तेलंगाना के निर्मल जिले से एक दर्दनाक घटना सामने आई है. यहां 13 वर्षीय छात्र ने ऑनलाइन गेम PUBG खेलने पर डांट खाने के बाद अपनी जान दे दी. जानकारी के अनुसार मृतक छात्र का नाम रिशेंद्र था, जो कक्षा 9 में पढ़ता था.
वह लंबे समय से PUBG खेलने का आदी हो गया था. बुधवार को उसके पिता भट्टी संतोष, जो हैदराबाद के मूल निवासी हैं और भैंसा में एक छोटा व्यवसाय चलाते हैं, उन्होंने उसे गेम खेलने पर डांटा. डांट खाने के बाद रिशेंद्र ने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. परिजन उसे तुरंत अस्पताल ले गए, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
PUBG खेलने पर डांट खाने के बाद बच्चे ने की खुदकुशी
भैंसा टाउन पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. यह घटना ऐसे समय में सामने आई है जब देश में ऑनलाइन गेमिंग के खतरों और इसे नियंत्रित करने के कानून को लेकर बहस तेज है. मनोवैज्ञानिक विशेषज्ञ एवं डॉ हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय की सहायक प्रोफेसर डॉक्टर दिव्या भनोट कहती हैं जब बच्चे को माता-पिता के साथ स्वस्थ बातचीत नहीं मिलती, तो वो अक्सर गेमिंग जैसी अनुपयुक्त आदतों में शामिल हो जाते हैं. कठोर या प्रतिक्रियात्मक पालन-पोषण, भले ही अच्छे इरादे से किया जाए, बच्चे को और अधिक अलग-थलग कर सकता है और मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर देता है.
इसके अलावा प्रोफेसर डॉक्टर दिव्या भनोट कहती हैं कि माता-पिता को भावनात्मक तनाव के शुरुआती संकेतों को पहचानने के लिए संवेदनशील होना चाहिए, जैसे अकेलापन, चिड़चिड़ापन या गेमिंग के प्रति अत्यधिक आसक्ति. कई बार बच्चों को कठोर दंड की नहीं, बल्कि अपने प्रियजनों के देखभाल भरे और चिंतित कानों की जरूरत होती है, जो उनकी संघर्षों और असुरक्षाओं को सुन सकें. मानसिक स्वास्थ्य को रोजमर्रा की बातचीत का हिस्सा बनाना चाहिए, न कि शर्म के कारण छुपाना चाहिए.
ऑनलाइन गेमिंग के चक्कर में कई बच्चे कर चुके हैं सुसाइड
बता दें इससे पहले उत्तर प्रदेश के लखनऊ में भी एक छात्र ने ऑनलाइन गेमिंग को लेकर आत्महत्या की थी. लगातार बढ़ रही ऐसी घटनाएं परिवारों और समाज के लिए चिंता का कारण बनती जा रही हैं. इस घटना के बाद से मृतक के परिजनो का रो-रोकर बुरा हाल है.
नोट:- (अगर आपके या आपके किसी परिचित के मन में आता है खुदकुशी का ख्याल तो ये बेहद गंभीर मेडिकल एमरजेंसी है. तुरंत भारत सरकार की जीवनसाथी हेल्पलाइन 18002333330 पर संपर्क करें. आप टेलिमानस हेल्पलाइन नंबर 1800914416 पर भी कॉल कर सकते हैं. यहां आपकी पहचान पूरी तरह से गोपनीय रखी जाएगी और विशेषज्ञ आपको इस स्थिति से उबरने के लिए जरूरी परामर्श देंगे. याद रखिए जान है तो जहान है.)