जमीयत उलमा-ए-हिंद ने कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग और कश्मीरियों को हमवतन बताया है. दिल्ली में गुरुवार को जमीयत उलमा-ए-हिंद की सामान्य परिषद की बैठक हुई. इस बैठक में कश्मीर को लेकर प्रस्ताव पेश किया गया. इस दौरान जमीयत ने कहा कि कोई अलगाववादी आंदोलन न केवल देश, बल्कि कश्मीर के लोगों के लिए भी हानिकारक है.
Jamiat Ulama-i-Hind: We feel it's our national duty to protect democratic&human rights of Kashmiri people. Nevertheless, it's our firm belief that their welfare lies in getting integrated with India. The inimical forces and neighbouring country are bent upon destroying Kashmir. https://t.co/zoPBpoXKeH
— ANI (@ANI) September 12, 2019
जमीयत ने अपने प्रस्ताव में कहा, हमें लगता है कि कश्मीरी लोगों के लोकतांत्रिक और मानवाधिकारों की रक्षा करना हमारा राष्ट्रीय कर्तव्य है. फिर भी, यह हमारा दृढ़ विश्वास है कि उनका कल्याण भारत के साथ एकसाथ रहने में निहित है. दुश्मन ताकतें और पड़ोसी देश कश्मीर को नष्ट करने पर तुले हुए हैं.
Mahmood Madani, Jamiat Ulema-e-Hind: We have passed a resolution today that Kashmir is an integral part of India. There will be no compromise with security and integrity of our country. India is our country and we stand by it. pic.twitter.com/pxhi2t4peH
— ANI (@ANI) September 12, 2019
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत से जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष अरशद मदनी की पिछले दिनों हुई मुलाकात हुई थी. इस पर कई विपक्षी दलों की ओर से तीखी प्रतिक्रिया आई थी. इसके बाद अरशद मदनी ने प्रेसवार्ता कर बताया था कि देश की बेहतरी के लिए साथ मिलकर कार्य करने पर विचार विमर्श हुआ था.
अभी हाल में कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाया गया है. इसके विरोध में कई विपक्षी पार्टियां और मुस्लिम संगठनों के बयान आए हैं. पाकिस्तान भी खुलकर विरोध में उतर गया है. ऐसे में जमीयत का यह बयान सरकार के लिए बड़ी राहत की खबर साबित हो सकती है.