प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैंने कभी चुनाव लड़ने के बारे में नहीं सोचा था. यह मेरे जीवन में अचानक घटित हुआ. ये सब मैंने कभी तय नहीं किया था, मेरी पार्टी ने मुझसे चुनाव लड़ने के लिए कहा और मैंने राजकोट से चुनाव लड़ा और फिर मैंने कई निर्वाचन क्षेत्रों से चुनाव लड़ा. उन्होंने कहा कि अब मैं काशी का प्रतिनिधित्व करता हूं. मेरी पार्टी जो चाहती है मैं उसका पालन करता हूं. पीएम मोदी ने एक चैनल को दिए इंटरव्यू में चुनावी बॉन्ड पर भी चर्चा की. उन्होंने कहा कि आज जो लोग इस पर नाच रहे हैं, उन्हें जल्द ही पछताना पड़ेगा. 2014 से पहले जब चुनाव हुए तो कौन सी एजेंसी बता सकती है कि पैसा कहां से आया और कहां गया? हम चुनावी बॉन्ड लेकर आए, इसलिए आज आप बता पा रहे हैं कि किसने किसको कितना दिया और कैसे दिया. अन्यथा यह पता नहीं चल पाता. कोई भी सिस्टम परफेक्ट नहीं हो सकता. कुछ कमियां हो सकती हैं. लेकिन उन कमियों को दूर किया जा सकता है.
'भ्रष्टाचार के खिलाफ मोदी की लड़ाई रुकने वाली नहीं'
केंद्रीय एजेंसियों को लेकर भी चर्चा की. उन्होंने कहा कि क्या हमारी सरकार आने के बाद ईडी का गठन हुआ? नहीं, क्या हम पीएमएलए लाए? नहीं, ईडी एक स्वतंत्र एजेंसी है और स्वतंत्र काम कर रही है. हम उनके काम में दखल नहीं देते. ईडी के पास करीब 7000 मामले हैं. इनमें राजनेताओं से जुड़े मामलों की संख्या 3% से भी कम हैं. उन्होंने कहा कि जब वर्तमान विपक्ष सत्ता में था, तो जो नकदी जब्त की गई थी, वह बहुत कम थी. हमारी सरकार के समय में 2200 करोड़ रुपये जब्त किए हैं. इसका मतलब है कि एजेंसियों का ऑपरेशन लीक नहीं हो रहा है. इसीलिए ये सब पकड़ में आ रहा है. नकदी के बंडल जब्त किए जा रहे हैं. वॉशिंग मशीन के अंदर भी रखा कैश बरामद किया जा रहा है. पानी के पाइप, बिस्तर आदि में बंडल रखे जाते हैं. कांग्रेस सांसद के पास से 300 करोड़ रुपये जब्त किए गए. वहीं बंगाल में जहां मंत्रियों के पास से पैसे पकड़े गए. मुझे नहीं लगता कि इस देश के लोग यह सब बर्दाश्त करने के लिए तैयार हैं.
'बंगाल में हमने करीब 3000 करोड़ रुपये कुर्क किए'
पीएम मोदी ने कहा कि बंगाल में हमने करीब 3000 करोड़ रुपये कुर्क किए हैं. यह किसका पैसा है? मैं यह देखने की कोशिश कर रहा हूं कि क्या यह सारा पैसा हमने वसूल किया है, क्या इसे गरीबों को वापस दिया जा सकता है? 17,000 करोड़ रुपये हमने उन लोगों को वापस कर दिए हैं, जिन्होंने मनी ट्रेल को देखते हुए इसका भुगतान किया था. ईडी के काम को रोकने के लिए न्यायपालिका को एक बड़े उपकरण के रूप में इस्तेमाल करने का प्रयास किया जा रहा है. वे जानते हैं कि भ्रष्टाचार के खिलाफ मोदी की लड़ाई रुकने वाली नहीं है. इसलिए वे इन एजेंसियों के कानूनों से छुटकारा पाना चाहते हैं.
