संसद के चालू शीतकालीन सत्र का दूसरा दिन भी हंगामेदार रहा. लोकसभा की कार्यवाही विपक्ष के हंगामे के कारण पहले दोपहर 12, फिर 2 बजे तक और इसके बाद दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई. वहीं, राज्यसभा में हंगामे के बीच मणिपुर जीएसटी (दूसरा संशोधन) विधेयक पर संक्षिप्त चर्चा हुई. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संक्षिप्त चर्चा का जवाब दिया और इसके बाद यह बिल राज्यसभा ने ध्वनिमत से लौटा दिया.
संसद के दोनों सदनों में विपक्ष एसआईआर पर चर्चा की मांग पर अड़ा रहा. हंगामे और नारेबाजी के कारण लोकसभा में प्रश्नकाल नहीं चल सका और स्पीकर ओम बिरला ने सदन की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी. स्पीकर ने सदन में जारी गतिरोध दूर करने के लिए अलग-अलग दलों के फ्लोर लीडर्स के साथ बैठक की, लेकिन हल नहीं निकला.
लोकसभा की कार्यवाही 12 बजे जैसे ही शुरू हुई, विपक्षी सदस्य वेल में आ गए और नारेबाजी शुरू कर दी. पीठासीन दिलीप सैकिया ने कार्यवाही दो बजे तक स्थगित कर दी. दो बजे कार्यवाही शुरू हुई, तो भी हंगामा और नारेबाजी जारी रही. इसके बाद सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई. स्पीकर ओम बिरला ने शाम तीन बजे सभी फ्लोर लीडर्स की बैठक बुला ली.
फ्लोर लीडर्स के साथ स्पीकर की बैठक के बाद बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की भी बैठक हुई. बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में भी विपक्षी सदस्यों ने पहले एसआईआर पर चर्चा की डिमांड की. हालांकि, सरकार पहले वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूरे होने पर चर्चा की बात पर अड़ी रही. कांग्रेस सांसद के सुरेश के मुताबिक बीएसी की बैठक में यह तय हुआ है कि लोकसभा में सोमवार (8 दिसंबर) को वंदे मातरम्, मंगलवार (9 दिसंबर) को चुनाव सुधार पर चर्चा होगी.
इससे पहले, राज्यसभा में विपक्षी सदस्यों ने एसआईआर पर चर्चा तुरंत शुरू करने की मांग की. मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि वंदे मातरम् पर चर्चा कभी भी कर लेंगे. वंदे मातरम भी हमने दिया है, इन्होंने (ट्रेजरी बेंच ने) नहीं. इस पर संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि सरकार हर विषय पर चर्चा के लिए तैयार है. हमने कंसल्टेशन की प्रक्रिया शुरू कर दी है. उन्होंने विपक्ष को नसीहत दी कि आप कहें कि अभी शुरू करें, टाइमलाइन तय करें, तो ये कोई तरीका नहीं.
राज्यसभा में खड़गे ने उठाया परंपरा का सवाल
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने परंपरा का सवाल उठाया और कहा कि नियम 267 के तहत चर्चा का नोटिस देने वाले सदस्यों के नाम बताने की परंपरा रही है. सभापति ने ऐसा नहीं किया और ना ही नोटिस अस्वीकार करने का कारण ही बताया. यह उचित नहीं है. विपक्ष के कुछ अन्य सदस्यों ने भी नियम 267 के तहत नोटिस देने वाले सदस्यों के नाम नहीं लिए जाने पर आपत्ति जताई और यह भी कहा कि नोटिस स्वीकार नहीं करने का कारण बताया जाना चाहिए.
यह भी पढ़ें: Parliament Winter Session: 'सरकार SIR पर चर्चा के लिए तैयार',राज्यसभा में बोले रिजिजू, लोकसभा स्थगित
फौजिया खान ने बोलने से किया इनकार
एनसीपी (शरद पवार) की राज्यसभा सांसद डॉक्टर फौजिया खान ने अपनी बारी आने पर बोलने से ही इनकार कर दिया. मणिपुर जीएसटी बिल पर चर्चा के दौरान सभापति सीपी राधाकृष्णन ने आसन से वक्ता के तौर पर फौजिया खान का नाम लिया. फौजिया खान ने इस पर कहा कि हाउस ऑर्डर में नहीं है. सभापति ने उनसे स्पष्ट शब्दों में कहा कि आप बोल रही हैं या नहीं. इस पर फौजिया खान ने कहा कि मैं नहीं बोल सकती. सभी लोग एसआईआर पर चर्चा की मांग कर रहे हैं. उनकी बात सुनी जाए.
यह भी पढ़ें: 'SIR पर तत्काल शुरू हो चर्चा', राज्यसभा में मल्लिकार्जुन खड़गे की मांग, रिजिजू बोले- ये तरीका नहीं
कार्यवाही देखने पहुंचा जॉर्जिया के सांसदों का दल
संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही देखने जॉर्जिया के सांसदों का दल भी पहुंचा. लोकसभा में स्पीकर ओम बिरला ने आसन से जॉर्जिया के संसदीय दल के सदन की कार्यवाही देखने आने की जानकारी दी और कहा कि हम मित्र राष्ट्र जॉर्जिया के सांसदों का स्वागत करते हैं. यह दल राज्यसभा की कार्यवाही देखने भी पहुंचा, जहां आसन से सभापति सीपी राधाकृष्णन ने स्वागत किया.