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'सवारी के लिए समय पर घोड़े नहीं मिल पाए...', पहलगाम में कुछ इस तरह बाल-बाल बचे महाराष्ट्र के 17 लोग

पहलगाम आतंकी हमले को लेकर बाद में पता चला था कि आतंकियों ने स्थानीय कश्मीरी आतंकियों और ओवर ग्राउंड वर्कर्स के साथ मिलकर हमले से पहले इलाके की रेकी की थी. हमलावर ने हमले के लिए बैसरन को इसलिए चुना क्योंकि इस इलाके में सुरक्षाबलों की तैनाती नहीं थी. 

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महाराष्ट्र के पर्यटक जो इस हमले में बाल-बाल बचे
महाराष्ट्र के पर्यटक जो इस हमले में बाल-बाल बचे

जम्मू कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को बड़ा आतंकी हमला हुआ जिसमें 26 लोगों की मौत हो गई जबकि 17 लोग घायल हो गए. इस हमले से पूरा देश गमगीन है. इस त्रासदी के बीच उन लोगों की कहानियां भी सामने आ रही हैं जो इस हमले में बाल-बाल बचने में कामयाब रहे. 

पहलगाम की जिस बैसारन घाटी में यह हमला हुआ. उससे लगभग डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर महाराष्ट्र के कोल्हापुर और सोलापुर जिले के 17 सैलानी थे. इन लोगों को बैसारन वैली पहुंचना था लेकिन समय पर घोड़े नहीं मिलने की वजह से ये लोग वहां नहीं पहुंच पाए और इस हादसे का शिकार होने से बच गए. 

इस ग्रुप में शामिल कोल्हापुर के सुरेंद्र दत्तात्रेय सपाले ने बताया कि हम लोगों ने भी गोलियों की आवाज सुनी थी. हम लोग कश्मीर घूमने आए थे. हमें बैसारन वैली पहुंचना था लेकिन हमें घोड़े नहीं मिल पाए. फिर हमें पता चला कि आतंकी हमला हुआ है, जिसके बाद हम वहां से पीछे लौट गाए. हम भारतीय सेना और स्थानीय लोगों की मदद से सुरक्षित जगह पहुंचे. कहा जा रहा है कि यह परिवार अभी भी डर के माहौल में जी रहे हैं. कोल्हापुर जिला प्रशासन ने इन लोगों को संपर्क में है.

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सुरेंद्र दत्तात्रेय सपाले
सुरेंद्र दत्तात्रेय सपाले

पहलगाम आतंकी हमले को लेकर बाद में पता चला था कि आतंकियों ने स्थानीय कश्मीरी आतंकियों और ओवर ग्राउंड वर्कर्स के साथ मिलकर हमले से पहले इलाके की रेकी की थी. हमलावर ने हमले के लिए बैसरन को इसलिए चुना क्योंकि इस इलाके में सुरक्षाबलों की तैनाती नहीं थी. 

शुरुआती जांच में पता चला था कि आतंकियों ने बॉडीकैम पहने हुए थे. हमलावरों ने इस पूरे हमले की वीडियोग्राफी की थी. आतंकियों ने महिलाओं और पुरुषों को अलग-अलग कर दिया था. इसके बाद चुन-चुनकर लोगों को मारा गया. कुछ लोगों को दूर से गोली मारी गई जबकि बाकी को पास से गोली मारी गई. 

जांच में पता चला है कि आतंकियों ने जानबूझकर पहलगाम को हमले के लिए चुना. यहां सुरक्षाबलों की तैनाती नहीं है और हमले के बाद बचाव कार्य में समय लगेगा. आतंकियों ने छिपने के लिए घने जंगल में ठिकाने बना लिए थे. स्थानीय आतंकियों की मदद से आतंकियों ने शायद अब अपनी लोकेशन बदल ली है.

बता दें कि पहलगाम में मंगलवार को हुए आतंकी हमले में अब तक 26 लोगों की मौत हुई है जबकि 17 घायल हुए हैं. यह हमला पहलगाम की बैसारन घाटी में किया गया, जिसमें आतंकियों ने चुन-चुनकर लोगों को निशाना बनाया.

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इनपुट: दीपक सूर्यवंशी
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