प्रतिबंधित नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (एनएलएफटी) के दो नेताओं को पश्चिम त्रिपुरा जिले में गिरफ्तार किया गया है. दोनों नेताओं को उस वक्त पकड़ा गया जब वो पड़ोसी देश बांग्लादेश से भारत में दाखिल हो रहे थे.
प्रतिबंधित संगठन के पूर्व सेनाध्यक्ष सचिन देबबर्मा और उनके राजनीतिक सचिव उत्पल देबबर्मा भारतीय सीमा में प्रवेश की कोशिश कर रहे थे. इन दोनों ही नेताओं पर हत्या, अपहरण, जबरन वसूली और देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने जैसे संगीन आरोप हैं. एक वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी ने कहा कि दोनों को गुरुवार की रात को सिमना इलाके में पकड़ा गया है.
विशेष शाखा के डीआइजी कृष्णेंदु चक्रवर्ती ने बताया, 'हमारे पास विशेष जानकारी थी कि सचिन और उत्पल गुरुवार रात बांग्लादेश से राज्य की सीमा में प्रवेश करेंगे. जब वे बांग्लादेश से सीमा पार कर गए तो हमने जाल बिछाया और उन्हें पकड़ लिया.'
उन्होंने बताया कि एसबी मुख्यालय में पूछताछ के बाद दोनों को कानूनी कार्रवाई के लिए पश्चिम त्रिपुरा पुलिस को सौंप दिया गया क्योंकि उनके खिलाफ कई मामले लंबित हैं. चक्रवर्ती ने कहा, "उन्हें शुक्रवार को अदालत में पेश किया जाएगा."
अधिकारी ने बताया कि पश्चिमी त्रिपुरा जिले के सिधाई का रहने वाला सचिन हत्याओं और सुरक्षाकर्मियों पर हमलों में शामिल था. चक्रवर्ती ने कहा, 'उन्हें बांग्लादेश में भी जेल भेजा गया था.
सचिन के पास अब एनएलएफटी में कोई महत्वपूर्ण पद नहीं है, हालांकि वह अभी भी गैरकानूनी समूह का एक प्रमुख व्यक्ति है. उत्पल को संगठन का थिंक-टैंक माना जाता था."