राष्ट्रपति भवन में सोमवार को आयोजित एक भव्य समारोह में पूर्व उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक दिवंगत बिंदेश्वर पाठक और प्रसिद्ध भरतनाट्यम डांसर पद्मा सुब्रमण्यम को प्रेसिडेंट द्रौपदी मुर्मू द्वारा पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया. अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती, गायिका उषा उथुप, उत्तर प्रदेश के पूर्व राज्यपाल राम नाइक और उद्योगपति सीताराम जिंदल को पद्म भूषण से सम्मानित किया गया.
पद्म पुरस्कार वितरण समारोह में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस जयशंकर समेत अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे. पद्म पुरस्कार देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में शामिल हैं, जो कला, सामाजिक कार्य, लोक सेवा, विज्ञान, साहित्य और खेल जैसे विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले लोगों को प्रदान किए जाते हैं. पद्म विभूषण असाधारण और विशिष्ट सेवा के लिए, पद्म भूषण उच्च कोटि की विशिष्ट सेवा के लिए और पद्म श्री किसी भी क्षेत्र में विशिष्ट सेवा के लिए प्रदान किया जाता है.
Attended the Civil Investiture Ceremony at Rashtrapati Bhavan where the Padma Awards were conferred. India is proud of all the recipients, who have excelled in diverse fields and brought a positive change in the lives of crores of people. pic.twitter.com/Nz4lz1RKeF
— Narendra Modi (@narendramodi) April 22, 2024
इस साल कुल 132 हस्तियों को पद्द पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा हुई थी. इनमें पांच पद्म विभूषण, 17 पद्म भूषण और 110 पद्म श्री पुरस्कार विजेता शामिल हैं. इस बार पद्म पुरस्कार प्राप्त करने वालों में 30 महिलाएं शामिल रहीं, वहीं 9 लोगों को मरणोपरांत पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया गया. लगभग आधे पुरस्कार विजेताओं को सोमवार के समारोह में सम्मान प्राप्त हुआ, शेष को अगले सप्ताह पुरस्कार प्रदान किए जाने की उम्मीद है. पद्म पुरस्कारों की घोषणा हर वर्ष गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर होती है. हालांकि, 1978, 1979 और 1993 से 1997 तक इनकी घोषणा किन्हीं कारणों की वजह से गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर नहीं हो सकी थी.
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पद्म पुरस्कार से सम्मानित हस्तियों को राष्ट्रपति के हस्ताक्षर और सील वाला सर्टिफिकेट और मेडल दिया जाता है. पुरस्कार से सम्मानित हस्तियों को उनके मेडल की एक प्रतिकृति भी दी जाती है, जिसे वे किसी भी समारोह में पहन सकते हैं. गृह मंत्रालय के मुताबिक, ये पुरस्कार कोई पदवी नहीं है. इसलिए विजेताओं के नाम के आगे या पीछे इसका इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. अगर ऐसा होता है तो पुरस्कार वापस लिया जा सकता है. इन पुरस्कारों के साथ विजेताओं को कोई नकद पुरस्कार, भत्ता या रेल-हवाई यात्रा में छूट जैसी कोई सुविधा नहीं दी जाती है.