scorecardresearch
 

अब ईवीएम बताएगी, आपका वोट किसे मिला

मतदाता को जल्द ही यह पता लग सकेगा कि उसने चुनाव में ईवीएम के माध्यम से जो वोट डाला है वह उसी उम्मीदवार के पक्ष में गया है कि नहीं जिसके लिए उसने मतदान किया था.

Advertisement
X
इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन
इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन

मतदाता को जल्द ही यह पता लग सकेगा कि उसने चुनाव में ईवीएम के माध्यम से जो वोट डाला है वह उसी उम्मीदवार के पक्ष में गया है कि नहीं जिसके लिए उसने मतदान किया था.

इस प्रक्रिया में मतदाता की पुष्टि के लिए एक प्रकाशित पर्ची जारी की जाएगी और निर्वाचन आयोग द्वारा वोटर वैरीफाइड पेपर आडिट ( वीवीपीएटी) प्रणाली को लागू किए जाने पर जल्द ही यह योजना हकीकत का रूप ले लेगी.

इस व्यवस्था को कुछ राजनीतिक दलों विशेष रूप से बीजेपी द्वारा जतायी गयी आशंकाओं के मद्देनजर लाया जा रहा है. राजनीतिक दलों ने ईवीएम मशीन की निष्पक्षता के संबंध में सवाल उठाए थे.

निर्वाचन आयोग ने पिछले सप्ताह ही सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि उसने हाल ही में वीवीपीएटी डिजाइन को मंजूरी दी है तथा इसे पूरी तरह दुरूस्त बनाने के लिए इसमें कुछ और सुधार की जरूरत है. आयोग ने इस नई व्यवस्था पर विचार विमर्श के लिए दस मई को राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया है.

आयोग में उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि वह ईवीएम मशीनों से जोड़ने के लिए जून के पहले सप्ताह में करीब 250 प्रिंटर हासिल करेगा. परीक्षण के बाद उपचुनाव में इन्हें प्रायोगिक स्तर पर लगाया जाएगा. नई प्रणाली को दो जून के उपचुनाव में नहीं परखा जाएगा. निर्वाचन आयोग में उच्च पदस्थ सू़त्रों ने बताया कि नई प्रणाली संभवत: देशभर में अगले आम चुनाव में क्रियान्वित नहीं की जाएगी क्योंकि प्रत्येक ईवीएम से जोड़ने के लिए इस प्रकार के 13 लाख नए उपकरणों की जरूरत होगी और इस पर करीब 1700 करोड़ रुपये का खर्च आएगा.

Advertisement

नई प्रणाली के तहत एक मतदाता ईवीएम में एक बटन दबाकर उस उम्मीदवार के नाम, पार्टी के नाम तथा सीरियल नंबर की प्रकाशित पर्ची हासिल कर सकेगा जिसके पक्ष में उसने अपना वोट डाला है. इस प्रणाली के जरिए मतदाता अपने वोट की पुष्टि कर सकेगा लेकिन मतदान की गोपनीयता को सुनिश्चित करने के लिए मतदाता को यह पर्ची अपने साथ घर ले जाने की अनुमति नहीं होगी.

कुछ राजनीतिक दलों ने इस नई प्रणाली का पक्ष लिया है लेकिन ईवीएम व्यवस्था में लंबे समय से सुधार की मांग कर रहे कुछ राजनीतिक दल नई व्यवस्था को जांचे परखे बिना इस पर अपनी कोई राय बनाने से हिचक रहे हैं.

बीजेपी काफी पहले से ही इस प्रकार की व्यवस्था अपनाए जाने की वकालत कर रही थी लेकिन उसकी सहयोगी पार्टी जनता दल यू ने इस बारे में अभी अपनी कोई राय नहीं बनायी है.

बीजेपी के उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी ने बताया, ‘हम इसके पक्ष में हैं और निर्वाचन आयोग से आगामी लोकसभा चुनाव में इस नई व्यवस्था को इसकी कमियां दूर कर अपनाए जाने को कहते रहे हैं.’ उन्होंने कहा, ‘हम ईवीएम में बदलाव की मांग कर रहे हैं. मतदाताओं को पता होना चाहिए कि किसके पक्ष में वह मतदान कर रहा है.’ कांग्रेस ने हालांकि इस विचार का समर्थन किया लेकिन उसने नई व्यवस्था के बारे में अपनी कोई राय नहीं बनायी है.

Advertisement

कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने कहा, ‘देखते हैं कि नयी प्रणाली कैसे काम करती है. हम इस पर विचार करेंगे और उसके बाद टिप्पणी करेंगे.’ भाकपा सचिव डी राजा ने कहा कि वाम दल ईवीएम की विश्वसनीयता बढ़ाए जाने की मांग करते रहे हैं और लगता है कि इस संबंध में यह एक समाधान है.

Advertisement
Advertisement