देश में मूसलाधार बारिश का सिलसिला जारी है, जिसकी वजह से कई राज्यों में बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं और लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. मौसम विभाग ने आज यानी 13 अगस्त को केरल, राजस्थान, तमिलनाडु, पुडुचेरी, कराईकल और उत्तराखंड में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है.
दिल्ली का मौसम
दिल्ली-एनसीआर में तेज बारिश का दौर जारी है, जिसकी वजह से राजधानी के कई इलाकों में जलभराव की स्थिति पैदा हो गई है. मौसम विभाग ने 16 अगस्त तक दिल्ली में मध्यम से भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है. IMD के मुताबिक, इस पूरे हफ्ते दिल्ली का अधिकतम तापमान 31 से 33 डिग्री सेल्सियस के बीच रह सकता है और न्यूनतम तापमान 26 से 27 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना है.
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देश के मौसम का हाल
मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट के मुताबिक, आज उत्तराखंड, हरियाणा, दिल्ली, पूर्वी राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, झारखंड, पूर्वोत्तर भारत, केरल, तमिलनाडु, रायलसीमा और दक्षिण कर्नाटक के आंतरिक भागों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ जगह भारी बारिश हो सकती है.
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वहीं पूर्वी राजस्थान में कुछ स्थानों पर जल जमाव की उम्मीद है. गंगीय पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा, तटीय आंध्र प्रदेश, विदर्भ, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक, गोवा, तटीय कर्नाटक, तटीय महाराष्ट्र, पूर्वी गुजरात, लक्षद्वीप, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में हल्की से मध्यम बारिश संभव है. इसके अलावा लद्दाख, राजस्थान के पश्चिमी हिस्सों, सौराष्ट्र और कच्छ, मराठवाड़ा, मध्य महाराष्ट्र, दक्षिण तेलंगाना, उत्तरी आंतरिक कर्नाटक में हल्की बारिश संभव है.
देश की मौसमी गतिविधियां
मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट के मुताबिक, औसत समुद्र तल पर मानसून ट्रफ अब श्री गंगानगर, दिल्ली, ग्वालियर, डाल्टनगंज, दीघा और वहां से पूर्व-दक्षिणपूर्व वार्डों से होकर उत्तरपूर्वी बंगाल की खाड़ी तक जा रही है. वहीं पूर्वोत्तर राजस्थान और आसपास के क्षेत्रों पर चक्रवाती परिसंचरण 7.6 किमी ऊपर तक फैला हुआ है, जो ऊंचाई के साथ दक्षिण-पश्चिम की तरफ झुका हुआ है.
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इसके अलावा इस चक्रवाती परिसंचरण से एक ट्रफ रेखा उत्तर प्रदेश, बिहार और उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल से होते हुए बांग्लादेश तक समुद्र तल से 3.1 किमी ऊपर तक फैली हुई है. पूर्वोत्तर असम पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है. महाराष्ट्र कर्नाटक तट के साथ समुद्र तल पर अपतटीय ट्रफ बनी हुई है.