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बिहार यात्रा पर पटना पहुंचे शरद यादव ने कहा, 11 करोड़ जनता से किया 'ईमान का करार' टूटा

बिहार की सत्ताधारी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) अब ज्यादा दिनों तक यूनाइटेड रहती नहीं दिख रही. बीजेपी के साथ गठबंधन किए जाने के बाद से बगावती तेवर अपनाए जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव को उनकी पार्टी ने दो-टूक शब्दों में मर्यादाओं में रहते हुए संयम बरतने को कहा है.

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शरद यादव BJP से गठबंधन करने के नीतीश कुमार के फैसले से नाराज हैं
शरद यादव BJP से गठबंधन करने के नीतीश कुमार के फैसले से नाराज हैं

बिहार की सत्ताधारी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) अब ज्यादा दिनों तक यूनाइटेड रहती नहीं दिख रही. बीजेपी के साथ गठबंधन किए जाने के बाद से बगावती तेवर अपनाए जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव तीन दिनों की बिहार यात्रा पर पटना पहुंचे और साफ किया वह नीतीश कुमार के इस फैसले से आहत हैं और इसीलिए लोगों के बीच जाकर उनसे बात करेंगे. वहीं उनकी पार्टी जेडीयू ने भी  दो-टूक शब्दों में मर्यादाओं का पालन करते हुए संयम बरतने को कहा है.

दरअसल बिहार में आरजेडी के साथ महागठबंधन तोड़कर बीजेपी के साथ सरकार बनाने के नीतीश कुमार के फैसले से शरद यादव नाराज हैं. उन्होंने इसे जनादेश का अपमान बताते हुए जनहित अभियान के नाम से बिहार में तीन दिनों का दौरे के लिए पटना पहुंचे. इस दौरान एयरपोर्ट पर बड़ी संख्या में मौजूद आरजेडी कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया. वहीं जेडीयू की तरफ से केवल पूर्व मंत्री रमई राम ही उनके साथ दिखे. इस दौरान शरद यादव ने भी साफ किया वह अब भी महागठबंधन के साथ हैं.

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शरद यादव ने यहां मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा, 'हमने पांच साल के लिए किया गठबंधन किया था. जिस 11 करोड़ जनता से हमने जो करार किया था, वो ईमान का करार था. वो टूटा है, जिससे हमको तकलीफ हुई है.' शरद यादव ने साथ ही कहा कि 70 साल के इतिहास में ऐसा कोई उदाहरण नहीं मिलता, जहां दो पार्टी या गठबंधन जो चुनाव में आमने-सामने लड़े हों और जिनके मेनिफेस्टो अलग-अलग हों, दोनों के मेनिफस्टो मिल गए हों. उन्होंने कहा कि यह लोकशाही में विश्वास का संकट है.

शरद यादव के इन बगावती तेवरों के बाद उनकी पार्टी जेडीयू ने उनसे साफ शब्दों में कहा है कि शरद यादव को जो कुछ भी कहना है वह पार्टी नेताओं के सामने कहें. वहीं पटना में 19 अगस्त को पार्टी की कार्यकारिणी बैठक होनी है, इसमें भी वह अपना पक्ष रख सकते हैं.

जेडीयू महासचिव केसी त्यागी ने आजतक से इस बाबत बातचीत में कहा कि शरद यादव को 19 तारीख तक संयम बरतना चाहिए और मर्यादा में रहना चाहिए. त्यागी ने शरद यादव और लालू प्रसाद यादव के बीच सांठगांठ का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि शरद यादव जिस राह पर चले हैं, उस अंधेरी राह में उन्हें लालटेन का साथ है.

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इससे पहले खबर आई थी कि बगावत पर ऊतारू शरद यादव को पार्टी बाहर का रास्ता दिखा सकती है. हालांकि त्यागी से इससे इनकार करते हुए कहा कि पार्टी ने अभी शरद यादव पर कोई कार्रवाई करने का मन नहीं बनाया है और ना ही पार्टी में कोई विभाजन होने जा रहा है.

हालांकि इसके साथ ही उन्होंने कहा, लेकिन हमने शरद यादव से यह जरूर कहा है कि बिहार में यात्रा और दिल्ली में उनके द्वारा बुलाई जा रही विशेष सभा को रद्द कर दिया.

वहीं दूसरी ओर शरद खेमा किसी भी तरह डिगने को तैयार नहीं दिखता. शरद कैंप में माने जाने वाले जेडीयू सांसद अली अनवर से जब पूछा गया कि पार्टी उन पर और शरद यादव के खिलाफ कार्रवाई का मन बना रही है, तो उन्होंने कहा कि देश पार्टी के ऊपर होता है और देश के लिए कोई भी कुर्बानी दी जा सकती है.

आपको बता दें कि जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष गुरुवार से बिहार की तीन दिवसीय यात्रा शुरू करने जा रहे हैं. शरद यादव ने साथ ही बताया कि उन्होंने समान विचारों वाले नेताओं की 17 अगस्त को दिल्ली में बैठक बुलाई है.

 

 

शरद यादव इन 3 दिनों में पहले दिन पटना, सोनपुर और मुजफ्फरपुर की यात्रा करेंगे. दूसरे दिन मुजफ्फरपुर-दरभंगा-मधुबनी की तथा अपनी यात्रा के अंतिम दिन मधुबनी-सुपौल-सहरसा-मधेपुरा की यात्रा करेंगे. इस दौरे के दौरान शरद यादव जनता के मन की बात पूछेंगे कि महागठबंधन को लेकर जो टूटा है उसको लेकर उनके मन में क्या विचार है क्या सोचते हैं.

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इसके बाद उन्होंने 17 अगस्त को 'सहज विरासत बचाओ सम्मेलन' बुलाई है. ऐसा माना जा रहा है कि इस सम्मेलन में विपक्षी नेताओं के अलावा कुछ दलित एवं अल्पसंख्यक नेता भी शामिल होंगे.

वहीं आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ने भी शरद यादव का समर्थन जताते हुए बुधवार को कहा था कि नीतीश कुमार ने शरद यादव को धोखा दिया है. उन्होंने यह भी कहा कि शरद यादव के पटना आने पर जनता दल यू के कार्यकर्ता उनका विरोध करेंगे और नीतीश कुमार के इशारे पर उन पर हमला भी किया जा सकता है. उन्होंने कहा था कि उनकी पार्टी का शरद यादव की जेडीयू से गठबंधन जारी रहेगा.

 

 

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