scorecardresearch
 

'बंगाल में SIR से दहशत, लोग कर रहे सुसाइड', TMC नेता कुणाल घोष का बीजेपी पर आरोप

टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि बीजेपी की अमानवीय राजनीति और चुनाव आयोग की मिलीभगत से राज्य में लोग भयभीत हैं. TMC नेता ने सीधे तौर पर बीजेपी के तीन वरिष्ठ नेताओं सुकांत मजूमदार, समिक भट्टाचार्य और शुवेंदु अधिकारी को जिम्मेदार ठहराया.

Advertisement
X
घोष ने कहा कि बीजेपी जनता के असली मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है. (File Photo: PTI)
घोष ने कहा कि बीजेपी जनता के असली मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है. (File Photo: PTI)

पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची संशोधन (SIR) को लेकर सियासत गर्मा गई है. तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने शनिवार को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और चुनाव आयोग पर साजिश के तहत मतदाता सूची से लाखों नाम हटाने का गंभीर आरोप लगाया. टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि बीजेपी की अमानवीय राजनीति और चुनाव आयोग की मिलीभगत से राज्य में लोग भयभीत हैं, यहां तक कि कुछ लोग डर और निराशा में आत्महत्या तक कर रहे हैं.

घोष ने दावा किया कि राज्य के कई हिस्सों, खासकर उत्तर बंगाल जिलों में SIR प्रक्रिया को लेकर आम लोगों में भय और भ्रम फैल गया है, जिसके चलते लोग आत्महत्या कर रहे हैं, मानसिक तनाव में हैं. बीजेपी नेताओं के बेतुके और भड़काऊ बयानों ने लोगों को दहशत में डाल दिया है. कुछ लोग अपनी नागरिकता पर शक में जान तक दे रहे हैं और बीजेपी उन आत्महत्याओं का भी मजाक उड़ा रही है.”

TMC नेता ने सीधे तौर पर बीजेपी के तीन वरिष्ठ नेताओं सुकांत मजूमदार, समिक भट्टाचार्य और शुवेंदु अधिकारी को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने आरोप लगाया कि ये वही लोग हैं जो खुलेआम कहते हैं ‘चुन चुन कर बांग्लादेशियों को बाहर फेंक देंगे’. ऐसे बयान आम नागरिकों में असुरक्षा और घबराहट पैदा कर रहे हैं.”

घोष ने कहा कि बीजेपी जनता के असली मुद्दों बेरोजगारी, महंगाई और जनकल्याण से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है. उन्होंने केंद्र और चुनाव आयोग से अपील की कि वे इस पूरे मामले पर पुनर्विचार करें और संवेदनशीलता दिखाएं, क्योंकि यह सिर्फ एक राजनीतिक मसला नहीं, बल्कि मानवीय त्रासदी बनती जा रही है.

Advertisement

गौरतलब है कि बीते कुछ दिनों में उत्तर बंगाल के कुछ जिलों से आत्महत्या और दहशत फैलने की घटनाएं सामने आई हैं, जिनका संबंध लोगों में मतदाता सूची से नाम कटने के डर से जोड़ा जा रहा है. SIR प्रक्रिया के तहत चुनाव आयोग 2002 के मतदाता रोल्स के आधार पर नामों का सत्यापन कर रहा है.

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement