एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ईडी) का नाम सुनते ही भ्रष्टाचारियों का कांपना शुरू हो जाता है. यह देश के बड़े-बड़े नेताओं को भी गिरफ्तार करने की क्षमता रखती है. ईडी की ताकत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यह सीबीआई और राज्य की पुलिस के पास भी नहीं होती. विदेशी पूंजी निवेश के नाम पर की जाने वाली धोखाधड़ी को जांचने के लिए यह महत्वपूर्ण विभाग है. ईडी मनी लॉन्ड्रिंग या हवाला लेन-देन के मामलों में भी कार्रवाई करती है. 2018 में केंद्र सरकार ने पीएमएलए कानून में संशोधन करके ईडी को मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में संपत्ति अटैच करने, आरोपी की गिरफ्तारी करने के विशेष अधिकार दिए थे.