'राममंदिर के उद्घाटन के वक्त अयोध्या में एक भक्त के रूप में गया'
पीएम मोदी ने कहा कि जब अयोध्या के ट्रस्टियों ने मुझे प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए आमंत्रित किया, तब से मैं अध्यात्म में डूबता चला गया. मैंने जो महसूस किया उसे समझाने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं. मैं उस समय बिल्कुल अलग अनुभव कर रहा था. मैंने निर्णय लिया कि मैं 11 दिन का अनुष्ठान करूंगा. मैंने दक्षिण भारत के उन स्थानों पर समय बिताया, जहां से भगवान राम का कनेक्शन रहा था. मैं उस समय पार्टी और सरकार का काम भी कर रहा था, लेकिन मैंने अपना बाकी समय अध्यात्म में बिताया. जब मैं अयोध्या पहुंचा और एक-एक कदम आगे बढ़ रहा था, तो मेरे मन में यही चलता रहा कि क्या मैं वहां इसलिए जा रहा हूं, क्योंकि मैं पीएम हूं या मैं वहां इसलिए जा रहा हूं कि मैं भारत का नागरिक हूं? मैं अयोध्या में एक भक्त के रूप में गया था. मुझमें पीएम बनने की कोई भावना नहीं थी. यह एक लंबा संघर्ष रहा है, जिसमें कई लोगों ने अपने जीवन का बलिदान दिया. यह 500 वर्षों की लोगों की इच्छा और आस्था थी.
PM मोदी ने कांग्रेस पर साधा निशाना
पीएम मोदी ने कहा कि अगर आप पंडित नेहरू या कांग्रेस के समय को देखें तो हमारे देश में तब एक नैरेटिव था. तब विपक्ष ने कहा था कि सरकार "टाटा-बिड़ला की सरकार" है. संसद में भी नारे लगाए गए. विपक्ष की सोच में दिवालियापन है. यह एक वामपंथी नारा था, लेकिन जिस कांग्रेस पार्टी की इसी बात के लिए आलोचना होती थी, वही कांग्रेस अब हमारी आलोचना कर रही है. यह उदाहरण है कि कांग्रेस कहां पहुंच गयी है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस में आज भी बहुत सारे वरिष्ठ हैं. वे अनुभवी लोग हैं. लेकिन आज उन्हें हाशिये पर रखा जा रहा है. अगर कांग्रेस अपनी पार्टी के भीतर उन नेताओं की बात सुनना शुरू कर दे और उनकी बातों को समझना शुरू कर दे तो इससे कांग्रेस को फायदा होगा. उन्हें मुझसे सलाह की जरूरत नहीं है. उनकी अपनी पार्टी में अच्छे नेता हैं. पीएम मोदी ने कहा कि आज जो भ्रष्टाचारी हैं उन्हें बचाने के लिए रैलियां हो रही हैं. एक तरफ वे लोग हैं जो "भ्रष्टाचारी बचाओ" मंत्र में विश्वास करते हैं, तो हम कहते हैं कि "भ्रष्टाचार हटाओ".
परिवारवाद पर कही ये बात
पीएम ने कहा कि अगर एक परिवार से एक से ज्यादा लोग राजनीति में आते हैं तो मैं उसे वंशवाद की राजनीति नहीं कहता. हम चाहते हैं कि अधिक लोग राजनीति में आएं. अगर एक ही परिवार के 10 लोग भी राजनीति में आते हैं, तो भी मैं इसे बुरा नहीं कहता. लेकिन जब कोई राजनीतिक पार्टी चलती है और उसके फैसले एक परिवार द्वारा लिया जाता है, तो वह वंशवादी पार्टी होती है. इसमें लोकतंत्र नहीं होगा.
'मैं नहीं चाहता था कि उनकी मृत्यु एक राजनीतिक घटना बने'
मां के अंतिम संस्कार के तुरंत बाद काम पर क्यों गए पीएम मोदी, इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इसका श्रेय पीएम मोदी या बेटे मोदी को नहीं जाता. इसका श्रेय मां को जाता है. जब वह 100 साल की हुईं तो जब मैं उनसे मिला तो उन्होंने मुझसे पहला सवाल यही पूछा कि मैं काम छोड़कर क्यों आया हूं? मेरी मां पढ़ी-लिखी नहीं थीं और उन्होंने स्कूल नहीं देखा. वह जीवनभर काम करती रहीं. वह कहती थीं, "काम करो बुद्धि से, जीवन जियो शुद्धि से". वह मुझसे गरीबों के लिए काम करने और समय बर्बाद न करने के लिए कहती रहीं. मैं नहीं चाहता था कि उनकी मृत्यु एक राजनीतिक घटना बने.