जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष ने हिंसा के लिए आरएसएस को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने सोमवार को कहा कि पिछले 4-5 दिनों से आरएसएस से जुड़े प्रोफेसर्स हमारे आंदोलन को तोड़ने के लिए हिंसा भड़का रहे थे. यह एक सुनियोजित हमला था. वे लोगों को बाहर निकाल-निकालकर हमला कर रहे थे. आइशी ने कहा कि जेएनयू सिक्योरिटी और हमलावरों के बीच साठ-गांठ थी, जिसकी वजह से उन्होंने हिंसा रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया. हमारी मांग है कि यूनिवर्सिटी के वाइस-चांसलर को तुरंत हटाया जाए.
उन्होंने कहा कि जेएनयू की लोकतांत्रिक संस्कृति को कुचलने की कोशिश की जा रही है, जो सफल नहीं होगी. उन्होंने कहा, 'छात्रों के खिलाफ लोहे की छड़ का जवाब वाद-विवाद और बातचीत के जरिए दिया जाएगा. जेएनयू की संस्कृति खत्म नहीं होगी, वह बरकरार रहेगी.' आइशी के अलावा जेएनयू छात्र संघ के उपाध्यक्ष साकेत मून ने भी आरोप लगाया कि जब जरूरत थी, तब सुरक्षा मौजूद नहीं थी.
Jawaharlal Nehru University Student Union (JNUSU) President Aishe Ghosh: Every iron rod used against the students will be given back by debate and discussion. JNU's culture will not be eroded anytime soon. JNU will uphold its democratic culture. pic.twitter.com/Jtqa4UhaNo
— ANI (@ANI) January 6, 2020
Jawaharlal Nehru University Student Union (JNUSU) President Aishe Ghosh on yesterday's #JNUViolence: We condemn it and we want the immediate removal of the Vice Chancellor. pic.twitter.com/nMjHYTgvKw
— ANI (@ANI) January 6, 2020
Jawaharlal Nehru University Student Union (JNUSU) President Aishe Ghosh: Yesterday's attack was an organised attack by goons of RSS and ABVP. Since past 4-5 days violence was being promoted in the campus by some RSS affiliated professors and ABVP. #Delhi pic.twitter.com/MY6kmB7DsU
— ANI (@ANI) January 6, 2020
साकेत मून ने आरोप लगाया कि दिल्ली पुलिस पहली कॉल के दो घंटे बाद पहुंची. उन्होंने कहा, 'हमने दो घंटे पुलिस को फोन किया लेकिन हमें मदद नहीं मिली. दिल्ली पुलिस ने अपने बयान में कहा कि जब उन्हें यूनिवर्सिटी कैंपस में हिंसा की खबर मिली तो वे यूनिवर्सिटी के गेट पर पहुंच गए. लेकिन उन्हें एक घंटे बाद कैंपस में घुसने की परमिशन मिली.'
क्या है मामला
गौरतलब है कि रविवार रात जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में कुछ नकाबपोश हमलावर घुसे, जिनके पास डंडे और लोहे की छड़ थीं. उन्होंने स्टूडेंट्स और टीचर्स की जमकर पिटाई की और कैंपस में तोड़फोड़ भी की. इसके बाद प्रशासन ने पुलिस को कॉल किया, जिसने कैंपस में फ्लैग मार्च किया. इस हमले में जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष समेत 28 लोग घायल हो गए.