ओडिशा के गंजाम जिले से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है. यहां एक नर्सिंग होम में बिना मेडिकल डिग्री और योग्य डॉक्टर की मौजूदगी के प्रसव (डिलीवरी) कराई गई, जिसके चलते महिला और उसके नवजात शिशु दोनों की मौत हो गई. इस लापरवाही भरे कृत्य को अंजाम देने वाले नर्सिंग होम के संचालक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.
पुलिस के अनुसार, आरोपी का नाम मंगुलु चरण प्रधान (35) है, जो गंजाम जिले के डेंगाउस्ता गांव का रहने वाला है. उसने अपने नर्सिंग होम में 11 मई को यह डिलीवरी कराई थी. इस दौरान उसके साथ दो एएनएम (सहायक नर्स दाई) भी मौजूद थीं.
पति की शिकायत पर मामला दर्ज
मृतका के पति बाबू नायक कोराखांडी गांव के रहने वाले हैं, उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी. शिकायत के आधार पर पुलिस ने आरोपी प्रधान को उसके गांव से गिरफ्तार किया. पुलिस पहले ही इस मामले में शामिल दो एएनएम को गिरफ्तार कर चुकी है. इनमें मधुस्मिता पटनायक को 19 मई और प्रमोदिनी गामंगो को 10 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था.
झूठा भरोसा दिलाया गया
पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि नर्सिंग होम प्रबंधन ने मृतका के परिवार को झूठा भरोसा दिलाया था कि उनके पास सुरक्षित डिलीवरी के लिए सभी आवश्यक सुविधाएं मौजूद हैं. इसी भरोसे के चलते रोजी नायक नाम की गर्भवती महिला को 11 मई को वहां भर्ती कराया गया.
प्रसव के दौरान लापरवाही
जांच अधिकारियों के मुताबिक, रोजी नायक को चार घंटे तक लेबर पेन झेलना पड़ा. इसके बाद आरोपी संचालक और दोनों एएनएम ने बिना किसी रजिस्टर्ड डॉक्टर की मौजूदगी में प्रसव कराया. डिलीवरी के कुछ समय बाद नवजात की मौत हो गई. हालत बिगड़ने पर रोजी को तुरंत एमकेसीजी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, ब्रह्मपुर रेफर किया गया, लेकिन रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया.
पुलिस की कार्रवाई
दिगपहांडी थाने के प्रभारी प्रशांत कुमार पात्रा ने बताया कि अब तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और मामले की गहन जांच जारी है. पुलिस यह भी जांच कर रही है कि नर्सिंग होम किस तरह बिना मान्यता और डॉक्टरों की मौजूदगी के संचालित हो रहा था.
लोगों में आक्रोश
इस घटना से स्थानीय लोगों में गुस्सा है. उनका कहना है कि झूठे दावे और गैर-जिम्मेदाराना रवैये की वजह से एक महिला और उसके बच्चे की जान चली गई. परिजन न्याय की मांग कर रहे हैं.