केंद्र सरकार जाट कोटे पर रोक लगाने के फैसले की समीक्षा की अपील के साथ सुप्रीम कोर्ट जा सकती है. सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के चलते UPSC को सिविल सर्विसेज की मुख्य परीक्षा के फाइनल रिजल्ट पर रोक लगानी पड़ी है.
जाट आरक्षण खत्म, अगला नंबर मराठाओं का!
गृह मंत्रालय, कार्मिक, विधि व सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण मंत्रालयों के शीर्ष अधिकारी सुप्रीम कोर्ट के आदेश को देखते हुए सरकार के अगले कदम पर विचार कर रहे हैं. इस कदम की शुरुआत जाट नेताओं के प्रतिनिधिमंडल की शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुलाकात करने के बाद हुई. इन लोगों ने जाट समुदाय के लिए ओबीसी आरक्षण को खत्म करने के मुद्दे पर प्रधानमंत्री से मुलाकात की थी.
एक सरकारी अधिकारी ने बताया, समीक्षा याचिका दायर करने के बारे में फैसला जल्दी ही लिया जाएगा. जाट नेता 17 मार्च को सुनाए गए सुप्रीम कोर्ट के फैसले की समीक्षा की मांग कर रहे हैं. कोर्ट ने अपने इस फैसले में यूपीए सरकार की उस अधिसूचना को रद्द कर दिया था, जिसमें इस समुदाय के लिए आरक्षण को नौ राज्यों में विस्तार देने की बात कही गई थी. हरियाणा की बीजेपी सरकार जाटों के लिए नौकरियों में आरक्षण के समर्थन में खुलकर सामने आई है. सूत्रों ने कहा कि सिविल सर्विसेज एग्जाम का रिजल्ट अब तक आ जाना चाहिए थे, लेकिन 17 मार्च के आदेश चलते परीक्षा परिणाम अभी तक रुका हुआ है.
-इनपुट भाषा से