दिल्ली सर्विस बिल पर संसद में वोटिंग के वक्त राष्ट्रीय लोक दल (RLD) प्रमुख जयंत चौधरी की गैरमौजूदगी ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं. कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या जयंत ने बीजेपी से गठबंधन के दरवाजे खुले रखे हैं? अभी ये कयास खत्म भी नहीं हुए थे कि इस बीच चौधरी की पार्टी आरएलडी के सभी विधायकों की मुख्यमंत्री योगी के साथ हुई मीटिंग की एक तस्वीर ने कयासों को और हवा दे दी है कि क्या सचमुच आरएलडी और बीजेपी के बीच कोई खिचड़ी पक रही है?
बुधवार शाम विधानसभा में आरएलडी के विधायकों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की. तस्वीर भी सामने आई और आधिकारिक तौर पर आरएलडी की तरफ से यह बताया भी गया कि गन्ना की कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर, साथ ही बाढ़ से जूझ रहे किसानों को राहत देने की मांग को लेकर यह मुलाकात हुई. RLD की तरफ से बताया गया कि यह मुलाकात सियासी नहीं, बल्कि शुद्ध रूप से किसान हितों की मांग को लेकर की गई थी.
लेकिन योगी आदित्यनाथ के साथ मुलाकात की तस्वीरें बाहर आने के साथ ही चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है. इन कयासों के पीछे कुछ ठोस वजह भी है. क्योंकि इससे पहले दिल्ली सर्विसेज बिल पर जयंत चौधरी की गैरमौजूदगी का पता चलते ही भाजपा नेताओं की बांछे खिल गई थीं.
योगी सरकार के मंत्री जेपीएस राठौर ने कहा था कि अब जयंत चौधरी को सूट सिलने की तैयारी करनी चाहिए यानी वह केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने के लिए तैयार हो जाएं. वहीं, बीजेपी सरकार के सहयोगी ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि देर सबेर जयंत आएंगे.
बहरहाल, इस मुलाकात में कोई सियासी बात तो नहीं हुई है. लेकिन हर मुलाकात और तस्वीर कोई न कोई संदेश छोड़ती है और इस मुलाकात के संदेश भी संदेह पैदा करते हैं. टाइमिंग भी ऐसी है जब जयंत चौधरी एक तरफ विपक्ष के साथ वोटिंग में नहीं दिखाई देते, वहीं दूसरी तरफ उनके विधायक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से एक साथ मुलाकात करते हैं. ऐसे में आरएलडी और जयंत को लेकर चर्चा होना लाजमी है, और वही चर्चा परवान चढ़ती दिखाई दे रही है.
हालांकि, आरएलडी के प्रवक्ता अनिल दुबे ने यह साफ किया है कि जयंत चौधरी मजबूती से इंडिया गठबंधन में बने हुए हैं. वह इंडिया गठबंधन छोड़कर कहीं नहीं जा रहे. मुंबई में होने वाली I.N.D.I.A. की अगली मीटिंग में भी वह शामिल होंगे और बाकी यह तमाम बातें सिर्फ कयासबाजी हैं और कुछ नहीं.