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शहीद कर्नल संतोष का अंतिम संस्कार, रक्षा मंत्री ने भी श्रद्धांजलि

जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में शहीद कर्नल जी. संतोष महादिक का गुरुवार को नम आंखों के साथ अंतिम संस्कार किया गया. उनके 5 साल बेटे ने उन्हें मुखाग्नि दी. रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने भी शहीद के पैतृक गांव में श्रद्धांजलि दी.

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घुसपैठियों के खि‍लाफ अभि‍यान के दौरान शहीद हुए थे कर्नल महादिक
घुसपैठियों के खि‍लाफ अभि‍यान के दौरान शहीद हुए थे कर्नल महादिक

जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में शहीद कर्नल जी. संतोष महादिक का गुरुवार को नम आंखों के साथ अंतिम संस्कार किया गया. उनके 5 साल बेटे ने उन्हें मुखाग्नि दी. रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने भी शहीद के पैतृक गांव में श्रद्धांजलि दी.

गौरतलब है कि मंगलवार को घुसपैठियों के खिलाफ जारी अभियान में अपने दल का नेतृत्व करने के दौरान कर्नल संतोष जी. महादिक शहीद हो गए थे.

एक अधिकारी ने बताया कि रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अन्य गणमान्यों ने कर्नल महादिक को श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की. उनके परिवार में माता-पिता, पत्नी शाश्वती, दो बच्चे और भाई हैं. कर्नल महादिक के पार्थिव शव को गुरुवार तड़के उनके पैतृक गांव पोगारवाड़ी लाया गया, जहां उनके शव को अंतिम दर्शन के लिए रखा गया .

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हाजी नाका इलाके में आतंकियों ने मारी थी गोली
अधिकारी ने बताया कि कर्नल महादिक का अंतिम संस्कार पूरे सैन्य सम्मान के साथ किया गया. उन्हें सेना मेडल से नवाजा जा चुका है. 41 राष्ट्रीय रायफल्स के कमांडिंग अफसर कर्नल महादिक (38) जम्मू-कश्मीर में घुसपैठियों के खिलाफ तलाशी अभियान का नेतृत्व कर रहे थे, जब कुपवाड़ा जिले में हाजी नाका इलाके के घने वन क्षेत्र में छिपे आतंकवादियों ने उन्हें गोली मार दी थी.

महाराष्ट्र के सतारा में एक कृषक परिवार में उनका जन्म हुआ. उन्होंने 1998 में सेना में भर्ती होने से पहले सतारा के सैन्य स्कूल से शिक्षा पूरी की. उनका अंतिम संस्कार उनके परिजनों, पोगारवाड़ी के ग्रामीणों और सतारा जिले के स्थानीय निवासियों की मौजूदगी में किया गया. इस दौरान लोग 'संतोष महादिक अमर रहे' का नारा लगाते रहे.

-इनपुट IANS से

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