कहा जाता है कि जोड़ियां जमीन पर नहीं, स्वर्ग से बनती हैं. यह कहावत एक बार फिर सच साबित हुई, जब बड़े भाई की दुल्हन बनने वाली लड़की से जेल में बंद छोटे भाई ने न्यायालय के आदेश पर विवाह किया. विवाह के बाद अपनी नई-नवेली दुल्हन को छोड़कर हालांकि वह फिर जेल चला गया.
बिहार के सारण जिले के भगवानगंज बाजार थाना क्षेत्र के निवासी देवानंद पासवान का विवाह मुफस्सिल थाना के अशोक नगर निवासी दशरथ मांझी की पुत्री सीता के साथ तय हुई थी. तय तिथि के अनुसार बुधवार को दोनों का परिणय सूत्र में बंधना तय हुआ. लेकिन देवानंद इस विवाह से नाखुश था और वह घर से भाग गया. इसके बाद दोनों पक्षों में हाय-तौबा मच गई.
इसी बीच देवानंद के परिजनों ने उसके छोटे भाई से विवाह का प्रस्ताव लड़की पक्ष वालों को दिया. लड़की पक्ष वालों ने तो यह प्रस्ताव स्वीकार कर लिया, लेकिन समस्या यह थी कि देवानंद का छोटा भाई रविरंजन पासवान मारपीट के एक मामले में छपरा जेल में बंद था, पर दोनों पक्ष निराश नहीं हुए और तय तिथि पर ही शादी करने की ठान ली.
दोनों पक्षों ने न्यायालय में एक आवेदन देकर रविरंजन के विवाह की गुहार लगाई. न्यायालय ने बुधवार को रविरंजन को पुलिस की सुरक्षा में भेजकर विवाह करने का आदेश दे दिया, जिसके बाद वह अशोक नगर मुहल्ले में बारात लेकर पहुंचा, जहां उसने सीता के साथ अग्नि के सात फेरे लिए. दोनों पूरे धूमधाम और धार्मिक रीति-रिवाज के साथ परिणय सूत्र में बंध गए.
विवाह के बाद दुल्हन के पिता दशरथ मांझी ने कहा कि जोड़ियां सचमुच भगवान ही तय करते हैं. उनकी बेटी की किस्मत में शायद रविरंजन ही लिखा था, इसलिए देवानंद से विवाह तय होने के बाद भी शादी रविरंजन से हुई.
उधर, विवाह से खुश रविरंजन ने कहा कि किसी लड़की और उसके परिजनों के लिए तय विवाह का टूट जाना बेहद दुखदायी होता है. विवाह तय हो जाने के बाद उनके बड़े भाई घर से भाग गए तो उनकी गलती की सजा किसी बेकसूर लड़की को क्यों मिले, यही सोचकर उसने इस विवाह के लिए हामी भर दी.
विवाह के बाद दूल्हा बना रवि फिर से न्यायिक हिरासत में जेल चला गया लेकिन उसने भरोसा जताया कि उसे जल्द ही न्याय मिलेगा और वह फिर से सीता के साथ अपनी नई जिंदगी की शुरुआत कर सकेगा.