पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर भारत ने पाकिस्तान को अंजाम भुगतने की चेतावनी दी है. दोनों मुल्कों में तनाव बढ़ गया है. इस बीच भारतीय सैन्य बलों के भीतर ट्रांसफर-पोस्टिंग भी चल रही है, लेकिन पाकिस्तानी मीडिया में उन खबरों को फर्जी तरीके से प्रचारित किया जा रहा है.
पाकिस्तान आधारित मीडिया आउटलेट्स और सोशल मीडिया हैंडल्स भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारियों की छवि धूमिल करने के लिए एक संगठित दुष्प्रचार अभियान चला रही है. हालांकि, इन कोशिशों को आधिकारिक रिकॉर्ड्स और प्रामाणिक फैक्ट-चेकिंग ने खारिज कर दिया है.
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लेफ्टिनेंट जनरल डीएस राणा को "बर्खास्त" करने की फर्जी खबर!
पाकिस्तानी चैनलों और ट्रोल नेटवर्क ने दावा किया कि रक्षा खुफिया एजेंसी के महानिदेशक, लेफ्टिनेंट जनरल डीएस राणा को "बर्खास्त" कर अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह के "काला पानी" जेल में भेज दिया गया है. हालांकि, सच्चाई यह है कि जनरल राणा को कमांडर-इन-चीफ के पद पर प्रमोट किया गया है. वह 1 जून 2025 को अंडमान और निकोबार कमांड का पदभार ग्रहण करेंगे.
लेफ्टिनेंट जनरल एम वी सुचिंद्र कुमार पर फर्जी कहानी
प्रो-पाकिस्तानी सोशल- मीडिया हैंडल्स ने संकेत दिया कि लेफ्टिनेंट जनरल एमवी सुचिंद्र कुमार को पहलगाम हमले से जुड़े सुरक्षा विफलताओं के कारण उत्तरी कमान से "हटा" दिया गया है. असल में, जनरल सुचिंद्र कुमार ने 30 अप्रैल 2025 को रिटायरमेंट के मौके पर सम्मानपूर्वक सेना से विदाई ली. उनका पद छोड़ना पहले से तय और सूचित था.
एयर मार्शल एसपी धरकर के खिलाफ मनगढ़ंत आरोप
पाकिस्तान आधारित सोशल अकाउंट्स के एक नेटवर्क ने दावा किया कि वायु सेना के उप-प्रमुख एयर मार्शल एसपी धरकर को "पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध लड़ने से इनकार" के लिए "बर्खास्त" कर दिया गया. वास्तव में, धरकर ने 30 अप्रैल 2025 को अपनी सेवा पूरी की और उन्हें नेशनल वॉर मेमोरियल में विदाई दी गई. उनके स्थान पर एयर मार्शल नर्मदेश्वर तिवारी ने उप-प्रमुख का पदभार संभाला है.
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फर्जी खबरों का पैटर्न
पाकिस्तानी मीडिया आउटलेट्स और पाकिस्तान आधारित सोशल अकाउंट्स के जरिए इन फर्जी खबरों की वेव तब आई है जब भारत ने पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान को अंजाम भुगतने की चेतावनी दी. भारत ने अबतक पाकिस्तान को कूटनीतिक तौर पर ही जवाब दिया है, लेकिन सैन्य मोर्चे पर भारत ने पाकिस्तान को सब सिखाने की चेतावनी दी है. हालांकि, इन झूठी कहानियों को पहले से स्थापित आईएसआई-लिंक्ड सोशल मीडिया द्वारा फैलाया जा रहा है.
रक्षा मंत्रालय ने दावों और आरोपों को किया खारिज
रक्षा मंत्रालय, डिफेंस स्टाफ हेडक्वार्टर्स और इंडिमेंडेंट मीडिया आउटलेट्स ने पाकिस्तानी मीडिया और उसके सोशल अकाउंट्स द्वारा की जा रही फर्जी खबरों का खंडन किया था. भारत ने आईटी एक्ट के मुताबिक, पाकिस्तान आधारित चैनलों और खातों को भी ब्लॉक कर दिया है, जिससे भारत में फर्जी खबरों के प्रसार को रोका जा सके.