पर्वत वही जगह है जहां माता सीता झूला झूलने आया करती थीं, इसलिए हर साल श्रावण शुक्ल तृतीया को यहां बड़े महोत्सव का आयोजन होता है

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 राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने झूले की फोटो की शेयर.
राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने झूले की फोटो की शेयर.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • पहली बार रामलला के लिए बना चांदी का खास झूला
  • कोरोना के चलते धूमधाम से नहीं मनाया जा रहा झूला मेला

अयोध्या में 11 अगस्त से झूला मेला शुरू हो गया. हालांकि, इस बार कोरोना के चलते अयोध्या में झूला मेला महोत्सव हर बार की तरह धूमधाम से नहीं मनाया जा रहा है. इस बार मणि पर्वत पर भी कोई कार्यक्रम नहीं होगा या कोई खास रौनक भी नहीं है. लेकिन मंदिरों में भगवान को रक्षाबंधन तक झूला झुलाया जाएगा और गीत सुनाए जाएंगे. 

21 किलो के चांदी के झूले पर झूलेंगे रामलला

राम जन्मभूमि परिसर में भी रामलला को 21 किलो चांदी के झूले में झूला झुलाया जाएगा. यह खास झूला बुधवार को रामलला को सौंप दिया गया. रामलला श्रावण मास में शुरू होने वाले झूलन महोत्सव का आनंद लेंगे.  ऐसा पहली बार हो रहा है कि रामलला के लिए चांदी का विशेष झूला बनवाया गया है. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने झूले की फोटो शेयर करते हुए बताया कि इस बार रक्षाबंधन तक रामलला इसी विशेष झूले में झूला झूलेंगे. 

धूमधाम से मनाया जाता था झूलन महोत्सव

अयोध्या में हर साल श्रावण शुक्ल तृतीया को झूलन महोत्सव की शुरुआत होती है. अयोध्या के सभी प्रमुख मंदिरों से विग्रह मणि पर्वत तक पालकियों में गाजे बाजे के साथ जाते हैं और वहीं पर झूला झूलते हैं. मणि पर्वत वही जगह है जहां माता सीता झूला झूलने आया करती थीं, इसलिए हर साल श्रावण शुक्ल तृतीया को यहां बड़े महोत्सव का आयोजन होता है और यहां भगवान के विग्रह द्वारा झूला झूलने के साथ ही पूरे देश में झूलन महोत्सव शुरू हो जाता है.मणि पर्वत पर मंदिरों के विग्रह द्वारा झूला झूलने के बाद मंदिरों में झूले पड़ते हैं और भगवान को झूला झुलाया जाता है और उन्हें सावन के गीत सुनाए जाते हैं. इसे देखने के लिए लाखों लोग अयोध्या आते हैं.

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अयोध्या में एंट्री के लिए  RT-PCR जरूरी

कोरोना के चलते झूला महोत्सव को काफी सीमित रखा गया है. इसके अलावा अयोध्या आने वाले सभी यात्रियों को अपने साथ आरटीपीसीआर रिपोर्ट लाना जरूरी है. यह 72 घंटे पहले तक की होनी चाहिए. 

राम झरोखे से दर्शन कर रहे भक्त

अयोध्या में बन रहे रामलला मंदिर को अब भक्त भी राम झरोखे से देख पा रहे हैं. श्रद्धालुओं के लिए रामलला के दर्शन के रास्ते में एक झरोखा खोला गया. इसके जरिए श्रद्धालु राम मंदिर निर्माण को देख पा रहे हैं. इसे राम झरोखा का नाम दिया गया है जो कि 20 फीट की चौड़ाई में राम मंदिर परिसर के पश्चिमी दीवार पर खोला गया.

 

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