रूस यूक्रेन पर अब तक न्यूक्लियर हथियारों के इस्तेमाल की धमकी देता रहा है, लेकिन अब अमेरिका ने इसे सिरे से खारिज कर दिया है. अमेरिका ने स्पष्ट किया है कि पुतिन शासन की धमकियों के बावजूद रूस न्यूक्लियर का इस्तेमाल नहीं करेगा. अमेरिकी इंटेलिजेंस के पांच सूत्रों ने इस तरह की चेतावनियों को खारिज किया है. यही वजह है कि यूक्रेन को रूस के भीतर तक हमले करने की सलाह दी गई है.
यूक्रेन के साथ जंग में रूस अपने हमले तेज कर सकता है, नए-घातक हथियारों का इस्तेमाल कर सकता है, लेकिन वो यूक्रेन पर न्यूक्लियर हमले करेगा, इसकी कोई संभावना नहीं है. मसलन, रूसी शासन के चेतावनी के बाद से ही यूएस इंटेलिजेंस इसके असेसमेंट में जुटा था. इस दरमियान उन्होंने पाया कि परमाणु हमले असंभव हैं.
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बाइडेन ने यूक्रेन को खुली छूट दी
राष्ट्रपति जो बाइडेन ने यूक्रेन को खुली छूट दी है और कहा है कि वे रूस के अंदर तक हमले करे. इसके लिए वे अमेरिकी हथियार का भी इस्तेमाल करें, जो कि अधिक घातक हैं. अमेरिका अब भी अपने स्टैंड पर कायम है और सूत्रों की मानें तो राष्ट्रपति बाइडेन के रूख में कोई बदलाव नहीं हुआ है.
रूस ने बैलिस्टिक मिसाइल की लॉन्च
रूस ने पिछले हफ्ते ही नई बैलिस्टिक मिसाइलें लॉन्च की हैं, जिसपर अगर इंटेलिजेंस की मानें तो यह सिर्फ अमेरिका और यूरोप के लिए एक चेतावनी भर थी, और इससे कोई बदलाव नहीं आया है. पांच में एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि रूस ने चाहेगा कि न्यूक्लियर का इस्तेमाल कर तनाव को बढ़ाए. मसलन, रूस अमेरिका को धमकियां दे सकता है, और हालिया मिसाइल लॉन्च भी उसके इसी कैंपेन का हिस्सा है.
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अगस्त के बाद से, जब यूक्रेन ने रूस के कुर्स्क क्षेत्र में अचानक हमला किया, तब से रूस और यूक्रेन के बीच जवाबी हमले भी शुरू हो गए. रूस ने उत्तर कोरिया से मदद ली है, जिसने अमेरिका के मुताबिक, अपने युद्ध में मदद के लिए 11,000 से 12,000 सैनिकों को भेजा है. मसलन, रूस के इसी हमले के बाद से स्थिति साफ हो गई कि वो सिर्फ न्यूक्लियर हमले की चेतावनी दे रहा है, बल्कि असल में इस्तेमाल करने की संभावना नहीं है.