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वक्फ कानून पर SC में 15 मई को होगी हियरिंग, CJI गवई की बेंच करेगी सुनवाई

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 17 अप्रैल को इन याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए वक्फ संपत्तियों को डिनोटिफाई करने, सेंट्रल वक्फ काउंसिल समेत बोर्ड्स में नई नियुक्तियों पर रोक लगा दिया था.

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सुप्रीम कोर्ट में वक्फ कानून का मामला
सुप्रीम कोर्ट में वक्फ कानून का मामला

सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ संशोधन कानून की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सोमवार को सुनवाई की. सीजेआई संजीव खन्ना ने सुनवाई टालते हुए कहा कि इस मामले पर अंतरिम आदेश पारित करने से पहले लंबी सुनवाई की जरूरत है.

कोर्ट ने मामले की सुनवाई अगली तारीख तक के लिए टाल दी. सीजेआई खन्ना 13 मई को रिटायर हो रहे हैं. ऐसे में अगले सीजेआई बीआर गवई इस मामले में सुनवाई करेंगे. 

जस्टिस बीआर गवई 14 मई से सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस पद की शपथ लेंगे. अब इस मामले की सुनवाई 15 मई को होगी.

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 17 अप्रैल को इन याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए वक्फ संपत्तियों को डिनोटिफाई करने, सेंट्रल वक्फ काउंसिल समेत बोर्ड्स में नई नियुक्तियों पर रोक लगा दिया था. सर्वोच्च न्यायालय ने इन याचिकाओं पर सरकार से जवाब मांगा था और याचिकाकर्ता को भी इस जवाब पर रिजॉइंडर दाखिल करने के लिए समय दिया था.

सरकार की ओर से हलफनामे में क्या कहा गया

वक्फ संशोधन कानून को लेकर केंद्र सरकार की ओर से दायर हलफनामे में वक्फ बाई यूजर को सही बताया गया. अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय की ओर से सर्वोच्च न्यायालय में दिए गए 1332 पेज के हलफनामे में पुराने वक्फ कानून के प्रावधानों का हवाला देते हुए कहा गया है कि 'वक्फ बाई यूजर' सहित वक्फ संपत्तियों का रजिस्ट्रेशन साल 1923 से ही अनिवार्य है. सरकार ने कहा कि वक्फ (संशोधन) एक्ट 2025, आस्था और पूजा के मामलों को अछूता छोड़ता है और मुसलमानों की धार्मिक प्रथाओं का सम्मान करता है.

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सरकार की ओर से दायर इस हलफनामे में यह भी दावा किया गया कि इस कानून में 2013 के संशोधन के बाद वक्फ भूमि में 20 लाख एकड़ की बढ़ोतरी हुई है. प्राइवेट और सरकारी संपत्तियों पर कब्जा करने के लिए वक्फ प्रावधानों के दुरुपयोग का आरोप भी लगाया गया. केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से वक्फ (संशोधन) एक्ट के खिलाफ दायर याचिकाओं को खारिज करने का आग्रह किया और इसे वास्तव में चौंकाने वाला बताया कि 2013 के संशोधन के बाद औकाफ एरिया में 116 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है.

जवाबी हलफनामे में क्या कहा गया

केंद्र सरकार की ओर से दायर हलफनामे के जवाब में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने भी हलफनामा दायर किया है. जवाबी हलफनामे में केंद्र सरकार की ओर से दायर हलफनामे में दिए आंकड़ों पर सवाल उठाए गए हैं. मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने अपने जवाबी हलफनामे में कहा है कि सरकार, सुप्रीम कोर्ट को गुमराह कर रही है.

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